10-06-2021, 01:45 PM
मैच शुरू, भैया बहिनी का
और कम्मो के ऊपर पहुँचने के पन्दरह बीस मिनट के अंदर मैं भी पहुँच चुकी थी, मैच शुरू नहीं हुआ था , भैया बहिनी का लेकिन मैच की तैयारी पूरी हो गयी थी , टॉस भी हो गया था , बॉलर और बैट्समेन दोनों तैयार थे और उन सबसे बढ़कर अम्पायर कम्मो भौजी भी , रोल सिर्फ फोटो खींचने का रिकार्ड करने का था।
तीनों टॉपलेस हो गए थे ,
सबसे पहले गुड्डी रानी ने ही अपने भैया की शर्ट उतार फेंकी की सूप गिरा दोगे तुम , दाग पड़ जाएगा, के बहाने से।
वो बेचारे , लेकिन कुछ देर में उनकी कम्मो भौजी पहुँच गयी , उन्होंने देवर को ललकारा, ननद की नरम नरम कलाई दबोची और ननद भी देवर की तरह टॉपलेस, छोटे छोटे जोबन बाहर,
लेकिन पॉलिटिक्स की तरह इसमें भी पलटा मारते देर नहीं लगती, और ननद देवर ने मिलकर, कम्मो भौजी की पहले साडी उतरी फिर ब्लाउज भी , ब्रा वो पहनती नहीं थी, तो वो भी अपने देवर की तरह टॉपलेस। देवर सिर्फ शार्ट में ननद स्कर्ट में और भौजी पेटीकोट में।
लेकिन मामला इतने पर नहीं निपटा , जैसे बच्चे स्टैचू वाला खेल खेलते हैं न बस ननद ने अपने भैया को २० मिनट के लिए ,... बस वो हिल नहीं सकते थे , और उससे भी बढ़कर उनकी कम्मो भौजी ने अपने ब्लाउज और ननद रानी के टॉप से कस के उनका हाथ बाँध दिया
जब मैं पहुंची तो शार्ट हल्का हल्का तना था , और ननद उन्हें छेड़ रही थी , कम्मो दूसरी साइड में बैठी उसे इशारे कर रही थी, उकसा रही थी।
मेरी टीनेजर ननद की लम्बी लम्बी उँगलियाँ और उसके लाल नेलपॉलिश लगे, लम्बे नाखून,
और उसके भैया का तना तम्बू, शार्ट में उठता बम्बू,
और शार्ट के ऊपर से कभी अपने नाखून से उसे उठे खूंटे को छेड़ देती तो कभी ऊँगली से दबा देती,
कहते हैं न बगावत, जोबन और लंड जितना दबाओ उतना ही उठता है , तो बस वही हाल हो रही थी, और साथ में मेरी ननद की नयी गुरुआइन कम्मो कभी गुड्डी रानी को इशारा करती तो कभी उकसाती,
और उस की सोहबत में गुड्डी भी उसी तरह ,... हथेली में खूंटे को शार्ट के ऊपर से कस के दबोचते उस चढ़ती जवानी ने इन्हे नाचती गाती आँखों से चिढ़ाते हुए पूछा,
" भैया ये क्या है, "
वो बिचारे क्या बोलते ,डबल अटैक में फंसे , मेरी किशोर ननद, मस्तायी चढ़ते जोबन में बौराई,
हाथ उनके उनकी बहन के टॉप और भौजाई के ब्लाउज से कस के बंधे और ऊपर से भौजाई कम्मो पीछे से पकडे दबोचे, कम्मो के जबरदंग ३८ डी डी उभार अपनी दोनों बरछियों से देवर में छेद करती, कान में कुछ बोलती, लेकिन भौजी ने अपना अटैक अपनी किशोर ननद की ओर किया और उसे चढ़ाया,
" अरे खोल के देख काहें नहीं लेती, तेरे भैया मना थोड़े ही करेंगे , क्यों देवर जी "
और साथ ही कम्मो ने अपने नाखूनों से इनके मेल टिट्स को कस के खरोंच दिया , बेचारे तड़प उठे और साथ ही उनकी उस कच्ची कली बहन ने शार्ट का घूँघट थोड़ा सा खोल दिया,
फटा पोस्टर निकला हीरो,
और कम्मो के ऊपर पहुँचने के पन्दरह बीस मिनट के अंदर मैं भी पहुँच चुकी थी, मैच शुरू नहीं हुआ था , भैया बहिनी का लेकिन मैच की तैयारी पूरी हो गयी थी , टॉस भी हो गया था , बॉलर और बैट्समेन दोनों तैयार थे और उन सबसे बढ़कर अम्पायर कम्मो भौजी भी , रोल सिर्फ फोटो खींचने का रिकार्ड करने का था।
तीनों टॉपलेस हो गए थे ,
सबसे पहले गुड्डी रानी ने ही अपने भैया की शर्ट उतार फेंकी की सूप गिरा दोगे तुम , दाग पड़ जाएगा, के बहाने से।
वो बेचारे , लेकिन कुछ देर में उनकी कम्मो भौजी पहुँच गयी , उन्होंने देवर को ललकारा, ननद की नरम नरम कलाई दबोची और ननद भी देवर की तरह टॉपलेस, छोटे छोटे जोबन बाहर,
लेकिन पॉलिटिक्स की तरह इसमें भी पलटा मारते देर नहीं लगती, और ननद देवर ने मिलकर, कम्मो भौजी की पहले साडी उतरी फिर ब्लाउज भी , ब्रा वो पहनती नहीं थी, तो वो भी अपने देवर की तरह टॉपलेस। देवर सिर्फ शार्ट में ननद स्कर्ट में और भौजी पेटीकोट में।
लेकिन मामला इतने पर नहीं निपटा , जैसे बच्चे स्टैचू वाला खेल खेलते हैं न बस ननद ने अपने भैया को २० मिनट के लिए ,... बस वो हिल नहीं सकते थे , और उससे भी बढ़कर उनकी कम्मो भौजी ने अपने ब्लाउज और ननद रानी के टॉप से कस के उनका हाथ बाँध दिया
जब मैं पहुंची तो शार्ट हल्का हल्का तना था , और ननद उन्हें छेड़ रही थी , कम्मो दूसरी साइड में बैठी उसे इशारे कर रही थी, उकसा रही थी।
मेरी टीनेजर ननद की लम्बी लम्बी उँगलियाँ और उसके लाल नेलपॉलिश लगे, लम्बे नाखून,
और उसके भैया का तना तम्बू, शार्ट में उठता बम्बू,
और शार्ट के ऊपर से कभी अपने नाखून से उसे उठे खूंटे को छेड़ देती तो कभी ऊँगली से दबा देती,
कहते हैं न बगावत, जोबन और लंड जितना दबाओ उतना ही उठता है , तो बस वही हाल हो रही थी, और साथ में मेरी ननद की नयी गुरुआइन कम्मो कभी गुड्डी रानी को इशारा करती तो कभी उकसाती,
और उस की सोहबत में गुड्डी भी उसी तरह ,... हथेली में खूंटे को शार्ट के ऊपर से कस के दबोचते उस चढ़ती जवानी ने इन्हे नाचती गाती आँखों से चिढ़ाते हुए पूछा,
" भैया ये क्या है, "
वो बिचारे क्या बोलते ,डबल अटैक में फंसे , मेरी किशोर ननद, मस्तायी चढ़ते जोबन में बौराई,
हाथ उनके उनकी बहन के टॉप और भौजाई के ब्लाउज से कस के बंधे और ऊपर से भौजाई कम्मो पीछे से पकडे दबोचे, कम्मो के जबरदंग ३८ डी डी उभार अपनी दोनों बरछियों से देवर में छेद करती, कान में कुछ बोलती, लेकिन भौजी ने अपना अटैक अपनी किशोर ननद की ओर किया और उसे चढ़ाया,
" अरे खोल के देख काहें नहीं लेती, तेरे भैया मना थोड़े ही करेंगे , क्यों देवर जी "
और साथ ही कम्मो ने अपने नाखूनों से इनके मेल टिट्स को कस के खरोंच दिया , बेचारे तड़प उठे और साथ ही उनकी उस कच्ची कली बहन ने शार्ट का घूँघट थोड़ा सा खोल दिया,
फटा पोस्टर निकला हीरो,