11-04-2019, 11:43 PM
मैंने दीदी की फिंगरिंग नहीं छोड़ी.. और चुत में उंगली करता रहा… भाई अब तूने मेरी आग भड़का दी.. अब मैं भी नहीं रुक सकती… आ ले ले अपनी दीदी के जवान बदन का मजा …बस फिर क्या था… मैंने दीदी की ब्रा उतार दी… उनके दोनों माम्मे हवा में बाउंस होने लगे.. जिसे मैं बारी बारी से दबा और चूस रहा था… उफ्फ्फ्फ़ दीदी मस्त बड़े बड़े बॉल्स है आपके…. आअह्ह्ह्ह भाई और दबा इन्हे.. चूस ले पूरा इसे… मैं निप्पल को जोर जोर से चूस रहा था.. और दीदी की बड़ी बड़ी चूचियों को खूब दबा रहा था… आआह्ह्ह्ह भाई…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.