18-06-2021, 11:16 AM
शाम को जब घर पहुँचा तो नज़ीला भाभी को देखकर बस देखता ही रह गया। उन्होंने घुटनों तक की छोटी सी मैरून रंग की नाइटी पहनी हुई थी। उनकी नाइटी इतनी पारदर्शी थी कि काली ब्रा और पैंटी में उनका पूरा हुस्न मेरी आँखों के सामने नंगा था। साथ में काले रंग के ही ऊँची हील वाले सैंडल पहने हुए थे जो उनके सैक्सी फिगर में चार चाँद लगा रहे थे। खुली ज़ुल्फें और मैरून लिपस्टिक लगे होंठों पर कातिलाना मुस्कुराहट कयामत ढा रही थी।
मैंने नज़ीला भाभी को बाँहों में लेना चाहा तो वो बोली, “इतनी भी क्या बेसब्री है… पहले फ्रेश तो हो जाओ… मैं कहीं भगी तो नहीं जा रही हूँ… फिर जी भर के मेरे हुस्न का जाम पीना!”
फिर मैं बाथरूम में जा कर नहाया और बरमूडा और टी-शर्ट पहन कर बाहर आया तो कमरे में रोमैन्टिक संगीत बज रहा था और नज़ीला भाभी हम दोनों के लिये पैग बना रही थी। हम दोनों बैठ कर शराब पीने लगे और बातें करने लगे। नज़ीला भाभी के होंठों पर वही शरारती मुस्कुराहट थी।
नज़ीला भाभी मुझे छेड़ते हुए बोली, “तो जनाब और कितनों के हुस्न का मज़ा ले चुके हैं!”
“आप से झूठ नहीं बोलुँगा भाभी… मैंने कईयों के साथ ऐश की है…!” मैं बोला।
“सुभान अल्लाह! दिखते तो बड़े सीधे हो!” नज़ीला भाभी आँखें नचाते हुए बोली।
“वैसे भाभी कम तो आप भी नहीं हो… क्यों सही कह रहा हूँ ना?” मैंने भी वापस उन्हें छेड़ा।
“तुम्हें कैसे पता?” नज़ीला भाभी आँख मारते हुए बोली।
“बस ऐसे ही अंदाज़ा लगा लिया… बताओ ना भाभी सच है कि नहीं?” मैं ज़ोर देते हुए बोला।
हम दोनों इसी तरह शराब पीते हुए बातें करते रहे। नज़ीला भाभी ने बताया कि वो बेहद चुदासी हैं और ज़िंदगी में पचासियों लौड़े अपनी चूत में ले चुकी हैं। पेईंग-गेस्ट भी इसी मक्सद से रखती हैं ताकि मेजर-साहब की गैर-हाज़री में भी उनकी चूत प्यासी ना रहे। बातें करते-करते हमने काफी शराब पी ली थी और नज़ीला भाभी की तो आवाज़ भी बहकने लगी थी।
फिर वो बोली, “रवि अपने कमरे में चलो… मैं भी दो मिनट में आती हूँ!”
मैंने पहले बाथरूम में जा कर पेशाब किया और फिर अपने कमरे में चला गया। नज़ीला भाभी भी नशे में झुमती हुई मेरे कमरे में आयी और आते ही अपनी नाइटी उतार कर कर बोली, “रवि देख लो दिल भर कर मेरा शबाब!”
नज़ीला भाभी अब काली ब्रा-पैंटी और हाई हील के सैंडल पहने हुस्न की परी की तरह मेरे सामने खड़ी थीं। मैंने उन्हें अपनी बाँहों में भरते हुए कहा, “सिर्फ देखने से दिल नहीं भरेगा भाभी!”
“तो फिर कैसे…?” वो शरारती अंदज़ में बोली।
“अब तो आपके हुस्न की झील में डूब के ही करार मिलेगा!” कहते हुए मैं अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया। फिर मैंने उनकी ब्रा और पैंटी भी उतार दी और उन्हें बेड पर लिटा कर उनकी गीली चूत को चाटने लगा और वो भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाने लगी।
जब मेरा लंड चुदाई के लिये तैयार हो गया तो मैं नज़िला भाभी टाँगें फैला कर लंड के सुपाड़े को उनकी चूत पर रगड़ने लगा।
मेरे लंड की रगड़न से वो उतेजित हो कर मुँह से सिसकरी भरने लगी और कुछ ही देर में उनका जिस्म अकड़ने लगा और वो पहले चूत चटाई से अब लौड़े की रगड़न से झड़ गयी।
फिर मैंने अपने सुपाड़े पर थूक लगा कर नज़िला भाभी की चूत पर रख कर एक कस के धक्का मरा तो आधे से ज्यादा लंड उनकी चूत में घुस गया। लंड घुसते ही उनके मुँह से “ऊऊऊईईईई ऊफ़फ़फ़” सिसकरियाँ निकलने लगी और वो लंबी-लंबी साँसें लेने लगी। नज़ीला भाभी सिसकते हुए बोली, “रवि ऐसे ही डाले रहो कुछ करना नहीं!”
मैंने नज़ीला भाभी को बाँहों में लेना चाहा तो वो बोली, “इतनी भी क्या बेसब्री है… पहले फ्रेश तो हो जाओ… मैं कहीं भगी तो नहीं जा रही हूँ… फिर जी भर के मेरे हुस्न का जाम पीना!”
फिर मैं बाथरूम में जा कर नहाया और बरमूडा और टी-शर्ट पहन कर बाहर आया तो कमरे में रोमैन्टिक संगीत बज रहा था और नज़ीला भाभी हम दोनों के लिये पैग बना रही थी। हम दोनों बैठ कर शराब पीने लगे और बातें करने लगे। नज़ीला भाभी के होंठों पर वही शरारती मुस्कुराहट थी।
नज़ीला भाभी मुझे छेड़ते हुए बोली, “तो जनाब और कितनों के हुस्न का मज़ा ले चुके हैं!”
“आप से झूठ नहीं बोलुँगा भाभी… मैंने कईयों के साथ ऐश की है…!” मैं बोला।
“सुभान अल्लाह! दिखते तो बड़े सीधे हो!” नज़ीला भाभी आँखें नचाते हुए बोली।
“वैसे भाभी कम तो आप भी नहीं हो… क्यों सही कह रहा हूँ ना?” मैंने भी वापस उन्हें छेड़ा।
“तुम्हें कैसे पता?” नज़ीला भाभी आँख मारते हुए बोली।
“बस ऐसे ही अंदाज़ा लगा लिया… बताओ ना भाभी सच है कि नहीं?” मैं ज़ोर देते हुए बोला।
हम दोनों इसी तरह शराब पीते हुए बातें करते रहे। नज़ीला भाभी ने बताया कि वो बेहद चुदासी हैं और ज़िंदगी में पचासियों लौड़े अपनी चूत में ले चुकी हैं। पेईंग-गेस्ट भी इसी मक्सद से रखती हैं ताकि मेजर-साहब की गैर-हाज़री में भी उनकी चूत प्यासी ना रहे। बातें करते-करते हमने काफी शराब पी ली थी और नज़ीला भाभी की तो आवाज़ भी बहकने लगी थी।
फिर वो बोली, “रवि अपने कमरे में चलो… मैं भी दो मिनट में आती हूँ!”
मैंने पहले बाथरूम में जा कर पेशाब किया और फिर अपने कमरे में चला गया। नज़ीला भाभी भी नशे में झुमती हुई मेरे कमरे में आयी और आते ही अपनी नाइटी उतार कर कर बोली, “रवि देख लो दिल भर कर मेरा शबाब!”
नज़ीला भाभी अब काली ब्रा-पैंटी और हाई हील के सैंडल पहने हुस्न की परी की तरह मेरे सामने खड़ी थीं। मैंने उन्हें अपनी बाँहों में भरते हुए कहा, “सिर्फ देखने से दिल नहीं भरेगा भाभी!”
“तो फिर कैसे…?” वो शरारती अंदज़ में बोली।
“अब तो आपके हुस्न की झील में डूब के ही करार मिलेगा!” कहते हुए मैं अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया। फिर मैंने उनकी ब्रा और पैंटी भी उतार दी और उन्हें बेड पर लिटा कर उनकी गीली चूत को चाटने लगा और वो भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाने लगी।
जब मेरा लंड चुदाई के लिये तैयार हो गया तो मैं नज़िला भाभी टाँगें फैला कर लंड के सुपाड़े को उनकी चूत पर रगड़ने लगा।
मेरे लंड की रगड़न से वो उतेजित हो कर मुँह से सिसकरी भरने लगी और कुछ ही देर में उनका जिस्म अकड़ने लगा और वो पहले चूत चटाई से अब लौड़े की रगड़न से झड़ गयी।
फिर मैंने अपने सुपाड़े पर थूक लगा कर नज़िला भाभी की चूत पर रख कर एक कस के धक्का मरा तो आधे से ज्यादा लंड उनकी चूत में घुस गया। लंड घुसते ही उनके मुँह से “ऊऊऊईईईई ऊफ़फ़फ़” सिसकरियाँ निकलने लगी और वो लंबी-लंबी साँसें लेने लगी। नज़ीला भाभी सिसकते हुए बोली, “रवि ऐसे ही डाले रहो कुछ करना नहीं!”
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!