18-06-2021, 10:52 AM
(This post was last modified: 18-06-2021, 11:37 AM by suneeellpandit. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
// ,., ननद और भाभी चुदी मेरे मोटे लौड़े से //
इस बार दफ़्तर के काम से मेरी पोस्टिंग चंडीगढ़ हुई थी। वहाँ मैंने अपने सह-कर्मचारी की मदद से एक जगह पेइंग-गेस्ट के तौर पे कमरा किराये पर ले लिया। उस मकान में मकान मालिक रशीद अहमद थे जो कि चालीस वर्षीय थे और सेना में मेजर थे। फिलहाल वो एक महीने के लिये छुट्टी पर आये थे। उनकी बीवी नज़ीला करीब पैंतीस के ऊपर थीं और कॉलेज में टीचर थीं।
नज़ीला भाभी का जिस्म काफी मस्त और सुडौल था। उनकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ और गोल-गोल चूतड़ थे। जब वो ऊँची हील के सैंडल पहन कर गाँड मटका कर चलती थी तो उन्हें देख कर किसी का भी लंड अपने आप खड़ा हो जाता था। उनकी कोई औलाद नहीं थी। दोनों बहुत मिलनसार थे और खुले विचारों वाले थे। मियाँ-बीवी में खूब जमती थी। वो लोग मुझसे घर के सदस्य की तरह ही बर्ताव करते थे, कभी मुझे पराया नहीं समझते थे। जब तक रशीद जी की छुट्टी रही हम दोनों हर शुक्रवार और शनिवार को जम कर पीते थे और नज़ीला भाभी भी हमारा साथ देती थी। उस वक्त उनकी अदा काफी सैक्सी और अलग लगती थी।
इस बार दफ़्तर के काम से मेरी पोस्टिंग चंडीगढ़ हुई थी। वहाँ मैंने अपने सह-कर्मचारी की मदद से एक जगह पेइंग-गेस्ट के तौर पे कमरा किराये पर ले लिया। उस मकान में मकान मालिक रशीद अहमद थे जो कि चालीस वर्षीय थे और सेना में मेजर थे। फिलहाल वो एक महीने के लिये छुट्टी पर आये थे। उनकी बीवी नज़ीला करीब पैंतीस के ऊपर थीं और कॉलेज में टीचर थीं।
नज़ीला भाभी का जिस्म काफी मस्त और सुडौल था। उनकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ और गोल-गोल चूतड़ थे। जब वो ऊँची हील के सैंडल पहन कर गाँड मटका कर चलती थी तो उन्हें देख कर किसी का भी लंड अपने आप खड़ा हो जाता था। उनकी कोई औलाद नहीं थी। दोनों बहुत मिलनसार थे और खुले विचारों वाले थे। मियाँ-बीवी में खूब जमती थी। वो लोग मुझसे घर के सदस्य की तरह ही बर्ताव करते थे, कभी मुझे पराया नहीं समझते थे। जब तक रशीद जी की छुट्टी रही हम दोनों हर शुक्रवार और शनिवार को जम कर पीते थे और नज़ीला भाभी भी हमारा साथ देती थी। उस वक्त उनकी अदा काफी सैक्सी और अलग लगती थी।
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!