17-06-2021, 10:46 AM
इसी बीच मैं एक बार झड चुकी थी, तो मेरी चुत काफी गीली हो चुकी थी। अब मैंने भी अपना हाथ उनके लण्ड के पास ले जाकर उनकी लुंगी को हटा दिया।
उनका लण्ड मेरे पति के लण्ड से काफी मोटा और लम्बा था, इसका मतलब आज मेरी चुत फिर से फटनेवाली थी। उनका लण्ड देखने के बाद, मुझे लण्ड चुसाई करने का मन होने लगा।
हम 69 की पोजिशन में आकर कुछ देर तक एक-दूसरे को अपने मुंह से खुश करने लगे। फिर ससुर जी ने मेरी टांगो को फैलाकर उन्हें अपने कंधों पर ले लिया और अपने मोटे लण्ड को मेरी चुत पर फिराने लगे।
मैं उनके नीचे पडी हुई लण्ड लेने के लिए तडप रही थी। फिर उन्होंने मेरे होठों पर अपने होंठ रखते हुए नीचे से लण्ड को मेरी चुत में घुसा दिया।
पहले झटके में तो सिर्फ उनका टोपा ही मेरी चुत में गया था, लेकिन मुझे बहुत तेज दर्द होने लगा। इससे पहले मैं बस अपने पति के लण्ड से चुदी थी, जो मोटाई में इनके लण्ड से आधा ही था।
थोडी ही देर में दर्द चला गया तो एक और धक्के में उन्होंने अपना पूरा लण्ड मेरी चुत में उतार दिया। इस धक्के के बाद, अब मैं बेहोश होने को थी। मुझे मेरे आसपास क्या हो रहा है, कुछ समझ नही आ रहा था।
ससुर जी अब बिना रुके मेरी चुत में अपना हल्लबी गधे जैसा लम्बा मोटा लण्ड अंदर बाहर कर रहे थे। उसके बाद मुझे कुछ याद नही है, जब मेरी आंख खुली तो ससुर जी एक टॉवल लेकर मेरे बदन को गर्म पानी से साफ कर रहे थे।
उठने के बाद, मैं उनसे अपनी आंखें नही मिला पा रही थी। उन्होंने मुझे एक पेनकिलर दी, जो मैंने चुपचाप खा ली। उसके बाद, तो हमें जब भी मौका मिलता हम चुदाई कर लेते।
आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, हमें कमेंट करके जरूर बताइए। धन्यवाद।
उनका लण्ड मेरे पति के लण्ड से काफी मोटा और लम्बा था, इसका मतलब आज मेरी चुत फिर से फटनेवाली थी। उनका लण्ड देखने के बाद, मुझे लण्ड चुसाई करने का मन होने लगा।
हम 69 की पोजिशन में आकर कुछ देर तक एक-दूसरे को अपने मुंह से खुश करने लगे। फिर ससुर जी ने मेरी टांगो को फैलाकर उन्हें अपने कंधों पर ले लिया और अपने मोटे लण्ड को मेरी चुत पर फिराने लगे।
मैं उनके नीचे पडी हुई लण्ड लेने के लिए तडप रही थी। फिर उन्होंने मेरे होठों पर अपने होंठ रखते हुए नीचे से लण्ड को मेरी चुत में घुसा दिया।
पहले झटके में तो सिर्फ उनका टोपा ही मेरी चुत में गया था, लेकिन मुझे बहुत तेज दर्द होने लगा। इससे पहले मैं बस अपने पति के लण्ड से चुदी थी, जो मोटाई में इनके लण्ड से आधा ही था।
थोडी ही देर में दर्द चला गया तो एक और धक्के में उन्होंने अपना पूरा लण्ड मेरी चुत में उतार दिया। इस धक्के के बाद, अब मैं बेहोश होने को थी। मुझे मेरे आसपास क्या हो रहा है, कुछ समझ नही आ रहा था।
ससुर जी अब बिना रुके मेरी चुत में अपना हल्लबी गधे जैसा लम्बा मोटा लण्ड अंदर बाहर कर रहे थे। उसके बाद मुझे कुछ याद नही है, जब मेरी आंख खुली तो ससुर जी एक टॉवल लेकर मेरे बदन को गर्म पानी से साफ कर रहे थे।
उठने के बाद, मैं उनसे अपनी आंखें नही मिला पा रही थी। उन्होंने मुझे एक पेनकिलर दी, जो मैंने चुपचाप खा ली। उसके बाद, तो हमें जब भी मौका मिलता हम चुदाई कर लेते।
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// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!