12-04-2019, 12:47 AM
मुझे लगा कि अब सब लोग सो गए हैं. मैंने धीरे से निशा की स्कर्ट उठानी शुरू की. पर उसके बैठने की वजह से गांड के नीचे दबी होने से पूरी नहीं उठ पाई. मैंने थोड़ा जोर लगा कर खींचा, तो निशा थोड़ा ऊपर हुई और स्कर्ट पूरी उठ गई.
मैंने निशा को फिर थोड़ा उठा के अपना लंड पेंट से बाहर निकाल लिया. उसके बैठते ही उसकी गर्म चुत का अहसास लंड पे हुआ. चूत पानी से पूरी भीगी गई थी.. पर उसके बैठने की वजह से लंड फिर से दब गया.
मैंने उसको थोड़ा झुकाया तो निशा उस आदमी की गोद में सर रखके सो गई.. जिससे उसकी गांड थोड़ी ऊपर उठ गई और चुत मेरे सामने आ गई. मैंने चुत पे हाथ लगाया तो वह खुली हुई थी और फड़क रही थी.
मैंने निशा को फिर थोड़ा उठा के अपना लंड पेंट से बाहर निकाल लिया. उसके बैठते ही उसकी गर्म चुत का अहसास लंड पे हुआ. चूत पानी से पूरी भीगी गई थी.. पर उसके बैठने की वजह से लंड फिर से दब गया.
मैंने उसको थोड़ा झुकाया तो निशा उस आदमी की गोद में सर रखके सो गई.. जिससे उसकी गांड थोड़ी ऊपर उठ गई और चुत मेरे सामने आ गई. मैंने चुत पे हाथ लगाया तो वह खुली हुई थी और फड़क रही थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.