// खेत के कौने में बने एक झोंपड़े में रवि ने चोदा //
मेरा नाम प्रीती है, मैं दिल्ली में रहती हूँ, अभी कुछ महीने पहले ही मैंने पहली बार रवि से चुदाई का मज़ा लिया है। कहानी लिखने का अनुभव नहीं था । मेरी कहानी छोटी सी है। और यह शुरू तब हुई जब मेरी दीदी की शादी हुई।
शादी का माहौल में मैं उन्नीस साल की अल्हड़ सी लड़की अपनी ही धुन में शादी की तैयारी में लगी थी। दीदी की शादी में खरीदारी की जिम्मेदारी कुछ हद तक मुझ पर भी थी। शादी से दो दिन पहले से ही मेहमान आने शुरू हो गए थे। दादी, बुआ, मौसी, भाभी सबका जमावड़ा लगने लगा था। आपको बता दूँ मेरी भाभियाँ बहुत शैतान हैं और बहुत मजाक करती है वो सब।
मेरी तो जैसे शामत ही आ गई थी उनके आते ही। कभी कोई चुटकी काट लेती तो कोई गुदगुदा देती। या फिर सब का एक ही कथन : प्रीती तैयार हो जा अगला नंबर तेरा है, कोई कहती : प्रीती तू तो मस्त माल बन गई है तेरे तो मियां जी की लाटरी लगेगी तेरी शादी के बाद। मैं उनके मजाक के कारण अंदर ही अंदर गुदगुदा जाती।
आखिर शादी वाली रात भी आ गई। बारात आने वाली थी तो एक भाभी आई और बोली- प्रीती, अपने लिए भी कोई दूल्हा चुन लेना बारात में से... सुना है बहुत मस्त मस्त लड़के आये हैं बारात में.. मैं उस भाभी की बात सुन कर झल्लाई और पैर पटकती हुई अंदर चली गई। अंदर का माहौल तो और भी ज्यादा खतरनाक था। मेरी एक भाभी दीदी को सुहागरात के बारे में समझा रही थी। वो बता रही थी कि कैसे कैसे पति देव उसके बदन को मसलेंगे और उसको अपने पति को कैसे मज़ा देना है।
भाभी की बातें सुन कर दीदी शर्म से लाल हो गई थी और दीदी ही क्या, मेरी भी चूत गीली हो गई थी उनकी बात सुन कर। तभी भाभी ने मेरी तरफ देख कर कहा- प्रीती , तुम भी सुन लो, कल तुम्हारे भी काम आने वाला है| यह सब कह कर वो तो क्या वहाँ बैठी दीदी और दीदी की सहेलियाँ सब हँस पड़ी। मैं झेंप गई और बाहर भाग गई।
मेरा नाम प्रीती है, मैं दिल्ली में रहती हूँ, अभी कुछ महीने पहले ही मैंने पहली बार रवि से चुदाई का मज़ा लिया है। कहानी लिखने का अनुभव नहीं था । मेरी कहानी छोटी सी है। और यह शुरू तब हुई जब मेरी दीदी की शादी हुई।
शादी का माहौल में मैं उन्नीस साल की अल्हड़ सी लड़की अपनी ही धुन में शादी की तैयारी में लगी थी। दीदी की शादी में खरीदारी की जिम्मेदारी कुछ हद तक मुझ पर भी थी। शादी से दो दिन पहले से ही मेहमान आने शुरू हो गए थे। दादी, बुआ, मौसी, भाभी सबका जमावड़ा लगने लगा था। आपको बता दूँ मेरी भाभियाँ बहुत शैतान हैं और बहुत मजाक करती है वो सब।
मेरी तो जैसे शामत ही आ गई थी उनके आते ही। कभी कोई चुटकी काट लेती तो कोई गुदगुदा देती। या फिर सब का एक ही कथन : प्रीती तैयार हो जा अगला नंबर तेरा है, कोई कहती : प्रीती तू तो मस्त माल बन गई है तेरे तो मियां जी की लाटरी लगेगी तेरी शादी के बाद। मैं उनके मजाक के कारण अंदर ही अंदर गुदगुदा जाती।
आखिर शादी वाली रात भी आ गई। बारात आने वाली थी तो एक भाभी आई और बोली- प्रीती, अपने लिए भी कोई दूल्हा चुन लेना बारात में से... सुना है बहुत मस्त मस्त लड़के आये हैं बारात में.. मैं उस भाभी की बात सुन कर झल्लाई और पैर पटकती हुई अंदर चली गई। अंदर का माहौल तो और भी ज्यादा खतरनाक था। मेरी एक भाभी दीदी को सुहागरात के बारे में समझा रही थी। वो बता रही थी कि कैसे कैसे पति देव उसके बदन को मसलेंगे और उसको अपने पति को कैसे मज़ा देना है।
भाभी की बातें सुन कर दीदी शर्म से लाल हो गई थी और दीदी ही क्या, मेरी भी चूत गीली हो गई थी उनकी बात सुन कर। तभी भाभी ने मेरी तरफ देख कर कहा- प्रीती , तुम भी सुन लो, कल तुम्हारे भी काम आने वाला है| यह सब कह कर वो तो क्या वहाँ बैठी दीदी और दीदी की सहेलियाँ सब हँस पड़ी। मैं झेंप गई और बाहर भाग गई।
// सुनील पंडित // 

मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!