10-06-2021, 01:46 PM
फटा पोस्टर निकला हीरो,
जैसे संपेरा अपनी पिटारी खोल दे और नाग राज फन उठा के खड़े हो जाएँ,
लेकिन कम्मो ने अपनी ननद को सांप पकड़ने के सब तरीके सिखा दिया थे,
पहले तो सिर्फ तर्जनी से उस किशोरी ने शार्ट से आधे तीहै निकले चर्म दंड को छेड़ा और फिर डरते हुए मुट्ठी में पकड़ने की कोशिश की,
सच में स्साली पक्की छिनार थी जिस तरह से वो थोड़ा शर्माते लजाते, थोड़ा ललचाते उन्हें देख रहे थे,जिसका पैदायशी न खड़ा होने वाला हो उसका टनटना कर लोहे का खम्भा हो जाए , और ये तो पहले से ही सांड़, फिर वो जड़ी बूटी वाले सूप का असर , और साथ में पीछे से भौजाई के बड़े बड़े जोबन का जादू, ... वो उनके बंधे थे और कम्मो ने उन्हें कस के पकड़ रखा था, वरना, वहीँ ,...
अंगूठे और तर्जनी के बीच पकड़ कर तन्नाए खूंटे के सर को पहले तो वो हलके से दबाती रही, फिर कस के एक झटके से ,
आधा सुपाड़ा खुल गया,
वो तो पागल हो रहे थे पर कम्मो संतुष्ट नहीं थी उसने आँख से कुछ इशारा किया और अबकी मेरी उस ननद ने जैसे कम्मो भौजी ने सिखाया था एकदम उसी तरह , दोनों गुलाबी होंठों के बीच अधखुले सुपाड़े को दबाया और होंठों के जोर से बाकी चमड़ा,
सुपाड़ा खुल गया था पर गुड्डी के होंठ दूर हट गए थे
जीभ, सिर्फ जीभ बल्कि जीभ की टिप से खुले सुपाड़े पर
कभी छू लेती कभी हटा लेती , फिर सीधे पेशाब के छेद ( पी होल ) पर हलके हलके सुरसुरी
उसकी कोमल उँगलियों ने खूंटे को नहीं छोड़ा था, अब वो सीधे बेस पर हलके हलके दबा रही थीं और जीभ पूरे खुले मोटे मांसल सुपाड़े पर डांस कर रही थी
ये एकदम पागल हो गए थे।
पर गुड्डी भी आज एकदम पागल हो गयी थी , अपने भैया से कब का बदला ले रही थी ,
एक झटके में मुंह में पूरा सुपाड़ा गप्प, क्या मस्त चूस रही थी , कोई बैंगकाक की काल गर्ल को भी मात कर दे,
और मेरी ननद रानी ने अपने दोनों हाथों से मेरे सैंया का शार्ट एक झटके में खींच के दूर फेंक दिया,
अभी तक तो मैं दर्शक थी पर स्साली इत्ती मस्त ननद हो तो कौन भौजाई अपने को रोक पाएगी,
जो ननद ने मेरे साजन के साथ किया वो मैंने साजन की बहना, अपनी ननद के साथ किया, उसकी स्कर्ट खींच के वहीँ फेंक दी जहाँ उसने अपने भैया का शॉर्ट फेंका था ,
भैया बहिनी दोनों एक जैसे हालत में
पर मेरी ननद तो आज एकदम बौरा गयी थी, उसे कुछ फरक नहीं पड़ रहा था, वो कस कस के सुपाड़ा चूस रही थी , उसके भीगे गुलाबी होंठ अपने भैया के सुपाड़े को रगड़ रहे थे, जीभ उसे छेड़ रही थी और साथ में अब उसके लम्बे नाखून,
कभी चर्म दंड को कभी बॉल्स को स्क्रैच कर रहे थे ,
उनकी एकदम हालत खराब, मेरी आँखों ने कम्मो की आँखों को ग्रीन सिग्नल दिया और कम्मो ने कुछ मन्त्र उनके कान में फूंका, और दोनों हाथ खोल दिए
अगले ही पल मेरी ननद बिस्तर पर और वो उसके ऊपर,
लेकिन अब हम दोनों भौजाइयां अपनी ननद की मदद कर रही थीं , बिस्तर पर जितने तकिये कुशन थे , हम दोनों भौजाइयों ने अपनी ननद के चूतड़ के नीचे लगा के खूब ऊपर उठा दिया।
जैसे संपेरा अपनी पिटारी खोल दे और नाग राज फन उठा के खड़े हो जाएँ,
लेकिन कम्मो ने अपनी ननद को सांप पकड़ने के सब तरीके सिखा दिया थे,
पहले तो सिर्फ तर्जनी से उस किशोरी ने शार्ट से आधे तीहै निकले चर्म दंड को छेड़ा और फिर डरते हुए मुट्ठी में पकड़ने की कोशिश की,
सच में स्साली पक्की छिनार थी जिस तरह से वो थोड़ा शर्माते लजाते, थोड़ा ललचाते उन्हें देख रहे थे,जिसका पैदायशी न खड़ा होने वाला हो उसका टनटना कर लोहे का खम्भा हो जाए , और ये तो पहले से ही सांड़, फिर वो जड़ी बूटी वाले सूप का असर , और साथ में पीछे से भौजाई के बड़े बड़े जोबन का जादू, ... वो उनके बंधे थे और कम्मो ने उन्हें कस के पकड़ रखा था, वरना, वहीँ ,...
अंगूठे और तर्जनी के बीच पकड़ कर तन्नाए खूंटे के सर को पहले तो वो हलके से दबाती रही, फिर कस के एक झटके से ,
आधा सुपाड़ा खुल गया,
वो तो पागल हो रहे थे पर कम्मो संतुष्ट नहीं थी उसने आँख से कुछ इशारा किया और अबकी मेरी उस ननद ने जैसे कम्मो भौजी ने सिखाया था एकदम उसी तरह , दोनों गुलाबी होंठों के बीच अधखुले सुपाड़े को दबाया और होंठों के जोर से बाकी चमड़ा,
सुपाड़ा खुल गया था पर गुड्डी के होंठ दूर हट गए थे
जीभ, सिर्फ जीभ बल्कि जीभ की टिप से खुले सुपाड़े पर
कभी छू लेती कभी हटा लेती , फिर सीधे पेशाब के छेद ( पी होल ) पर हलके हलके सुरसुरी
उसकी कोमल उँगलियों ने खूंटे को नहीं छोड़ा था, अब वो सीधे बेस पर हलके हलके दबा रही थीं और जीभ पूरे खुले मोटे मांसल सुपाड़े पर डांस कर रही थी
ये एकदम पागल हो गए थे।
पर गुड्डी भी आज एकदम पागल हो गयी थी , अपने भैया से कब का बदला ले रही थी ,
एक झटके में मुंह में पूरा सुपाड़ा गप्प, क्या मस्त चूस रही थी , कोई बैंगकाक की काल गर्ल को भी मात कर दे,
और मेरी ननद रानी ने अपने दोनों हाथों से मेरे सैंया का शार्ट एक झटके में खींच के दूर फेंक दिया,
अभी तक तो मैं दर्शक थी पर स्साली इत्ती मस्त ननद हो तो कौन भौजाई अपने को रोक पाएगी,
जो ननद ने मेरे साजन के साथ किया वो मैंने साजन की बहना, अपनी ननद के साथ किया, उसकी स्कर्ट खींच के वहीँ फेंक दी जहाँ उसने अपने भैया का शॉर्ट फेंका था ,
भैया बहिनी दोनों एक जैसे हालत में
पर मेरी ननद तो आज एकदम बौरा गयी थी, उसे कुछ फरक नहीं पड़ रहा था, वो कस कस के सुपाड़ा चूस रही थी , उसके भीगे गुलाबी होंठ अपने भैया के सुपाड़े को रगड़ रहे थे, जीभ उसे छेड़ रही थी और साथ में अब उसके लम्बे नाखून,
कभी चर्म दंड को कभी बॉल्स को स्क्रैच कर रहे थे ,
उनकी एकदम हालत खराब, मेरी आँखों ने कम्मो की आँखों को ग्रीन सिग्नल दिया और कम्मो ने कुछ मन्त्र उनके कान में फूंका, और दोनों हाथ खोल दिए
अगले ही पल मेरी ननद बिस्तर पर और वो उसके ऊपर,
लेकिन अब हम दोनों भौजाइयां अपनी ननद की मदद कर रही थीं , बिस्तर पर जितने तकिये कुशन थे , हम दोनों भौजाइयों ने अपनी ननद के चूतड़ के नीचे लगा के खूब ऊपर उठा दिया।