11-04-2019, 11:18 PM
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मैंने दीदी की नेक पर किस किया, फिर उसकी सेक्सी नंगी पीठ को. दीदी की आहे निकलना शुरु हो गयी. मैं अब उनकी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से दबा रहा था. ५-५ किलो की एक एक चूचियां थी, मेरे हाथो में समां नहीं थी. पर मैं पुरे मन से दीदी की चूचियों को मसल रहा था… और दीदी की अह्हह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह की आहे निकल रही थी. फिर मैंने ब्लाउज की डोर खोल दी और चूचियों को आजाद कर दिया. दो बड़े बड़े पपीते आजाद हो गए… मैंने चूचियों को खूब दबाया और चूसा.
मैं थोड़ी देर बाद धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा.
फिर मैंने दीदी की साड़ी उतर दी और पेटीकोट भी. अब दीदी पूरी नंगी मेरे सामने थी… मैं दीदी की चिकनी बूर को चूसने लगा… दीदी अब काफी एक्ससिटेड हो गयी थी और चुदने के लिए मचल रही थी.
मैंने अपना लौड़ा दीदी की बूर में सेट किया और जोर का शॉट मारा. लंड दीदी की बूर को चीरता हुआ आधा घुश गया … दीदी की चीखे निकल आयी. मैंने लंड को पूरा बाहर निकाला और लम्बा शॉट मारा. मेरा ९” का लंड अब पूरा दीदी की बूर में जा चूका था… दीदी की आँखों से आंसू निकलने लगे.मैं थोड़ी देर बाद धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.