12-04-2019, 12:46 AM
मैंने देखा कि उस आदमी ने अपना लंड बाहर निकाला हुआ था और उसका लंड बाहर से आती हुई रोशनी में थोड़ा चमक रहा था. पर मेरे देखते ही उसने अपना लंड पायजामे में कर लिया. इसी के साथ उसने मुझे कुछ हाथ में पकड़ा दिया.. और वो आंख बंद करके सो गया.
मैंने देखा तो वह पेंटी थी, वह भी पूरी गीली. मुझे विचार आया कि साला बूढा सच में निशा की चुत में लंड घुसा कर चोद रहा था.. तो उसने विरोध क्यों नहीं किया. इसका मतलब ये हुआ कि निशा उसके लंड को अपनी चुत में लेकर लंड की सवारी गाँठ रही थी. उसको इस बुड्डे के लंड से चुदने में मजा आ रहा था. मुझे हैरानी इस बात की भी थी कि उसने मेरी बहन की पैंटी कैसे उतार दी!
अब मैंने ये सोचा, तो मुझे भी कुछ होने लगा. इधर निशा के गोद में बैठने से अब मेरा लंड खड़ा होके झटके मार रहा था. उसके चूतड़ बहुत ही मुलायम थे, जो मेरी जांघों पे टच कर रहे थे.
मैंने देखा तो वह पेंटी थी, वह भी पूरी गीली. मुझे विचार आया कि साला बूढा सच में निशा की चुत में लंड घुसा कर चोद रहा था.. तो उसने विरोध क्यों नहीं किया. इसका मतलब ये हुआ कि निशा उसके लंड को अपनी चुत में लेकर लंड की सवारी गाँठ रही थी. उसको इस बुड्डे के लंड से चुदने में मजा आ रहा था. मुझे हैरानी इस बात की भी थी कि उसने मेरी बहन की पैंटी कैसे उतार दी!
अब मैंने ये सोचा, तो मुझे भी कुछ होने लगा. इधर निशा के गोद में बैठने से अब मेरा लंड खड़ा होके झटके मार रहा था. उसके चूतड़ बहुत ही मुलायम थे, जो मेरी जांघों पे टच कर रहे थे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.