12-04-2019, 11:24 AM
एक दिन जब रिया मेरे घर आई थी, हम उपरवाले कमरे में पढाई करने बैठे थे,
मै कुर्सी पर और रिया टेबल से टिक कर बैठे थे .
अचानक मैं उठ के खड़ी हो गयी, और उसी समय रिया भी सीधी होने जा रही थी,
परिणामवश हम दोनो भी जोरोसे टकरा गई.
मेरी कोहनी रियाकी छाती से जा टकराई ...
रिया : उई माँ ........ मर गई .....
मै: सॉरी रिया .... बहोत लगा क्या रे
रिया छाती से हाथ लगाये बैठ गई
मैंने उसे फिर पूछा "बहोत दर्द हो रहा है क्या?
और मैंने उसकी छाती पर हाथ रखा, रिया ने पटाक से मेरा हाथ अपने सिने पे दबाते हूए लाबी साँसे लेना शुरू किया .
मैंने सोचा की मालिश करने से उसे कुछ राहत मिलेंगी इसलिए मैंने धीरे से उसकी छाती को मसलना शुरू किया
अब रिया ने आपनी आँखे बंद कर ली थी और उसने मेरा दूसरा हाथ पकडके अपने दुसरे स्तन पर रख दिया ,
और मेरे हथोको उपरसे ही दबाने लगी.
मैंने भी अनजाने में उसके स्तानोका मर्दन करना शुरू किया.
थोड़ी देर बाद मैंने रुकना चाहा,
तो रिया बोली "प्लीज महक , रुक मत यार ...... और जोरो से दबा .... प्लीज़ "
और उसने अपना टॉप थोडा खिसका कर मेरे हाथो को अपनी टॉप के अन्दर खीचा,
अन्दर समीज या ब्रा कुछ भी नहीं था, उसकी नंगी छतिया मेरे हाथो में थी .
मैं असमंजस में थोड़ी देर रुक गई
रिया फिर बोली " प्लीज़ यार महक ...... दबा इनको .... जोर से दबा दे इनको "
मैं फिर अपने काम में लग गई (दबाने के ) ,
दोस्तों अब मुझे भी अजीब सा मजा आने लगा था.
रिया तो अपनी आखें बंद करके पूरी मस्ती में झूम रही थी,
मैंने महसूस किया की रिया के निप्पल एकदम कड़े होने लगे, उसने आँखे खोली तो उसकी आँखे गुलाबी लगने लगी ,
उसने एक झटकेसे मुझे अपनी और खीचा और मेरे होंठो पे अपने होठ रख कर पागलो की तरह चूमने लगी.
मैं कसमसाई, ताकत लगाकर मैंने उसे दूर धकेला
मैं: ये क्या कर रही हो .....
रिया मुझे फिरसे आमने पास खीचते हुए बोली "मेरी जान आ जा मेरी प्यास बुझा दे , मेरे बदन में आग लगी है...... आजा मेरी जान"
मै: "ये क्या पागलो जैसी हरकत कर रही हो रिया ..... छोडो मुझे...." और मैंने उसे जबरदस्ती अपनेसे अलग किया .
रिया: प्लीज यार महक ..... प्लीज .... फिरसे दबा दे ...... देख मैं कैसी जल रही हूँ.... मेरा बदन कैसे तप रहा है......"
इतना कहके उसने मेरा हाथ फिरसे उसकी टॉप के अन्दर डाल दिया.
मैंने महसूस किया की उसका बदन भट्टी की तरह तप रहा था. उसकी आँखे लाल हो गई थी .
घबराकर मैं बोली " अरे तेरा बदन तो बहोत ज्यादा गरम लग रहा है.... बुखार आया क्या ?"
रिया : " हा मेरी जान .... ये जवानी का बुखार चढ़ा है मेरे ऊपर .... जल्दी से इसे ठंडा करदे...."
और फिरसे वो मेरे हाथो से उसकी छतिया दबाने लगी .
मैं: "रिया रुक मैं मामी से मांग के कुछ मेडिसिन लाती हूँ"
मैंने फिरसे अपने आप को छुडाने का असफल प्रयास किया.
रिया मेरे हाथ जबरदस्ती से भिचते हूए बोली
" हाय रे मेरी भोली डॉक्टर ..... मेरी मेडिसिन तो तेरे ही पास है "
मैं: " मैं समझी नहीं रिया..... ये तुम क्या बोल रही हो ......."
रिया: " मैं सब समझाती हूँ मेरी भोली महक .... तू बस इनको दबाती जा ......"
मैंने हथियार डालते हुए उसके स्तनों को दबाना शुरू किया ......
मेरे लिए भी ये नया अनुभव था . मुझे कुछ कुछ अच्छा भी लगने लगा था .....
रिया ने फिरसे मुझे आपने पास खीचा और मेरे होंठोपे चुम्बन जड़ दिया .
रिया: " क्या तुमने अभी तक ऐसा नहीं किया ?"
मैं :"ऐसा यानी ..... मै समझी नहीं "
रिया: " मेरी भोली बन्नो ..... क्या आजतक तुमने किसी को चुम्मा नहीं दिया..... "
मैं: "छि .... गन्दी कही की ......"
मै कुर्सी पर और रिया टेबल से टिक कर बैठे थे .
अचानक मैं उठ के खड़ी हो गयी, और उसी समय रिया भी सीधी होने जा रही थी,
परिणामवश हम दोनो भी जोरोसे टकरा गई.
मेरी कोहनी रियाकी छाती से जा टकराई ...
रिया : उई माँ ........ मर गई .....
मै: सॉरी रिया .... बहोत लगा क्या रे
रिया छाती से हाथ लगाये बैठ गई
मैंने उसे फिर पूछा "बहोत दर्द हो रहा है क्या?
और मैंने उसकी छाती पर हाथ रखा, रिया ने पटाक से मेरा हाथ अपने सिने पे दबाते हूए लाबी साँसे लेना शुरू किया .
मैंने सोचा की मालिश करने से उसे कुछ राहत मिलेंगी इसलिए मैंने धीरे से उसकी छाती को मसलना शुरू किया
अब रिया ने आपनी आँखे बंद कर ली थी और उसने मेरा दूसरा हाथ पकडके अपने दुसरे स्तन पर रख दिया ,
और मेरे हथोको उपरसे ही दबाने लगी.
मैंने भी अनजाने में उसके स्तानोका मर्दन करना शुरू किया.
थोड़ी देर बाद मैंने रुकना चाहा,
तो रिया बोली "प्लीज महक , रुक मत यार ...... और जोरो से दबा .... प्लीज़ "
और उसने अपना टॉप थोडा खिसका कर मेरे हाथो को अपनी टॉप के अन्दर खीचा,
अन्दर समीज या ब्रा कुछ भी नहीं था, उसकी नंगी छतिया मेरे हाथो में थी .
मैं असमंजस में थोड़ी देर रुक गई
रिया फिर बोली " प्लीज़ यार महक ...... दबा इनको .... जोर से दबा दे इनको "
मैं फिर अपने काम में लग गई (दबाने के ) ,
दोस्तों अब मुझे भी अजीब सा मजा आने लगा था.
रिया तो अपनी आखें बंद करके पूरी मस्ती में झूम रही थी,
मैंने महसूस किया की रिया के निप्पल एकदम कड़े होने लगे, उसने आँखे खोली तो उसकी आँखे गुलाबी लगने लगी ,
उसने एक झटकेसे मुझे अपनी और खीचा और मेरे होंठो पे अपने होठ रख कर पागलो की तरह चूमने लगी.
मैं कसमसाई, ताकत लगाकर मैंने उसे दूर धकेला
मैं: ये क्या कर रही हो .....
रिया मुझे फिरसे आमने पास खीचते हुए बोली "मेरी जान आ जा मेरी प्यास बुझा दे , मेरे बदन में आग लगी है...... आजा मेरी जान"
मै: "ये क्या पागलो जैसी हरकत कर रही हो रिया ..... छोडो मुझे...." और मैंने उसे जबरदस्ती अपनेसे अलग किया .
रिया: प्लीज यार महक ..... प्लीज .... फिरसे दबा दे ...... देख मैं कैसी जल रही हूँ.... मेरा बदन कैसे तप रहा है......"
इतना कहके उसने मेरा हाथ फिरसे उसकी टॉप के अन्दर डाल दिया.
मैंने महसूस किया की उसका बदन भट्टी की तरह तप रहा था. उसकी आँखे लाल हो गई थी .
घबराकर मैं बोली " अरे तेरा बदन तो बहोत ज्यादा गरम लग रहा है.... बुखार आया क्या ?"
रिया : " हा मेरी जान .... ये जवानी का बुखार चढ़ा है मेरे ऊपर .... जल्दी से इसे ठंडा करदे...."
और फिरसे वो मेरे हाथो से उसकी छतिया दबाने लगी .
मैं: "रिया रुक मैं मामी से मांग के कुछ मेडिसिन लाती हूँ"
मैंने फिरसे अपने आप को छुडाने का असफल प्रयास किया.
रिया मेरे हाथ जबरदस्ती से भिचते हूए बोली
" हाय रे मेरी भोली डॉक्टर ..... मेरी मेडिसिन तो तेरे ही पास है "
मैं: " मैं समझी नहीं रिया..... ये तुम क्या बोल रही हो ......."
रिया: " मैं सब समझाती हूँ मेरी भोली महक .... तू बस इनको दबाती जा ......"
मैंने हथियार डालते हुए उसके स्तनों को दबाना शुरू किया ......
मेरे लिए भी ये नया अनुभव था . मुझे कुछ कुछ अच्छा भी लगने लगा था .....
रिया ने फिरसे मुझे आपने पास खीचा और मेरे होंठोपे चुम्बन जड़ दिया .
रिया: " क्या तुमने अभी तक ऐसा नहीं किया ?"
मैं :"ऐसा यानी ..... मै समझी नहीं "
रिया: " मेरी भोली बन्नो ..... क्या आजतक तुमने किसी को चुम्मा नहीं दिया..... "
मैं: "छि .... गन्दी कही की ......"