11-06-2021, 12:31 PM
मेज से जब मैंने उस अंडरवियर को हाथ में उठाया तो मेरे होश उड़ गए। वो एक चमड़े का बहुत ही मजबूत कच्छा सा था जिसके साइड में इक छोटा सा ताला जैसा कुछ था। मेरा दिल उसे देख कर बैठने लगा .. उसने लेटे लेटे कहा- जाओ बाथरूम में जाकर इसे पहन लो , हो सकता है तुम्हे इसे पहनने में थोडा वक़्त लगे ..तुम्हे पहले अपने को सामान्य स्थिति में लाना होगा तभी इसे पहन पाओगे ..
मैं उस अंडरवियर को ले बाथरूम में घुस गया .. जब मैंने उसे पहना तो मुझे वो बहुत ही ज्यादा तकलीफ दे रहा था। हमारे गुरु जिन्हें आज एक शिष्या मिली थी ,जिसे आज शिष्या के साथ आनंद पाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था, वो उस अंडरवियर में फिट नहीं हो पा रहे थे .. काफी कोशिश के बाद जब कुछ नहीं हुआ तो मुझे अपनी लडकपन की नादानी का इस्तमाल कर अपने गुरु को समझाना पड़ा ..
किसी तरह उसे पहन कर मैं बेडरूम के अन्दर आ गया। अन्दर आने पे उसने मुझे अपने करीब बुलाया और उस अंडरवियर के ऑटो लॉक को बंद कर दिया। वो बोली- अब तुम चाह कर भी बहक नहीं सकते।
अंडरवियर मेरे शरीर पे एक पिंजरे की भांति चिपक गया जिसे मैं न तो ढीला कर सकता था न अब इसे उतार सकता था ... कमरे की मदहोशी मुझे फिर से आनंदित करने लगी और हमारे गुरुजी फिर से अपनी तपस्या भंग करने पे उतारू हो गए । पर अब सब इतना आसन ना था, थोड़े से तनाव ने मुझे तकलीफ देनी शुरू कर दी ..मेरी हालत उस भूखे की थी जिसे खाना खाने से पेट दर्द होने लगता हो ..
उसने लेटे लेटे मुझ से पूछा- क्या तुमने कोई कंप्यूटर का गेम पूरा खेल है ?
मैंने बिना सोचे समझे कह दिया हाँ..
मैं उस अंडरवियर को ले बाथरूम में घुस गया .. जब मैंने उसे पहना तो मुझे वो बहुत ही ज्यादा तकलीफ दे रहा था। हमारे गुरु जिन्हें आज एक शिष्या मिली थी ,जिसे आज शिष्या के साथ आनंद पाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था, वो उस अंडरवियर में फिट नहीं हो पा रहे थे .. काफी कोशिश के बाद जब कुछ नहीं हुआ तो मुझे अपनी लडकपन की नादानी का इस्तमाल कर अपने गुरु को समझाना पड़ा ..
किसी तरह उसे पहन कर मैं बेडरूम के अन्दर आ गया। अन्दर आने पे उसने मुझे अपने करीब बुलाया और उस अंडरवियर के ऑटो लॉक को बंद कर दिया। वो बोली- अब तुम चाह कर भी बहक नहीं सकते।
अंडरवियर मेरे शरीर पे एक पिंजरे की भांति चिपक गया जिसे मैं न तो ढीला कर सकता था न अब इसे उतार सकता था ... कमरे की मदहोशी मुझे फिर से आनंदित करने लगी और हमारे गुरुजी फिर से अपनी तपस्या भंग करने पे उतारू हो गए । पर अब सब इतना आसन ना था, थोड़े से तनाव ने मुझे तकलीफ देनी शुरू कर दी ..मेरी हालत उस भूखे की थी जिसे खाना खाने से पेट दर्द होने लगता हो ..
उसने लेटे लेटे मुझ से पूछा- क्या तुमने कोई कंप्यूटर का गेम पूरा खेल है ?
मैंने बिना सोचे समझे कह दिया हाँ..