12-04-2019, 12:53 AM
दस-पंद्रह धक्के मारके मैंने भी अपना पानी चुत में छोड़ दिया. मैंने उसका स्कर्ट सही किया और अपना लंड पैन्ट में अन्दर कर लिया और अपनी बहन निशा को फिर सही से गोद में बिठा लिया.
थोड़ी देर बाद अहमदाबाद आ गया और हम उतर गए.
थोड़ी देर बाद अहमदाबाद आ गया और हम उतर गए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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