10-06-2021, 02:16 PM
मेरी ननद बिस्तर पर
अगले ही पल मेरी ननद बिस्तर पर और वो उसके ऊपर,
लेकिन अब हम दोनों भौजाइयां अपनी ननद की मदद कर रही थीं , बिस्तर पर जितने तकिये कुशन थे , हम दोनों भौजाइयों ने अपनी ननद के चूतड़ के नीचे लगा के खूब ऊपर उठा दिया।
( कम्मो ने उनसे कहा था, फाड़ दो स्साली की बहुत गरमाई है , हचक के चोदो पता चले किसी मरद से पाला पड़ा है , हर धक्का छिनरो की बच्चेदानी पर लगना चाहिए )
भीषण चुदाई,
हम लोगों की शादी के चार पांच महीने हो गए थे , बीच में जब वो ट्रेनिंग पर गए थे उसे छोड़ कर शायद ही कभी नागा हुआ हो ,
और ट्रेनिंग की भरपाई वो आने पर कर लेते थे, सेंचुरी से ज्यादा हर महीने, ... और इधर तो दिन रात कुछ भी नहीं देखते थे, जगह भी नहीं, कितनी बार किचेन में , आंगन में , बरामदे में , बाथरूम में तो रोज
लेकिन ऐसा तूफानी जोश उनका आज मैं पहली बार देख रही थी,
जैसे धुनिया रुई धुनता है , एकदम टी २० वाली बैटिंग, पहली बाल पे छक्का, ...
पता नहीं कम्मो ने सूप में जो जड़ी बूटी डाली थी उसका असर था , या उनकी चोदवासी छिनार बहना की बदमाशी का या, ...
मेरी ननद की दोनों लम्बी लम्बी गोरी गोरी टाँगे उठा के उन्होंने अपने कंधे पर रखीं, जाँघे खूब फैली,
ननद के चूतड़ के नीचे ननद की हम दोनों भौजाइयों ने ढेर सारे तकिये कुशन पहले से ही लगा दिए थे , चूतड़ खूब उठा हुआ,
हाँ खूंटा सटाने का काम मैंने किया ननद की नयकी भौजाई ने,
मुझे याद आया, मेरी शादी के बाद यही छोरी ज़रा सा ननद भाभी वाले मजाक से बिगड़ जाती थी, कहीं अगर उसके भैया से जोड़ के किसी भाभी चिढ़ा दिया, अभी चार पांच महीने तो हुआ और उसी समय मैंने तय कर लिया था,...
और बहुत दिनों का मेरा ये खुद से वायदा था , शादी के तीसरे चौथे दिन, जब छत पर खूब खुल के गाना बजाना हुआ , अपनी सास की फरमाइस पर मैंने वो वो गालियां सुनाई की जो सुन के मैं खुद कान में ऊँगली डाल लेती थी, और गाली बिना ननद का नाम लिए और ननद पर ननद के भाई को चढ़ाये पूरी नहीं होती, और जैसे मैंने गारी शुरू की ,
उडी आया दुपट्टा बनारस से , उडी आया ,
अगले ही पल मेरी ननद बिस्तर पर और वो उसके ऊपर,
लेकिन अब हम दोनों भौजाइयां अपनी ननद की मदद कर रही थीं , बिस्तर पर जितने तकिये कुशन थे , हम दोनों भौजाइयों ने अपनी ननद के चूतड़ के नीचे लगा के खूब ऊपर उठा दिया।
( कम्मो ने उनसे कहा था, फाड़ दो स्साली की बहुत गरमाई है , हचक के चोदो पता चले किसी मरद से पाला पड़ा है , हर धक्का छिनरो की बच्चेदानी पर लगना चाहिए )
भीषण चुदाई,
हम लोगों की शादी के चार पांच महीने हो गए थे , बीच में जब वो ट्रेनिंग पर गए थे उसे छोड़ कर शायद ही कभी नागा हुआ हो ,
और ट्रेनिंग की भरपाई वो आने पर कर लेते थे, सेंचुरी से ज्यादा हर महीने, ... और इधर तो दिन रात कुछ भी नहीं देखते थे, जगह भी नहीं, कितनी बार किचेन में , आंगन में , बरामदे में , बाथरूम में तो रोज
लेकिन ऐसा तूफानी जोश उनका आज मैं पहली बार देख रही थी,
जैसे धुनिया रुई धुनता है , एकदम टी २० वाली बैटिंग, पहली बाल पे छक्का, ...
पता नहीं कम्मो ने सूप में जो जड़ी बूटी डाली थी उसका असर था , या उनकी चोदवासी छिनार बहना की बदमाशी का या, ...
मेरी ननद की दोनों लम्बी लम्बी गोरी गोरी टाँगे उठा के उन्होंने अपने कंधे पर रखीं, जाँघे खूब फैली,
ननद के चूतड़ के नीचे ननद की हम दोनों भौजाइयों ने ढेर सारे तकिये कुशन पहले से ही लगा दिए थे , चूतड़ खूब उठा हुआ,
हाँ खूंटा सटाने का काम मैंने किया ननद की नयकी भौजाई ने,
मुझे याद आया, मेरी शादी के बाद यही छोरी ज़रा सा ननद भाभी वाले मजाक से बिगड़ जाती थी, कहीं अगर उसके भैया से जोड़ के किसी भाभी चिढ़ा दिया, अभी चार पांच महीने तो हुआ और उसी समय मैंने तय कर लिया था,...
और बहुत दिनों का मेरा ये खुद से वायदा था , शादी के तीसरे चौथे दिन, जब छत पर खूब खुल के गाना बजाना हुआ , अपनी सास की फरमाइस पर मैंने वो वो गालियां सुनाई की जो सुन के मैं खुद कान में ऊँगली डाल लेती थी, और गाली बिना ननद का नाम लिए और ननद पर ननद के भाई को चढ़ाये पूरी नहीं होती, और जैसे मैंने गारी शुरू की ,
उडी आया दुपट्टा बनारस से , उडी आया ,