17-06-2021, 09:58 AM
उसके अगले दो दिन तक में उसको पढ़ाने नहीं जा पाया और तीसरे दिन में वहां पर गया.. वो जब आई तो एकदम चुप थी और उसने मुझसे पूछा कि आप दो दिन क्यों नहीं आए?
मैंने कहा कि तुम बहुत झूठ बोलती हो इसलिए में नहीं आया।
वो बोली कि सच में सर मैंने आप से कोई झूठ नहीं बोला बस एक बात छुपाई थी।
मैंने कहा कि वो क्या?
शिल्पा: सर इस साल गर्मियों के समय में अपनी मौसी के यहाँ पर गई थी। वहां पर दीदी ने मुझसे गंदी गंदी बातें की थी.. यह सब बताया था और कहा था कि अगर तुम रात में जागकर मम्मी, पापा को देखोगी तो ज़्यादा मज़ा आएगा.. इसलिए मैंने एक बार वो देखा था।
मैं: और क्या क्या हुआ था वहां पर.. सच सच बताना।
वो बोली कि दीदी ने एक लकड़ी का डंडा मुझसे अपनी उसमें डलवाया था.. तो मैंने कहा ओह भगवान आप मुझसे क्या करवा रही हो? और दीदी ने एक बार मेरी इसमे भी डाला था।
तो मैंने कहा कि कैसे क्या हुआ था?
तो वो बोली कि मुझे बहुत ज़्यादा जलन हुई थी और खून भी निकला था.. लेकिन मुझे कुछ देर के बाद में बहुत अच्छा लगा था।
तो मैंने कहा कि सच सच बताओ यह सब कितनी बार किया? और यह काम कब करती थी?
तो वो अब एकदम खुलकर जवाब देने लगी और बोली कि रात में हम दोनों एक साथ में सोते थे। हम उस समय यह करते थे और बस 4 बार किया।
तो मैंने कहा कि ठीक है चलो जो हुआ सो हुआ.. लेकिन तुम्हे मज़ा आया कि नहीं?
तो वो थोड़ा सा हंसी और हाँ बोली। तो मैंने अपनी पेंट में तन चुके लंड की तरफ इशारा करके उससे कहा कि तुम अगर लकड़ी की जगह इसको वहां पर डालती तो कुछ ज़्यादा मज़ा आता और वो बहुत गौर से पेंट का उठा हुआ हिस्सा देखने लगी।
मैंने कहा कि तुम बहुत झूठ बोलती हो इसलिए में नहीं आया।
वो बोली कि सच में सर मैंने आप से कोई झूठ नहीं बोला बस एक बात छुपाई थी।
मैंने कहा कि वो क्या?
शिल्पा: सर इस साल गर्मियों के समय में अपनी मौसी के यहाँ पर गई थी। वहां पर दीदी ने मुझसे गंदी गंदी बातें की थी.. यह सब बताया था और कहा था कि अगर तुम रात में जागकर मम्मी, पापा को देखोगी तो ज़्यादा मज़ा आएगा.. इसलिए मैंने एक बार वो देखा था।
मैं: और क्या क्या हुआ था वहां पर.. सच सच बताना।
वो बोली कि दीदी ने एक लकड़ी का डंडा मुझसे अपनी उसमें डलवाया था.. तो मैंने कहा ओह भगवान आप मुझसे क्या करवा रही हो? और दीदी ने एक बार मेरी इसमे भी डाला था।
तो मैंने कहा कि कैसे क्या हुआ था?
तो वो बोली कि मुझे बहुत ज़्यादा जलन हुई थी और खून भी निकला था.. लेकिन मुझे कुछ देर के बाद में बहुत अच्छा लगा था।
तो मैंने कहा कि सच सच बताओ यह सब कितनी बार किया? और यह काम कब करती थी?
तो वो अब एकदम खुलकर जवाब देने लगी और बोली कि रात में हम दोनों एक साथ में सोते थे। हम उस समय यह करते थे और बस 4 बार किया।
तो मैंने कहा कि ठीक है चलो जो हुआ सो हुआ.. लेकिन तुम्हे मज़ा आया कि नहीं?
तो वो थोड़ा सा हंसी और हाँ बोली। तो मैंने अपनी पेंट में तन चुके लंड की तरफ इशारा करके उससे कहा कि तुम अगर लकड़ी की जगह इसको वहां पर डालती तो कुछ ज़्यादा मज़ा आता और वो बहुत गौर से पेंट का उठा हुआ हिस्सा देखने लगी।
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!