12-04-2019, 12:54 AM
निशा ने एक अंगड़ाई ली और बोली- बड़े शरारती हो, ठीक से सोने भी नहीं देते.
“अब घर चल कर ठीक से सुला दूँगा.”
निशा ने मेरे लंड को पकड़ कर हिलाया और कहा- अब तो ठीक से लूँगी इसको अपने अन्दर.. दोगे न?
मैंने सुनसान देख कर उसको अपनी बांहों में भर लिया और पूछा- उस आदमी से मजा नहीं आया था क्या?
“अरे उसने तो पेला ही था कि तुमने अपने लंड पर बिठा लिया था.”
मैं हंस पड़ा.
उसके बाद मैंने उसको कई बार चोदा है.
“अब घर चल कर ठीक से सुला दूँगा.”
निशा ने मेरे लंड को पकड़ कर हिलाया और कहा- अब तो ठीक से लूँगी इसको अपने अन्दर.. दोगे न?
मैंने सुनसान देख कर उसको अपनी बांहों में भर लिया और पूछा- उस आदमी से मजा नहीं आया था क्या?
“अरे उसने तो पेला ही था कि तुमने अपने लंड पर बिठा लिया था.”
मैं हंस पड़ा.
उसके बाद मैंने उसको कई बार चोदा है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.