11-06-2021, 02:15 PM
दूसरा लेवल
………………
मैं एक हारे हुए जुआरी की तरह उस पत्थर दिल अप्सरा के पैरो के पास आकर खड़ा हो गया .. उसका प्राकृतिक रूप में खुला संगमरमर जैसा चिकना बदन ,मेरी दिल की फिर से परीक्षा लेने लगा और मेरा नादान कैद गुरु अपने पिंजरे से लड़ने की असफल कोशिश करने लगा ..
उसने कहा- तुम्हे थोडा सा तेल अपने हाथो में ले पहले मेरे पैर के तलुओ की हलकी हलकी मालिश करनी होगी फिर धीरे धीरे यह मालिश तुम्हे पैरो से लेकर घुटने तक करनी है .. मैं उसके बताये तरीके से उसके पैरों की और तलुओ की मसाज करने लगा .. थोड़ी देर बाद वो बोली- अब तुम अपनी जीभ की नोक से मेरे पैर की हर ऊँगली को धीरे धीरे थोड़ी देर के अन्तराल पे छुओगे ..
मैं उसकी आज्ञा का पालन एक वफादार की तरह करने लगा ..कुछ समय बाद वो बोली- अब तुम अपने होठों से मेरे तलुओ को चुमते हुए मेरे घुटने तक आओ और यह तुम्हे तब तक दुहराना है जब तक मेरे चेहरे पे मुस्कराहट ना आ जाये ..
जैसे ही मेरे प्यासे होंठ उसके पांव के अंगूठे से छुए उसने एक लम्बी मीठी सीत्कार सी निकाली ,लगता था उसे भी आनंद में हल्की हल्की पीड़ा लग रही थी।
मेरे होंठ उसके पांव से अपनी प्यास बुझाने लगे ..और थोड़ी देर में ,कमरे में उसकी मीठी मीठी चीत्कार गूंजने लगी ..मैं उसकी पसलियों को चूमने में इतना मस्त हो गया की मुझे पता भी न चला की वो कब से आनंद में डूबी मुस्कुरा रही है ...
उसने मेरे बालो को पकड़ मेरे सर को अपनी तरफ खिंचा और मेरे गले में अपनी बांहों का हार सा बना कर बोली- तुम्हारा दूसरा लेवल (बाधा) ख़त्म हो चूका है और ऐसा कह उसने मेरे दोनों होठों को अपने मुंह के अन्दर कुछ पल के लिये कैद सा कर लिया ...
………………
मैं एक हारे हुए जुआरी की तरह उस पत्थर दिल अप्सरा के पैरो के पास आकर खड़ा हो गया .. उसका प्राकृतिक रूप में खुला संगमरमर जैसा चिकना बदन ,मेरी दिल की फिर से परीक्षा लेने लगा और मेरा नादान कैद गुरु अपने पिंजरे से लड़ने की असफल कोशिश करने लगा ..
उसने कहा- तुम्हे थोडा सा तेल अपने हाथो में ले पहले मेरे पैर के तलुओ की हलकी हलकी मालिश करनी होगी फिर धीरे धीरे यह मालिश तुम्हे पैरो से लेकर घुटने तक करनी है .. मैं उसके बताये तरीके से उसके पैरों की और तलुओ की मसाज करने लगा .. थोड़ी देर बाद वो बोली- अब तुम अपनी जीभ की नोक से मेरे पैर की हर ऊँगली को धीरे धीरे थोड़ी देर के अन्तराल पे छुओगे ..
मैं उसकी आज्ञा का पालन एक वफादार की तरह करने लगा ..कुछ समय बाद वो बोली- अब तुम अपने होठों से मेरे तलुओ को चुमते हुए मेरे घुटने तक आओ और यह तुम्हे तब तक दुहराना है जब तक मेरे चेहरे पे मुस्कराहट ना आ जाये ..
जैसे ही मेरे प्यासे होंठ उसके पांव के अंगूठे से छुए उसने एक लम्बी मीठी सीत्कार सी निकाली ,लगता था उसे भी आनंद में हल्की हल्की पीड़ा लग रही थी।
मेरे होंठ उसके पांव से अपनी प्यास बुझाने लगे ..और थोड़ी देर में ,कमरे में उसकी मीठी मीठी चीत्कार गूंजने लगी ..मैं उसकी पसलियों को चूमने में इतना मस्त हो गया की मुझे पता भी न चला की वो कब से आनंद में डूबी मुस्कुरा रही है ...
उसने मेरे बालो को पकड़ मेरे सर को अपनी तरफ खिंचा और मेरे गले में अपनी बांहों का हार सा बना कर बोली- तुम्हारा दूसरा लेवल (बाधा) ख़त्म हो चूका है और ऐसा कह उसने मेरे दोनों होठों को अपने मुंह के अन्दर कुछ पल के लिये कैद सा कर लिया ...