12-04-2019, 12:43 AM
मैं पूछताछ करने लगा तो एक भाई ने बोला कि वह अहमदाबाद जा रहा है. उसकी गाड़ी में बस एक ही सीट खाली बची थी और वहां भी मैं ही बैठ सकता था, क्योंकि नेहा की गांड बहुत बड़ी थी.
आमने सामने की सीट लगी हुई थीं, जिसमें लोग बैठे हुए थे. मैं सीट में बैठ गया और निशा, उस गाड़ी में एक चालीस साल की औरत थी, उसकी गोद में बैठ गई.
पर थोड़ी देर में औरत के पैर दुखने लगे तो निशा खिसक कर थोड़ा बाजू हट गई. अब वह, एक पचास साल का आदमी बैठा था, उसकी जांघों पर बैठ गई.
आमने सामने की सीट लगी हुई थीं, जिसमें लोग बैठे हुए थे. मैं सीट में बैठ गया और निशा, उस गाड़ी में एक चालीस साल की औरत थी, उसकी गोद में बैठ गई.
पर थोड़ी देर में औरत के पैर दुखने लगे तो निशा खिसक कर थोड़ा बाजू हट गई. अब वह, एक पचास साल का आदमी बैठा था, उसकी जांघों पर बैठ गई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.