17-06-2021, 10:41 AM
एक दिन मेरी सास के मायके में उनके भाई की तबियत खराब थी, तो अचानक से मेरी सास को उनके पास जाना पडा। मेरी सास का मायके का घर और ससुराल एक ही शहर में है।
ससुर जी भी हॉस्पिटल में जाकर अपने साले को देखकर रात को वापस आ गए। मेरी सास वहीं हॉस्पिटल में रुक गई। उस रात मेरे पति भी घर नही आनेवाले थे।
तो मैंने मेरे ससुर के आते ही, उनसे फ्रेश होने के लिए कह दिया। फ्रेश होने के बाद, हम दोनों ने एकसाथ ही खाना खा लिया।
खाना खाकर मेरे ससुर अपने कमरे में चले गए। रात को उन्हें सोने से पहले दूध पीने की आदत है, आज सासु-मां नही थी, तो मैंने सोचा क्यों न आज ससुर के लण्ड से मजा लिया जाए।
तो मैंने जल्दी से अपना सारा काम खत्म कर दिया और फिर जल्दी से नहाकर पूरी तरह तैयार हो गई। मैंने आज अपनी सबसे सेक्सी नाइटी पहनी थी, जिसमें से मेरा पूरा बदन साफ साफ दिख रहा था।
अंदर मैंने ब्रा नही पहनी थी, बस पैंटी थी जो मात्र चुत को ढक रही थी। मेरे दोनों चूतड पीछे से आसानी से देखे जा सकते थे।
नाइटी का गला भी काफी खुला हुआ था, अगर मैं थोडा सा भी झुक जाती, तो सामने वाले को मेरे मुम्मे के दर्शन हो जाते। मैं इस तरह से तैयार होकर अपने ससुर के लिए दूध लेकर उनके कमरे में गई।
जब मैं उनके कमरे में गई, तो वो अपनी लुंगी के ऊपर से अपने लण्ड को मसल रहे थे। मेरे कमरे में जाने के बाद भी उन्होने अपना हाथ वहां से हटाने की कोई जल्दी नही की। मुझे देखकर वो मेरी तरफ देखते ही रह गए।
मैं उनके पास गई और दूध का गिलास उनके सामने कर दिया। दूध का गिलास देते वक्त मैं जान-बूझकर थोडा सा झुक गई, जिस वजह से मेरे ससुर को मेरे मुम्मों के दर्शन हो जाए।
मेरे ससुर तो एकदम आंख फाडे हुए मेरी चुचियों की तरफ ही देखने लग गए। फिर मैं कमरे से निकलने लगी, उन्होंने मुझे दरवाजे तक जाने दिया और जैसे ही मैं कमरे के बाहर अपना पैर रखने वाली थी, आवाज लगा दी।
ससुर ने कहा, “आज तो शाम भी नही आनेवाला, तो थोडी देर बैठ जाओ, बातें करके फिर सोने चली जाना।”
मुझे भी यही चाहिए था। अब दोनों के मन में चुदास थी, लेकिन पहल कोई नही कर रहा था। मैं भी जाकर अपने ससुर के बिस्तर पर उनके बिल्कुल पास होकर बैठ गई।
मेरे ससुर ने बिना कुछ बोले, दूध पीते हुए अपने लण्ड को हल्के से मसलकर थोडा सा लुंगी के बाहर निकाल लिया। अब मैं उनके लण्ड के मोटे टोपे को देख सकती थी, जो पूरी तरह से गुलाबी था।
ससुर जी भी हॉस्पिटल में जाकर अपने साले को देखकर रात को वापस आ गए। मेरी सास वहीं हॉस्पिटल में रुक गई। उस रात मेरे पति भी घर नही आनेवाले थे।
तो मैंने मेरे ससुर के आते ही, उनसे फ्रेश होने के लिए कह दिया। फ्रेश होने के बाद, हम दोनों ने एकसाथ ही खाना खा लिया।
खाना खाकर मेरे ससुर अपने कमरे में चले गए। रात को उन्हें सोने से पहले दूध पीने की आदत है, आज सासु-मां नही थी, तो मैंने सोचा क्यों न आज ससुर के लण्ड से मजा लिया जाए।
तो मैंने जल्दी से अपना सारा काम खत्म कर दिया और फिर जल्दी से नहाकर पूरी तरह तैयार हो गई। मैंने आज अपनी सबसे सेक्सी नाइटी पहनी थी, जिसमें से मेरा पूरा बदन साफ साफ दिख रहा था।
अंदर मैंने ब्रा नही पहनी थी, बस पैंटी थी जो मात्र चुत को ढक रही थी। मेरे दोनों चूतड पीछे से आसानी से देखे जा सकते थे।
नाइटी का गला भी काफी खुला हुआ था, अगर मैं थोडा सा भी झुक जाती, तो सामने वाले को मेरे मुम्मे के दर्शन हो जाते। मैं इस तरह से तैयार होकर अपने ससुर के लिए दूध लेकर उनके कमरे में गई।
जब मैं उनके कमरे में गई, तो वो अपनी लुंगी के ऊपर से अपने लण्ड को मसल रहे थे। मेरे कमरे में जाने के बाद भी उन्होने अपना हाथ वहां से हटाने की कोई जल्दी नही की। मुझे देखकर वो मेरी तरफ देखते ही रह गए।
मैं उनके पास गई और दूध का गिलास उनके सामने कर दिया। दूध का गिलास देते वक्त मैं जान-बूझकर थोडा सा झुक गई, जिस वजह से मेरे ससुर को मेरे मुम्मों के दर्शन हो जाए।
मेरे ससुर तो एकदम आंख फाडे हुए मेरी चुचियों की तरफ ही देखने लग गए। फिर मैं कमरे से निकलने लगी, उन्होंने मुझे दरवाजे तक जाने दिया और जैसे ही मैं कमरे के बाहर अपना पैर रखने वाली थी, आवाज लगा दी।
ससुर ने कहा, “आज तो शाम भी नही आनेवाला, तो थोडी देर बैठ जाओ, बातें करके फिर सोने चली जाना।”
मुझे भी यही चाहिए था। अब दोनों के मन में चुदास थी, लेकिन पहल कोई नही कर रहा था। मैं भी जाकर अपने ससुर के बिस्तर पर उनके बिल्कुल पास होकर बैठ गई।
मेरे ससुर ने बिना कुछ बोले, दूध पीते हुए अपने लण्ड को हल्के से मसलकर थोडा सा लुंगी के बाहर निकाल लिया। अब मैं उनके लण्ड के मोटे टोपे को देख सकती थी, जो पूरी तरह से गुलाबी था।
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!