11-04-2019, 11:16 PM
मैं वहा से शर्मा कर भाग गया. फिर दीदी खाना बनाने लगी. मैं किचन के पास ही बैठ कर दीदी की जवानी को ताड़ रहा था. दीदी का बैक पूरा ओपन था, जिससे उसकी सेक्सी गोरी पीठ मुझे दिख रही थी, सिर्फ एक डोर से दीदी की ब्लाउज बंधी थी. दीदी जब चल रही थी तब उसके भारी चुत्तड़ काफी हिल रहे थे. फिर मैं और दीदी खाना खाये और टीवी देखने लगे. १घन्टे बाद दीदी अपने रूम में चली गयी.
दीदी: विक्की मेरे रूम में AC लगा है वही सो जाना
मैं: ठीक है दीदी
मैं थोड़ी देर बाद दीदी के रूम में पंहुचा. दीदी लेटी हुई थी, उनकी साड़ी काफी ऊपर आ चुकी थी. मुझे उनकी मोटी मोटी सेक्सी टांगे दिख रही थी. पल्लू साइड में गिरा हुआ था, ब्लाउज में कसी हुई बड़ी बड़ी चूचियां देख कर फिर मेरा लंड टाइट हो गया. ऐसा लग रहा था जैसे दीदी बोल रही आ भाई चोद ले मुझे. मैं दीदी के पास जा कर सो गया
मैं: दीदी तुम सो गयी क्या
दीदी: नहीं भाई ऐसे ही लेटी हूँ
मैं: दीदी तुम तो अकेले बोर हो जाती होगी
दीदी: हाँ भाई… बहुत बोर लगता है … राते काटनी तो और मुश्किल हो जाती है
मैं: अब मैं आ गया हूँ.. आपकी बोरियत दूर कर दूंगा
दीदी: इतनी दूर क्यू सोया है…अपनी दीदी से क्यू शर्मा रहा है…आ मुझसे चिपक कर सो
मैंने ये मौका छोड़ा नहीं और दीदी को पीछे से पकड़ कर लेट गया…मेरा लंड दीदी की चौड़ी गांड से रगड़ कर पूरा अकड़ चूका था. मैं दीदी की कमर में हाथ रख कर सो रहा था
दीदी: विक्की मेरे रूम में AC लगा है वही सो जाना
मैं: ठीक है दीदी
मैं थोड़ी देर बाद दीदी के रूम में पंहुचा. दीदी लेटी हुई थी, उनकी साड़ी काफी ऊपर आ चुकी थी. मुझे उनकी मोटी मोटी सेक्सी टांगे दिख रही थी. पल्लू साइड में गिरा हुआ था, ब्लाउज में कसी हुई बड़ी बड़ी चूचियां देख कर फिर मेरा लंड टाइट हो गया. ऐसा लग रहा था जैसे दीदी बोल रही आ भाई चोद ले मुझे. मैं दीदी के पास जा कर सो गया
मैं: दीदी तुम सो गयी क्या
दीदी: नहीं भाई ऐसे ही लेटी हूँ
मैं: दीदी तुम तो अकेले बोर हो जाती होगी
दीदी: हाँ भाई… बहुत बोर लगता है … राते काटनी तो और मुश्किल हो जाती है
मैं: अब मैं आ गया हूँ.. आपकी बोरियत दूर कर दूंगा
दीदी: इतनी दूर क्यू सोया है…अपनी दीदी से क्यू शर्मा रहा है…आ मुझसे चिपक कर सो
मैंने ये मौका छोड़ा नहीं और दीदी को पीछे से पकड़ कर लेट गया…मेरा लंड दीदी की चौड़ी गांड से रगड़ कर पूरा अकड़ चूका था. मैं दीदी की कमर में हाथ रख कर सो रहा था
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.