17-06-2021, 10:05 AM
फिर उसने लंड को बाहर निकाला और देखकर शरमाते हुए कहा कि सर आपका ये तो बहुत मोटा और लंबा है..
मैंने कहा कि क्यों अच्छा है?
शिल्पा: हाँ
और फिर मैंने कहा कि अब इसे अंदर कर दो बाकी का कल देखना।
दोस्तों मुझे डर था.. क्योंकि उसकी मम्मी कभी भी चाय लेकर आ जाती थी और मेरा प्लान सही जा रहा था।
फिर अगले दिन मैंने कहा कि शिल्पा कल कैसा लगा था?
वो मुहं मोड़कर बोली कि अच्छा लगा था और मैंने कहा कि मुझे भी अच्छा लगा था। तुम्हारे हाथ बड़े नरम है, अभी फिर से देखना है और पकड़ना है? तो उनसे अपना सर हाँ में हिलाकर जवाब दिया और मैंने उसी तरह एक किताब रखकर उससे लंड को बाहर निकलवाया और सहलाने को कहा.. वो किसी अनुभवी की तरह मेरे लंड की मुठ मारने लगी.. और मेरे लंड को मुठी मैं पकड़ कर ऊपर नीचे करने लगी |
फिर कुछ देर के बाद मैंने उससे कहा कि बस अब रहने दो और जिप लगाकर जैसे तैसे पढ़ाई ख़त्म की.. लेकिन अब तो लगभग में हर रोज मैं अपना लंड पेंट से बहार निकल कर उसके हाथ मैं देता और उससे मुठ मरवाता, उसकी जांघे सहलाता, ब्रा के ऊपर से एकदम कड़क मुम्मे को भी दबाने लगा। मुझे बहुत मज़ा आता था।
मैंने कहा कि क्यों अच्छा है?
शिल्पा: हाँ
और फिर मैंने कहा कि अब इसे अंदर कर दो बाकी का कल देखना।
दोस्तों मुझे डर था.. क्योंकि उसकी मम्मी कभी भी चाय लेकर आ जाती थी और मेरा प्लान सही जा रहा था।
फिर अगले दिन मैंने कहा कि शिल्पा कल कैसा लगा था?
वो मुहं मोड़कर बोली कि अच्छा लगा था और मैंने कहा कि मुझे भी अच्छा लगा था। तुम्हारे हाथ बड़े नरम है, अभी फिर से देखना है और पकड़ना है? तो उनसे अपना सर हाँ में हिलाकर जवाब दिया और मैंने उसी तरह एक किताब रखकर उससे लंड को बाहर निकलवाया और सहलाने को कहा.. वो किसी अनुभवी की तरह मेरे लंड की मुठ मारने लगी.. और मेरे लंड को मुठी मैं पकड़ कर ऊपर नीचे करने लगी |
फिर कुछ देर के बाद मैंने उससे कहा कि बस अब रहने दो और जिप लगाकर जैसे तैसे पढ़ाई ख़त्म की.. लेकिन अब तो लगभग में हर रोज मैं अपना लंड पेंट से बहार निकल कर उसके हाथ मैं देता और उससे मुठ मरवाता, उसकी जांघे सहलाता, ब्रा के ऊपर से एकदम कड़क मुम्मे को भी दबाने लगा। मुझे बहुत मज़ा आता था।
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!