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आँचल दीदी की शादी
#9
दीदी: तुझे शर्म नहीं आती ऐसे बात अपनी बहन से करते हुए
मैं: सॉरी दीदी मुंह से निकल गया … दीदी क्या मैं आपको हग कर सकता हूँ
दीदी: सिर्फ हग करना कुछ और मत करना
मैं: ठीक है दीदी
मैंने दीदी को हग कर लिया.. उनकी बड़ी बड़ी चूचियां मेरे सीने से दबने लगी. मैं उसकी बदन को धीरे धीरे सहला रहा था… फिर मेरा हाथ दीदी की बड़ी सी गांड पर चला गया और मैं उनके चुत्तड़ो को दबाने लगा… अह्ह्ह्हह भाई ये क्या कर रहा है…कुछ नहीं दीदी.. बस ऐसे ही..मैंने दीदी को पलट दिया और पीछे से पकड़ लिया. मेरा खड़ा लंड दीदी के चुत्तड़ो में फंस और मैं दीदी को पीछे से किश करने लगा.. आआह्ह्ह्हह छोड़ दे… मेरा हाथ अब दीदी की चूचियों पर था और मैं चूचियों को दबाने लगा. आआह्ह्ह्हह उउउउउउ भाई यह क्या कर रहा है….
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: आँचल दीदी की शादी - by neerathemall - 11-04-2019, 11:33 PM



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