11-04-2019, 11:45 PM
फिर मैंने दीदी की चड्डी उतार दी.. देखा मेरी फिंगरिंग के वजह से उनकी चुत काफी गीली हो गयी थी. मैंने बूर के फांको को फैलाया और अपना लंड धीरे से दीदी की बूर में सरका दिया… लंड दीदी की टाइट बूर को फाड़ता हुआ अंदर चला गया… अभी सिर्फ लंड का सुपाड़ा ही बूर में गया था.. और दीदी की आँखों में आंसू आ गए… उईईईईई माँ भाई तूने फाड़ दिया रे…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.