31-05-2021, 11:15 PM
ढोलू ने पूरी ताकत लगाकर अपने लंड को मेरे रूपाली दीदी के मुंह में गले तक ठेल दिया .. उसकी जांघे कपने लगी, शरीर अकड़ गया, उसके चुतड अपने आप ही सिकुड़ने फैलने लगे | उसकी गोलियों से तेज बहाव लंड की तरफ आता महसूस हुआ ...
ढोलू – रूपाली मेरी पिचकारी छुटने वाली है आआआआआ आआआआआआआआआआ..ढोलू के लंड से पिचकारियाँ छुटने लगी ..
मेरी रूपाली दीदी उसकी मलाई चाटने लगी... मेरी बहन उसका पूरा माल पीने की कोशिश कर रही थी... उसकी मलाई बहुत ज्यादा थी.. मेरी बहन अपना पूरा मुंह खोल कर ज्यादा से ज्यादा उसका माल पीने की कोशिश कर रही थी..ढोलू के हाहाकारी भारी भरकम मोटे मुसल लंड के आक्रमण से मेरी रूपाली दीदी के जलते गले में एक गरम पिचकारी लगी, और सीधे गले में उतर गयी ..ढोलू का सफ़ेद गरम लंड रस बह निकला... मेरी दीदी के मुंह में...
जलते गले में गीले गरम पिचकारी लगने से मेरी बहन के शरीर में एक झुनझुनी सी दौड़ गयी.. गरम सफ़ेद लंड रस के स्पर्श से ही उसे हल्का सा ओर्गास्म हो गया .. फिर लंड ने पिचकारी की झड़ी लगा दी, ढोलू ने थोड़ा लंड बाहर खीचा और मुहँ में झाड़ने लगा ताकि मेरी रूपाली दीदी उसका सफ़ेद गाढ़ा लंड रस का स्वाद ले सके ..
काफी देर तक ढोलू की कमर हिलती रही, मेरी दीदी के मुहँ में वो झड़ता रहे, मेरी रूपाली दीदी उनके लंड रस की एक एक बूंद गटकती चली गयी ..ढोलू की गोलिया खाली हो गयी, आखिरी बची कुछ बुँदे उसके लाल फूले सुपाडे पर आकर अटक गयी जिन्हें मेरी बहन ने अपनी जीभ से चाट लिया.. मेरी बहन ढोलू के लंड को चाटती रही और तब तक चाटती रही जब तक उसमे से एक भी बूंद की गुंजाईश बनी रही..
मेरी रूपाली दीदी ढोलू के सीने पर अपना सर रख दीया..ढोलू ने मेरी बहना को अपनी बाहों में भर लिया... दोनों एक दूसरे से चिपक कर अपनी अपनी सांसे काबू करने लगे ..दोनों तेजी से हाफ रहे थे उनके शरीर पसीने से लथपथ थे.. वह दोनों खुद को काबू करने की कोशिश करने लगे और अपनी लंबी लंबी तेज सांसों को नियंत्रित करने लगे .. ढोलू ने अपनी आंखें बंद कर ली थी उसे जो सुख प्राप्त हुआ था वह जिस आनंद के सागर में गोते लगाकर अभी अभी निकला था उसकी कल्पना भी उसने कभी नहीं की थी .. वह आंखें बंद करके बस उसी पल को हमेशा के लिए अपने दिलो-दिमाग में सजा लेना चाहता था. मेरी रूपाली दीदी भी खुद को काबू कर रही थी.. मेरी दीदी ढोलू के सीने पर हाथ रखकर उसे हल्के हल्के सहलाने लगी ढोलू का हाथ मेरी दीदी के चूतड़ों पर चला गया और वह चूतड़ों को सहलाने लगा था ..दोनों छत की तरफ देख रहे थे..
ढोलू – रूपाली मेरी पिचकारी छुटने वाली है आआआआआ आआआआआआआआआआ..ढोलू के लंड से पिचकारियाँ छुटने लगी ..
मेरी रूपाली दीदी उसकी मलाई चाटने लगी... मेरी बहन उसका पूरा माल पीने की कोशिश कर रही थी... उसकी मलाई बहुत ज्यादा थी.. मेरी बहन अपना पूरा मुंह खोल कर ज्यादा से ज्यादा उसका माल पीने की कोशिश कर रही थी..ढोलू के हाहाकारी भारी भरकम मोटे मुसल लंड के आक्रमण से मेरी रूपाली दीदी के जलते गले में एक गरम पिचकारी लगी, और सीधे गले में उतर गयी ..ढोलू का सफ़ेद गरम लंड रस बह निकला... मेरी दीदी के मुंह में...
जलते गले में गीले गरम पिचकारी लगने से मेरी बहन के शरीर में एक झुनझुनी सी दौड़ गयी.. गरम सफ़ेद लंड रस के स्पर्श से ही उसे हल्का सा ओर्गास्म हो गया .. फिर लंड ने पिचकारी की झड़ी लगा दी, ढोलू ने थोड़ा लंड बाहर खीचा और मुहँ में झाड़ने लगा ताकि मेरी रूपाली दीदी उसका सफ़ेद गाढ़ा लंड रस का स्वाद ले सके ..
काफी देर तक ढोलू की कमर हिलती रही, मेरी दीदी के मुहँ में वो झड़ता रहे, मेरी रूपाली दीदी उनके लंड रस की एक एक बूंद गटकती चली गयी ..ढोलू की गोलिया खाली हो गयी, आखिरी बची कुछ बुँदे उसके लाल फूले सुपाडे पर आकर अटक गयी जिन्हें मेरी बहन ने अपनी जीभ से चाट लिया.. मेरी बहन ढोलू के लंड को चाटती रही और तब तक चाटती रही जब तक उसमे से एक भी बूंद की गुंजाईश बनी रही..
मेरी रूपाली दीदी ढोलू के सीने पर अपना सर रख दीया..ढोलू ने मेरी बहना को अपनी बाहों में भर लिया... दोनों एक दूसरे से चिपक कर अपनी अपनी सांसे काबू करने लगे ..दोनों तेजी से हाफ रहे थे उनके शरीर पसीने से लथपथ थे.. वह दोनों खुद को काबू करने की कोशिश करने लगे और अपनी लंबी लंबी तेज सांसों को नियंत्रित करने लगे .. ढोलू ने अपनी आंखें बंद कर ली थी उसे जो सुख प्राप्त हुआ था वह जिस आनंद के सागर में गोते लगाकर अभी अभी निकला था उसकी कल्पना भी उसने कभी नहीं की थी .. वह आंखें बंद करके बस उसी पल को हमेशा के लिए अपने दिलो-दिमाग में सजा लेना चाहता था. मेरी रूपाली दीदी भी खुद को काबू कर रही थी.. मेरी दीदी ढोलू के सीने पर हाथ रखकर उसे हल्के हल्के सहलाने लगी ढोलू का हाथ मेरी दीदी के चूतड़ों पर चला गया और वह चूतड़ों को सहलाने लगा था ..दोनों छत की तरफ देख रहे थे..