18-06-2021, 12:13 PM
दोस्तों, यह सोचते हुए मैं मम्मी के कमरे के दरवाजे तक पहुँच गया / मम्मी के कमरे का दरवाजा किसी करण से खुला था / सामने बिस्तर पर मम्मी सो रही थी /
मम्मी की पीठ मेरी तरफ थी / मम्मी ने अपने बदन पर सिर्फ मेक्सी डाली हुई थी / मेक्सी में मम्मी का गठीला बदन दिखाई दे रहा था / मम्मी की गांड मेक्सी के अंदर से उभरी हुई थी / पतली कमर की तरफ से गांड की तरफ एक पहाड़ी सी बनी हुई थी / मम्मी ने टाँगे अपनी छातियों की तरफ की हुई थी / जिसकी वजह से मेक्सी टांगों से ऊपर हो कर घुटनों तक पहुँच गई थी /
मम्मी की पीठ मेरी तरफ थी / मम्मी ने अपने बदन पर सिर्फ मेक्सी डाली हुई थी / मेक्सी में मम्मी का गठीला बदन दिखाई दे रहा था / मम्मी की गांड मेक्सी के अंदर से उभरी हुई थी / पतली कमर की तरफ से गांड की तरफ एक पहाड़ी सी बनी हुई थी / मम्मी ने टाँगे अपनी छातियों की तरफ की हुई थी / जिसकी वजह से मेक्सी टांगों से ऊपर हो कर घुटनों तक पहुँच गई थी /
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!