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पति पत्नी और औलाद का सुख
#6
दूसरे दिन क्योंकि बच्चा अभी माँ का दूध पीने का आदी था, इसलिए मैंने सुबह सुबह ही किसी दुकान से माँ के दूध का सब्स्टिट्यूड लाकर दूध पिलाया और वो उसे बहुत मज़े से पीने लगा जैसे वो उसकी माँ का दूध हो.

उसी दिन मैंने एक वकील को बुलाकर उससे कहा- इस बच्चे को मैं गोद ले रही हूँ, इसके पूरे क़ानूनी कागज बनवाइए ताकि कभी कोई अड़चन ना आए.
इस तरह से मैं अब उस बच्चे में पूरी तरह से खो गई. ऑफिस से मैंने कुछ दिन की छुट्टी ले ली जब तक कि कोई आया पूरे दिन के लिए उसकी देख भाल के लिए ना मिल जाए.

अब मैं अपने पति से कोई खास बात भी नहीं करती थी। बल्कि अगर यह कहा जाए की एक ही छत के नीचे जैसे दो अंजान हस्तियाँ रहती हों, हम ऐसे ही रहते थे।

कुछ दिन बाद रात को सोते हुए मेरे पति ने मेरे मम्मों को दबाया तो मैंने कहा- छोड़ो … बच्चा जाग जाएगा, बहुत मुश्किल से सोया है.
यह सुन कर वो बोले- आख़िर बच्चे के अलावा भी तो कोई और है इस घर में!
मैंने कहा- वो कोई और तब कहाँ था जब मुझे डॉक्टर ने बताया था कि मैं माँ नहीं बन सकती? मैं तो अब भी वही हूँ, मैं आपको कोई बच्चा भी नहीं दे सकूँगी.
इस पर वो बोला- अब ताने मारना छोड़ो. तुम्हें नहीं पता कि मैं किन हालातों से गुज़रा हूँ जब से मुझे तुमने यह सब बताया था. तुमने तो बहुत आसानी से कह दिया कि तुम मुझे तलाक़ देकर कोई दूसरी शादी कर लो. उधर मेरे माँ और बाप तो कितने पुराने ख़यालात के हैं. मैं उनसे कुछ भी कहकर उनका दिल नहीं दुखाना चाहता था और जब तुमने भी कुछ ऐसा बोल दिया तो मुझे अपने आप से ही बहुत घृणा होने लगी. कभी तुमने सोचा था कि जो तुम मुझसे बोल रही हो, उसका मुझ पर क्या असर होगा. मैं कई दिन तक रात को नहीं सो पाया था और अंदर ही अंदर घुटता रहा था. ना मैं तुमसे कुछ कहने लायक था और ना ही माँ बाप से. मगर उस दर्दनाक हादसे और उसके बाद जो तुमने किया वो मुझे बहुत हैरान कर देने वाला था. मैं कभी सपने में भी नहीं सोच सकता था की तुम ऐसे भी कर लोगी. उसी रात मैंने माँ से कहा ‘माँ, देखा जिसे तुम मुझ से दूर करना चाहती थी, उसने आज तुम्हारी बेटी की बच्चे की बिना किसी झिझक के अपना बना लिया. और एक तुम हो जो मेरी बीवी से मुझको दूर कर रही थी.

यह सब सुन कर मुझे बहुत रोना आया और मैं अपने पति के सीने से लग कर रोते हुए बोली- तुमने मुझे कभी कुछ कहा क्यों नहीं?
उसने जवाब दिया- तुम्हारी बात सुनकर मुझे ऐसा लगा था कि शायद तुम भी मुझसे अलग रहना चाहती हो. वरना कोई भी लड़की इस तरह से नहीं कहती. मेरा दिल बहुत टूट गया था. मैंने देखा कि वो भी रो रहा था.
मैंने उसकी आँखों के आँसुओं को पौंछते हुए उससे कहा- अब सब भूल जाओ, भगवान ने एक हंसता खेलता बेटा हमारी गोद में डाल दिया है.
यह कहकर मैंने उस का लंड जोर से पकड़ कर दबाया और बोली- इसके बिना तुम्हें नहीं पता कि मेरी रातें कितनी मुश्किल से बीती हैं.

उसने एक हाथ को मेरे मम्मों और दूसरे को मेरी चूत पर रख कर बोला- मैं हर दिन इनके बिना कैसे रहता था, मैं ही जानता हूँ. आज भी जब मैंने हाथ लगाया तो तुमने बुरी तरह से झटक दिया. मैंने कहा- नहीं धीरज, मैं तो कई दिन से चाहती थी कि तुम्हारा हाथ इनको जोर जोर से दबाए और तुम्हारा लंड मेरी चूत में जाए … मगर मैं कैसे कहती जब तुम मुझसे बात ही नहीं करते थे.
धीरज ने उसी समय अपना लंड निकाल कर मेरी चूत में डाला और मुझे जितनी भी जोर से चोद सकता था चोदा और बोला- कोमल, अब पिछली कसर पूरी निकालनी पड़ेगी.
उस रात उसने मुझे चार बार चोद कर मेरी चूत को खुश किया.

जब वो सुबह उठने को हुआ तो मैंने उसे अपने पास खींच कर उस का लंड अपने मुँह में लेकर अच्छी तरह से चूसा, तब तक … जब तक कि उसका पूरा लावा नहीं निकला.
मैंने कहा उसको- मैं भी तुम्हें इस काम में निराश नहीं करूँगी. अगर मेरी चूत रोती रही है तो तुम्हारा लंड भी रोता रहा है, अब हम दोनों का ही यह फ़र्ज़ है कि एक दूसरे का पूरा ख्याल रख कर उनको खुश करते रहें.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: पति पत्नी और औलाद का सुख - by neerathemall - 12-04-2019, 01:38 AM



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