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Romance प्यास और हवस
#14
अपडेट 7

उस लड़के की बात सुन कर हमारे पैरों तले से ज़मीन खिसक गयी…एक पल के लिए मेने भाभी की तरफ देखा….और फिर हम दोनो बिना दुपट्टा लिए, घर से बाहर की तरफ भागी….जब बाहर रोड पर पहुँचे तो वहाँ पर लोगो की बहुत ज़्यादा भीड़ थी…हम भीड़ को चीरते हुए आगे बढ़े तो, देखा भैया ट्रक के अगले टाइयर के थोड़ा सा पीछे पड़े तड़प रहे थे…ट्रक का टाइयर उनकी टाँगो के ऊपेर से निकल गया था..

और उनकी दोनो टांगे बुरी तरह पिस चुकी थी…तभी पास के ही हॉस्पिटल की आंब्युलेन्स वहाँ आ गये…और हम वहाँ से भैया को लेकर हॉस्पिटल मे पहुँचे…पूरी रात हम हॉस्पिटल मे ही रहे…सुबह हमे पता चला कि भैया की दोनो टाँगो को काटना पड़ा था..नही तो उन्हे बचाना मुस्किल था….वैसे भी उनके टाँगे बेकार हो गयी थी… सुबह पोलीस भी आ गयी…इनस्पेक्टर ने मुझे बताया कि, उन्होने ट्रक ड्राइवर को पकड़ा हुआ है…उन्होने भैया का स्टेट्मेंट पहले से ही ले लिया था…

इनस्पेक्टर ने बताया कि, वो ड्राइवर जिस ट्रांसपोर्ट का ट्रक चला रहा था..वो ट्रांसपोर्टेर हम से मिलना चाहता था…हम सब हॉस्पिटल के एक खाली रूम मे इकट्ठा हुए, तो तो ट्रांसपोर्टेर ने अपने ड्राइवर की ग़लती के लिए हम से माफी माँगी….इनस्पेक्टर ने बताया कि आपका भाई नशे मे था…और ये आक्सिडेंट उसी की ग़लती वजह से हुआ है…इसलिए आप इस आक्सिडेंट पर कोई केस फाइल ना करे….और बदले मे ट्रांसपोर्ट के मालिक हमे 20 लाख रुपये देने के लिए तैयार है….

मेने और भाभी ने इस बारे मे बहुत सोचा..अगर हम केस भी करते तो हमारे हाथ कुछ ना लगता….उसी दिन हम ने फैंसला कर लिया था कि, हम ये केस रज़ामंदी के साथ बंद कर देंगे…भाभी के मम्मी पापा ने भी हमें यही सलाह दी….ट्रांसपोर्ट के मालिक ने हमे उसी शाम 20 लाख रुपये दे दिए….और हमने केस को क्लोज़ करवा दिया.. उस दिन सनडे था…भैया को अभी 7 दिन और हॉस्पिटल मे रखना था….इसलिए भाभी अगले दिन कॉलेज नही जा पे….मेने जय सर को जब ये बात बताई तो उन्होने कहा कि, तुम घर जाओ…तुम्हारी भाभी और भैया को इस समय तुम्हारी ज़रूरत है….



और किसी भी तरह की मदद की ज़रूरत हो तो मुझे कहना….मैं वहाँ से सीधा हॉस्पिटल आ गयी…वहाँ पर भाभी की मम्मी पापा और भाई भी थे…मेने भाभी से जाकर भैया का हाल चाल पूछा….तो उन्होने कहा कि भैया अभी पहले से काफ़ी बेहतर है…तभी भाभी के पापा ने मुझसे कहा…..”डॉली बेटा हमने तुमसे एक ज़रूरी बात करनी है….” 



मैं: जी कहिए ना….



अंकल: यहाँ नही बेटा चलो कॅंटीन मे चलते है….वहाँ पर आराम से बैठ कर बात करेंगे…और तुम्हारी भाभी ने सुबह से कुछ नही खाया है….वो भी कुछ खा लेगी.


मैं: ठीक है अंकल जैसे आप कहे़...

हम सब वहाँ से कॅंटीन मे आ गये….वहाँ कॅंटीन मे भाभी के लिए समोसे मँगवाए और हम सब ने चाइ ऑर्डर की…”देखो डॉली बेटा….अब तक जो हम से बन पड़ा हम ने अपनी बेटी के लिए किया…पर हमारी भी कुछ लिमिट्स है…देखो इसको ग़लत तरीके से मत लेना….पर मैं यहाँ पर तुम्हे और तुम्हारी भाभी दोनो को सॉफ-2 बता रहा हूँ कि, जो पैसे कल तुम दोनो को मिले है…उनमे से कुछ पैसो से अपने पुराने वाले घर को तुड़वा कर ठीक ढंग का नया मकान बना लो…चाहे छोटा सा ही…पर बना लो…और बाकी जो पैसे बचेंगे….मेरे ख़याल से कम से कम 6 लाख तुम्हारे घर और बाकी के समान को खरीदने मे लग जाएँगे….बाकी 14 लाख तुम दोनो अपने-2 बॅंक अकाउंट मे जमा करवा लो….


तुम भी मेरे बेटी जैसी हो….इसलिए मैं तुम्हारी साथ कोई नाइंसाफी नही कर सकता. अपने भाई की एक ना सुनना…अगर उसके हाथ ये पैसे लगे तो वो बेड पर लेटा लेटा ही सब कुछ उजाड़ देगा…” मैं अंकल की बात से एक दम सहमत थी….आख़िर अब हमारा इस दुनिया मे कॉन था…जो ज़रूरत के वक़्त हमे सहारा देता….अगले ही दिन मैने और भाभी ने अपने-2 बॅंक अकाउंट मे 7-7 लाख रुपये जमा करवा दिए…कॉलेज से मेरे दो ऑफ चुके थे. भाभी तो अभी कॉलेज नही जा सकती थी…

जय सर ने भाभी को 7 दिन की लीव दे दी थी….क्योंकि 7 दिन बाद वैसे भी कॉलेज सम्मर वकेशन पर क्लोज़ होने वाला था एक महीने के लिए…..



28 मे जब मैं कॉलेज पहुँची, तो मुझे पता चला कि, +1 और +2 के क्लासस को डॅल्लूसियी हिल स्टेशन पर 1 जून से लेकर 4 जून तक टूर पर लेकर जा रहे थे. जय सर ने मुझे साथ चलने के लिए कहा…क्योंकि मैं उन क्लासस को पढ़ाती थी..साथ जय सर और एक जेंट्स टीचर और दो लॅडीस टीचर्स भी चल रहे थे….


मेने जय सर को मना किया…पर मुझे जय सर ने कहा कि, तुम्हे साथ मैं जाना ही होगा…मुझे सर की बात माननी पड़ी….सर ने दो एसी बसों का इंतज़ाम किया हुआ था. हम सब 1 जून को सुबह 9 बजे कॉलेज के ग्राउंड मे इकट्ठा हुए, सब स्टूडेंट्स और टीचर जो साथ चल रहे थे…बेहद खुस थी….धीरे-2 सभी स्टूडेंट्स बस मे चढ़ने लगे…मैं भी बस मे चढ़ि…आगे वाली सीट भर चुकी थी…पर लास्ट वाले कुछ रौ खाली थी….मैं बस के पीछे की तरफ बढ़ी…तो मेरी नज़र राज पर पड़ी. और अगले ही पल मैं ये देख कर गुस्से से भर गयी कि, वो ललिता के साथ बैठा हुआ था.. 

बस के एक तरफ तीन सीट्स होती है तो दूसरी दो सीट्स होती…दोनो दो सीट्स वाली तरफ बैठे हुए थे….मैने पीछे बैठ कर ललिता को आवाज़ लगाई…”ललिता इधर आजा…इधर जगह खाली है…” पर मेरे पीछे भी कुछ और स्टूडेंट्स चढ़ रहे थी…हमारे कॉलेज की हिन्दी की टीचर सुनीता मेरे पास आकर बैठ गयी….



सुनीता: अर्रे वहाँ बैठे रहने दो ना उसे….मैं तुम्हारे साथ बैठती हूँ…गप्पें मारेंगे सारे रास्ते….



मैं: ललिता आजा ना….


मेने देखा कि राज ने धीरे से ललिता के कान मे कुछ कहा…ललिता ने एक बार मेरी तरफ देखा और थोड़े उदास से चेहरे से बोली…”मैं यही ठीक हूँ मॅम….” मुझे उसकी ये बात सुन कर बहुत हैरानी हुई…खैर बस चली पड़ी…बहुत लंबा सफ़र था..हम ने बीच मे दो बार ब्रेक लिया….और हम दोपहर को 2 बजे डलहौजि पहुँचे …

जय सर, ने वहाँ पर एक होटेल पूरा का बूरा बुक करवा रख था…होटेल मे 40 रूम थे….हम 5 टीचर्स के लिए एक-2 रूम और 120 स्टूडेंट्स को बाकी के 35 रूम शेर करने थे….लड़कियों के लिए अलग और लड़को के लिए अलग…जय सर और मैथ वाले सर ने मिल कर सब बच्चों को बता दिया कि, कॉन किस रूम मे रहेगा…सफ़र की थॅकन से हम सभी पस्त थे….लंच तो हम ने रास्ते मे ही कर लिया था..



सब अपने -2 रूम्स मे जाकर आराम करने लगे….मैं भी अपने रूम मे पहुँची और फ्रेश होने के बाद बेड पर लेटते ही सो गयी…..डलहौजी का मौसम बेहद ठंडा था. जब मेरी आँख खुली तो 5 बज रहे थे….मैं फ्रेश होकर अपने रूम से बाहर आई तो एक स्टूडेंट्स से पता चला कि सब लोग बाहर होटेल के पार्क मे है…मैं बाहर पार्क मे आ गयी…और बाकी के टीचर्स के साथ जाकर बैठ गयी…


सभी स्टूडेंट्स इधर उधर बैठे हुए एक दूसरे से बातें कर रहे थे…पर मेरी नज़र ललिता को ढूँढ रही थी….पर मुझे ललिता कही दिखाई नही दी….मैं थोड़ा परेशान हो गयी क्योंकि मुझे राज भी कही नज़र नही आ रहा था…मैं चारो तरफ देख रही थी. तभी मुझे होटेल के अंदर से राज आता हुआ नज़र आया…और पार्क मे आया और अपने दोस्तो के पास जाकर खड़ा हो गया….तभी ये देख कर कि ललिता भी होटेल के अंदर से बाहर आ रही है…मैं एक से घबरा गयी….मैं उठ कर ललिता की तरफ गयी...

जैसे ही मैं ललिता के सामने जाकर खड़ी हुई, तो ललिता एक दम से घबरा गयी….उसके चेहरे का रंग एक दम से उड़ गया….”कहाँ थी तुम सब लोग बाहर है….और तुम अंदर क्या कर रही थी….”



ललिता: जी वो मैं जी….वो मैं वॉशरूम गयी थी….



मैं: मेने देखा राज भी अभी बाहर आया था..तुमसे पहले कही वो तुम्हे परेशान तो नही कर रहा….



ललिता: जी जी नही मैं तो वॉश रूम मे थी…मुझे पता नही….



मैं: ललिता क्या चल रहा सच-2 बताओ…..



ललिता: जी मॅम मैं कुछ समझी नही….



मैं: देखो ललिता मैं तुम्हारी टीचर हूँ…और मुझे तुमसे बहुत ज़्यादा एक्सपीरियेन्स है… सच सच बताओ तुम दोनो के बीच मे क्या चल रहा है….कही वो तुम्हे किसी बात को लेकर ब्लॅकमेल तो नही कर रहा…



ललिता: जी नही मॅम ऐसी कोई बात नही है….



मैं: तो फिर जब मेने तुम्हे बस मे अपने पास बैठने के लिए बुलाया था….तो तुम क्यों नही आई…उसके पास से उठ कर या फिर तुम खुद उसके पास बैठना चाहती थी.



ललिता: नही मेम ऐसे कोई बात नही है सच मे….वो दरअसल मुझे विंडो वाली सीट पर ही बैठना था, क्योंकि मुझे बस मे वॉर्म्टिंग होने लगती है…इसलिए नही आई आपके पास…..आपके पास विंडो सीट नही थी…नही तो मेरा बुरा हाल हो जाता…



मैं: तुम सच कह रही हो ना…


ललिता: यस मॅम…

मैं: अच्छा आओ वहाँ चल कर बैठते है….



फिर सब लोग अपनी मस्ती मे लगे रहे….बाहर पार्क मे रात को डिन्नर की स्टॉल लग गयी थी..क्योंकि हर एक के रूम मे जाकर सर्व करना होटेल वालो के लिए मुस्किल था…हम सब ने वहाँ पर खूब मस्ती की….फिर रात को खाना खाया और अपने -2 रूम्स मे जाकर सो गये…क्योंकि अगली सुबह हम सब को डलहौजी घूमना था….मैं अपने रूम मे बेड पर लेटी सोच रही थी कि, ललिता एक दम से काफ़ी बदल गयी….अब वो राज की माजूदगी मे कम और मेरी माजूदगी मे ज़्यादा परेशान होने लगी थी…


यही एक बात मेरे दिमाग़ मे खटक रही थी….पर मैने तो ललिता को सॉफ-2 कहा था कि, अगर कोई तकलीफ़ हो तो मुझे बता दे….हो सकता है, सच मे उसको कोई प्राब्लम ना हो. और शायद मैं अपने मन मे बसी मर्दो के लिए नफ़रत के कारण ललिता को लेकर ज़्यादा पगेसिव हो रही हूँ…और मैं उस पर कुछ ज़्यादा ही नज़र रख रही हूँ…
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प्यास और हवस - by APLOVE15@ - 13-06-2021, 11:48 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 18-06-2021, 11:04 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 18-06-2021, 04:20 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 18-06-2021, 09:22 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 20-06-2021, 11:07 AM
RE: प्यास और हवस - by APLOVE15@ - 20-06-2021, 05:41 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 20-06-2021, 08:07 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 21-06-2021, 05:49 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 22-06-2021, 11:43 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 22-06-2021, 10:45 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 23-06-2021, 11:06 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 23-06-2021, 04:50 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 25-06-2021, 09:08 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 26-06-2021, 01:49 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 28-06-2021, 10:05 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 01-07-2021, 09:10 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 02-07-2021, 02:54 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 05-07-2021, 10:59 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 07-07-2021, 09:19 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 09-07-2021, 10:12 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 11-07-2021, 03:54 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 12-07-2021, 11:15 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 13-07-2021, 05:53 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 17-07-2021, 11:53 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 22-07-2021, 11:11 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 24-07-2021, 10:09 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 26-07-2021, 09:12 PM
RE: प्यास और हवस - by Newdevil - 27-07-2021, 03:31 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 27-07-2021, 08:55 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 03-08-2021, 09:10 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 04-08-2021, 04:25 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 06-08-2021, 12:52 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 08-08-2021, 04:19 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 09-08-2021, 06:28 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 14-08-2021, 02:57 PM
RE: प्यास और हवस - by usaiha2 - 14-08-2021, 04:47 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 14-08-2021, 06:01 PM
RE: प्यास और हवस - by Abr Roy - 14-08-2021, 06:55 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 15-08-2021, 01:32 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 16-08-2021, 12:56 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 18-08-2021, 09:13 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 21-08-2021, 08:49 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 26-08-2021, 07:35 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 27-08-2021, 10:12 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 27-08-2021, 12:13 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 28-08-2021, 02:55 PM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 01-09-2021, 07:24 AM
RE: प्यास और हवस - by Eswar P - 06-09-2021, 05:53 PM



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