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Adultery // खेत के कौने में बने एक झोंपड़े में रवि ने चोदा //
#2
मुझे अब पेशाब का जोर हो रहा था तो मैं बाथरूम में घुस गई। अपनी पेंटी नीचे उतार कर मैं जब पेशाब करने बैठी तो एक अजीब सी गुदगुदी महसूस हुई मुझे पेशाब करते हुए। ऐसा दिल कर रहा था कि कुछ घुसा दूँ चूत में। थोड़ी देर चूत को ऊँगली से सहलाया और फिर बाहर आ गई।
 
हँसी मजाक के माहौल में शादी की रस्में हुई। बारात में एक लड़के को देख कर मेरे दिल में भी कुछ हलचल हुई। पर लड़की थी ना तो अपने दिल की बात किसी को कह नहीं सकती थी। वो भी बार बार मुड़-मुड़ कर मुझे ही देख रहा था। शादी की दौरान वो मुझ से कई बार टकराया। एक दो बार तो मुझे महसूस हुआ कि वो जानबूझ कर टकराया है। पर उसका टकराना मुझे अच्छा लग रहा था।
 
विदाई का समय नजदीक आ गया था, मुझे तभी पेशाब का जोर हुआ तो मैं बाथरूम की तरफ गई। अंदर जाकर मैं पेशाब करके जैसे ही बाहर आई तो धक् से रह गई। वो बाथरूम के बाहर खड़ा था। उसने इधर उधर देखा और फिर मुझे लेकर बाथरूम में घुस गया। मैं चिल्लाना चाहती थी पर तब तक उसने अपने होंठों से मेरे मुँह को बंद कर दिया।
 
पहली बार किसी ने मुझे किसकिया था और वो भी होंठों पर। कुछ देर तो मैंने उसको दूर करने की कोशिश की पर फिर पता नहीं क्या हुआ। मुझे उसका किस करना अच्छा लगने लगा। उसके बाद तो वो बेहताशा मुझे चूमता रहा।
 
उसका एक हाथ मेरे चूचियों का माप ले रहा था। वो मेरी चूचियों को सहला रहा था और धीरे धीरे मसल भी रहा था। तभी बाहर हलचल महसूस हुई तो उसने मुझे छोड़ दिया और फिर मौका देख कर वो चला गया। उसके जाने के बाद मैं करीब पाँच दस मिनट तक बाथरूम में ही बैठी रही। पेंटी पूरी गीली हो गई थी मेरी।
 
बाहर आई तो सब मुझे ही खोज रहे थे। फिर विदाई की रस्में हुई और दीदी अपने ससुराल चली गई।
 
अगले दिन सब रिश्तेदार भी चले गए तो मुझे अकेलापन महसूस होने लगा। जब भी अकेली बैठती तो वो लड़का मेरी नजर के सामने घूमने लगता और फिर वो बाथरूम का नजारा दिमाग में आते ही मेरी चूत पानी पानी हो जाती। मैं उससे मिलने को तड़प रही थी।
 
सावन का महीना आया तो रिवाज के मुताबिक़ दीदी अपने मायके आई। और फिर हरयाली तीज के बाद हमें दीदी को उसके ससुराल छोड़ने जाना था। अचानक पापा को एक जरूरी काम पड़ गया और भाई भी उस समय शहर में नहीं था तो जीजा खुद ही लेने आ गए। मैं उन दिनों फ्री थी तो दीदी ने कहा- प्रीती तुम भी मेरे साथ चलो ना। कुछ दिन मेरे साथ रहना।
 
मैं तो तैयार थी और फिर जब मम्मी-पापा ने भी हाँ कर दी तो मैं खुश हो गई और दीदी के साथ उसके ससुराल चली गई।
 
जिस दिन हम गए तो उसी दिन दोपहर को मैं और दीदी बैठे दीदी की शादी की एल्बम देख रहे थे। तभी उस लड़के की फोटो सामने आई तो मैंने पूछ लिया- दीदी यह कौन है?
 
वो दीदी का देवर था और जीजाजी के चाचा का लड़का, रवि नाम था उसका।
 
मेरी आँखों में एक चमक सी आई कि शायद मुलाकात हो जाए। अभी हम बात कर ही रहे थे कि वो आ गया। उसको सामने देखते ही मेरे तो दिल की धड़कनें बढ़ गई। वो आकर मेरे पास बैठ गया।
 
तभी दीदी बोली- मैं अभी चाय बना कर लाती हूँ।
 
मैं भी दीदी के साथ जाना चाहती थी पर जैसे ही मैं उठने लगी तो उसने मेरा हाथ पकड़ कर वापिस बैठा दिया। हम दोनों में से कोई भी कुछ नहीं बोला।
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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RE: // खेत के कौने में बने एक झोंपड़े में रवि ने चोदा // - by suneeellpandit - 18-06-2021, 10:34 AM



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