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Adultery // ,., ननद और भाभी चुदी मेरे मोटे लौड़े से //
#10
मैंने उन्हें चूमते हुए सोफे पर वापस बिठाया और खुद एक पैग पीने के बाद अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया। इतने में नज़ीला भाभी ने भी अपनी कमीज़ और ब्रा उतार कर एक तरफ फेंक दी और पैरों में सैंडलों के अलावा मादरजात नंगी हो कर फिर मुझसे लिपट गयीं। फिर भाभी और ननद की चुदाई सोफ़े पर ही शुरू हो गयी। मैं सोफे पर पीछे टिक कर लेटा था और मेरे पैर ज़मीन पर थे।

 
नज़ीला भाभी मुझ पर सवार हो गयी थी। मेरा ज़ालिम लंड उनकी चूत में घुस कर फंसा हुआ था। वो कुल्हे उठा-गिरा कर मेरा लंड अपनी चूत में अंदर-बाहर कर रही थी। उनकी चूचियाँ मेरे मुँह के ऊपर थीं और मैं उनके निप्पल चूस रहा था। शराब के नशे और चुदाई की मस्ती में नज़ीला भाभी जोर-जोर से सिसकारियाँ भर रही थीं।
 
इतने में मेरी नज़र दरवाज़े की तरफ पड़ी तो देखा ज़हरा वहाँ खड़ी-खड़ी हैरानी से स्तंभित सी हमें देख रही थी। मैंने चुदाई नहीं रोकी और बोला, अरे ज़हरा जीआप कब आयीं?”

नज़ीला भाभी ने भी उसे देखा तो चुदाई चालू रखते हुए कहा, आजा ज़हराशरमा मत!
 
हमारी बात सुनकर ज़हरा जैसे अचानक होश में आयी और भाग कर उसके कमरे में चली गयी। हमने अपनी चुदाई ज़ारी रखी और शाम तक ऐश करते रहे। इस दौरान ज़हरा अपने कमरे से नहीं निकली। फिर बाद में हम दोनों मेरे कमरे में जाकर नंगे ही सो गये।
 
अगले दिन सुबह जब हम उठे तो नज़ीला भाभी बोली कि वो ज़हरा को समझा देंगी। फिर हम तीनों अपने-अपने दफ्तर, कॉलेज ओर यूनिवर्सिटी निकल गये। उस दिन मुझे दफ्तर में देर तक रुकना पड़ा। शाम को जब नज़ीला भाभी और ज़हरा अकेले थे तो नज़ीला भाभी और ज़हरा साथ बैठ कर एक-एक पैग पीने लगीं।
 
तब ज़हरा ने नज़ीला भाभी से कहा, भाभी जान! मुझे माफ़ कर देना, मैं अंजाने में जल्दी आ गयी थीमुझे मालूम नहीं था कि आप और वो…!”
 
नज़ीला भाभी बीच में ही बोली, देख, ज़हरा! सैक्स के मामले में मैं और तेरे भाईजान बिल्कुल खुले ख्यालात के हैं। चोदने-चुदवाने में हम शरम-हया नहीं रखते हैं। हम दोनों के बीच अंडरस्टैंडिंग भी है कि तेरे भाईजान किसी और को चोद सकते हैं और मैं भी किसी भी मनचाहे मर्द से चुदवा सकती हूँ! लेकिन हम किसी एरे-गैरे के साथ चुदाई नहीं करते!
 
ज़हरा बोली, रवि कैसा है? आप दोनों क्या रोज़-रोज़…!”
 
नज़ीला भाभी ने तपाक से कहा, हाँ! रोज़ रोज़! रवि मुझे अपने मोटे तगड़े गधे जैसे लम्बे लंड से रोज़ चोदता है और वो भी कईं कईं दफा। तू बता कि तू चुदवाती है कि नहीं या सूखी ज़िंदगी गुज़ार रही है?”
 
ज़हरा बोली, नहीं भाभी जान! नसीर को गुज़रे हुए छः साल हो गयेतब से बस ऐसे हीदिल तो बहुत करता हैपर हिम्मत नहीं हुई कभीजब कभी दिल ज्यादा ही मचलता है तोयू नो.. केला या बैंगन वगैराह डाल कर अपनी प्यास बुझा लेती हूँ!
 
नज़ीला भाभी बोली, छोड़ ये बेकार की बातें! कब तक सोसायटी की बेकार की पाबंदियों से डर-डर के जवानी बर्बाद करती रहेगीजस्ट टेल मी क्लियरलीचुदवाना है रवि के लौड़े से?”

दिल तो करता है मगर…” ज़हरा ने हिचकिचाते हुए कहा तो नज़ीला भाभी फिर बोली, ये अगर मगर कुछ नहींजस्ट से येस ओर नो…!” ज़हरा ने सिर हिला कर हाँ कह दिया।

// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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RE: // ननद और भाभी की चुदाई // - by suneeellpandit - 18-06-2021, 11:25 AM



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