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आँचल दीदी की शादी
#10
छोड़ मुझे… तूने प्रॉमिस किया था कुछ नहीं करेगा… दीदी तुम इतनी सेक्सी हो की ये सब अपने आप हो रहा है… आह्ह्ह्ह भाई…. ये गलत है… फिर मैंने एक हाथ दीदी की चुत पर ले गया… और पैंटी के ऊपर से सहलाने लगा… उईईईईई माँ भाई निचे मत कर… मार जाएगी तेरी बहन.. मैंने अपनी एक उंगली दीदी की चुत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा… आह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह भाई ये क्या किया तूने… पुरे बदन में आग लगा दी है… उफ्फ्फ्फ़ दीदी तेरा गदराया जिस्म देख कर कण्ट्रोल नहीं हो रहा है… मेरा मन डोल रहा है… हाय भाई.. मन डोल रहा है… मतलब क्या करना चाहता है…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: आँचल दीदी की शादी - by neerathemall - 11-04-2019, 11:33 PM



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