19-06-2021, 02:46 PM
मैंने मम्मी की गांड पर अपने हाथ की पकड़ को जोर से दबा दिया / मुझे मम्मी की नरम नरम गांड को दबा कर बहुत ही मजा आया / मैंने हिम्मत कर के थोडा सा आगे आ कर अपने टाइट लौड़े को मम्मी की गांड की फांकों के बीच में लगा दिया / मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था / मम्मी नींद के नशे मैं वैसे ही पड़ी रही / मैंने धीरे धीरे से मम्मी की मेक्सी को एक हाथ से ऊपर की तरफ उठा दिया / अब मम्मी की मेक्सी मम्मी की गांड के ऊपर से होते हुए मम्मी की कमर तक आ चुकी थी और मम्मी की गोरी गोरी गांड बिलकुल नंगी हो चुकी थी / मम्मी की गांड के दोनों पाट आपस में जुड़े हुए थे / मम्मी की चूत मम्मी की गांड की फांकों के बीच में छुपी हुई थी / मैंने अपने लौड़े के सुपाड़े को मम्मी की गांड के दोनों पाटों को खोल कर बीच में फंसा दिया जहाँ से मम्मी की चूत थोड़ी थोड़ी सी दिखाई देने लगी थी / मेरा लौड़ा मम्मी की गांड के बीच में मम्मीकी चूत को छू रहा था /
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!