12-04-2019, 12:44 AM
खैर.. गाड़ी अपनी रफ्तार पर जा रही थी और लोग सोने लगे थे. निशा ने भी थोड़ा पीछे हटकर मेरी गोद में सर रख दिया और सोने लगी.
पर उसके पीछे खिसकने से अब वह पूरी तरह उस आदमी के लंड पर बैठ गई थी. मैं देख रहा था कि उस आदमी का लंड भी खड़ा हो गया था. वो बार बार अपने पायजामे में अपने लंड को सही कर रहा था.
निशा अब सो चुकी थी, पर वह आदमी मेरी ही ओर देख रहा था. मैंने भी थोड़ी देर के लिए अपनी आंख बंद कर लीं. मैं भी जानना चाहता था कि इस आदमी की सोच किधर तक जाती है.
पर उसके पीछे खिसकने से अब वह पूरी तरह उस आदमी के लंड पर बैठ गई थी. मैं देख रहा था कि उस आदमी का लंड भी खड़ा हो गया था. वो बार बार अपने पायजामे में अपने लंड को सही कर रहा था.
निशा अब सो चुकी थी, पर वह आदमी मेरी ही ओर देख रहा था. मैंने भी थोड़ी देर के लिए अपनी आंख बंद कर लीं. मैं भी जानना चाहता था कि इस आदमी की सोच किधर तक जाती है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.