11-06-2021, 12:29 PM
उसके जाने के बाद मैंने गाउन हाथ में लेकर बाथरूम की ओर रुख किया.. मैं मन ही मन सोच रहा था.. उसके आनंद से भला मुझे आनंद क्यों नहीं आएगा.. यह कैसा बेतुका सवाल था उसका .. अरे इसमें ही तो जीवन का असली आनंद है...
और मन ही मन अपनी किस्मत को गाली दे रहा था..उस वक़्त मुझे क्या मालूम था की मैं ऐसी परीक्षा देने जा रहा हूँ जो मेरी आने वाली जिन्दगी की दिशा बदल देगी.. जिस आनंद की कल्पना करता हुआ मैं झटपट अपने कपडे उतार उस गाउन को पहन रहा था .. और जो टॉर्चर मुझे उस आनंद की जगह अन्दर आकर झेलना था.. वैसा टॉर्चर तो अच्छे अच्छे गुंडे मवाली भी सहन ना कर पाते! मैं तो फिर भी एक साधारण सा इंसान था ..
खैर.. गाउन की डोरी की नोट को हलके से बांधता हुआ मैं उसके बेडरूम में घुस गया ..
अन्दर का नजारा देख मुझपे मदहोशी सवार होने लगी , बेडरूम में चारो और खुशबु वाली मोमबत्तियां जल रही थी ,जो कमरे में हल्की पीली पीली रौशनी बिखेर रही थी। चारो और इत्र की खुशबु से माहौल मदहोश और रोमांटिक बना हुआ था। बेडरूम के अन्दर एक पान नुमा आकर का एक बिस्तर पड़ा था जिसके उपर छत से लटका हुआ सफेद झीना सा गोल घुमाव दार जाली नुमा पर्दा पड़ा हुआ था जो बिस्तर को चारो और से घेरे था.....
बिस्तर गुलाबी रंग की चादर और गोल गोल तकियों से सजा था , जिसपे वो अप्सरा लेटी हुयी थी। उसका पूरा शरीर एक हलके पीले रंग की रेशमी चादर में लिपटा सा था। चादर के बाहर सिर्फ उसका चेहरा निकला हुआ था। उसके सुनहरे रेशमी बाल बिस्तर पर चारो और एक गोले का आकर लिए हुए बिखरे पड़े थे ..
उसने अपनी आँखे मूंद रखी थी। लगता था वो मेरा ही इंतजार कर रही थी। उसने आँखे मूंदे मूंदे कहा- उस कोने वाली मेज पे एक अंडरवियर पड़ा है तुम उसे पहन लो .. मैं रोबोट की भांति चलता हुआ मेज की तरफ लपका.. मैं मन ही मन सोच रहा था..अरे पगली! ये तू क्या करवा रही है, इसमें तो अंडरवियर उतारा जाता है.. जो भी हो मैं अपना एक पल भी अब और बर्बाद नहीं करना चाहता था ......
और मन ही मन अपनी किस्मत को गाली दे रहा था..उस वक़्त मुझे क्या मालूम था की मैं ऐसी परीक्षा देने जा रहा हूँ जो मेरी आने वाली जिन्दगी की दिशा बदल देगी.. जिस आनंद की कल्पना करता हुआ मैं झटपट अपने कपडे उतार उस गाउन को पहन रहा था .. और जो टॉर्चर मुझे उस आनंद की जगह अन्दर आकर झेलना था.. वैसा टॉर्चर तो अच्छे अच्छे गुंडे मवाली भी सहन ना कर पाते! मैं तो फिर भी एक साधारण सा इंसान था ..
खैर.. गाउन की डोरी की नोट को हलके से बांधता हुआ मैं उसके बेडरूम में घुस गया ..
अन्दर का नजारा देख मुझपे मदहोशी सवार होने लगी , बेडरूम में चारो और खुशबु वाली मोमबत्तियां जल रही थी ,जो कमरे में हल्की पीली पीली रौशनी बिखेर रही थी। चारो और इत्र की खुशबु से माहौल मदहोश और रोमांटिक बना हुआ था। बेडरूम के अन्दर एक पान नुमा आकर का एक बिस्तर पड़ा था जिसके उपर छत से लटका हुआ सफेद झीना सा गोल घुमाव दार जाली नुमा पर्दा पड़ा हुआ था जो बिस्तर को चारो और से घेरे था.....
बिस्तर गुलाबी रंग की चादर और गोल गोल तकियों से सजा था , जिसपे वो अप्सरा लेटी हुयी थी। उसका पूरा शरीर एक हलके पीले रंग की रेशमी चादर में लिपटा सा था। चादर के बाहर सिर्फ उसका चेहरा निकला हुआ था। उसके सुनहरे रेशमी बाल बिस्तर पर चारो और एक गोले का आकर लिए हुए बिखरे पड़े थे ..
उसने अपनी आँखे मूंद रखी थी। लगता था वो मेरा ही इंतजार कर रही थी। उसने आँखे मूंदे मूंदे कहा- उस कोने वाली मेज पे एक अंडरवियर पड़ा है तुम उसे पहन लो .. मैं रोबोट की भांति चलता हुआ मेज की तरफ लपका.. मैं मन ही मन सोच रहा था..अरे पगली! ये तू क्या करवा रही है, इसमें तो अंडरवियर उतारा जाता है.. जो भी हो मैं अपना एक पल भी अब और बर्बाद नहीं करना चाहता था ......