30-05-2021, 01:45 PM
(This post was last modified: 30-05-2021, 03:12 PM by babasandy. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मेरी हालत बिल्कुल पतली हो चुकी थी.. ढोलू की बातें सुनकर और उसकी हरकतें देखकर मुझे कुछ कुछ तो समझ में आ रहा था कि यह इंसान आखिर क्या चाहता है, पर फिर भी मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी पूछने की.. मेरी नजरें उसके काले रंग के 10 इंच बड़े लंड पर टिकी हुई थी.. और उसकी नजरें मेरी रुपाली दीदी पर... ढोलू का 10 इंच लंबा & बहुत ही मोटा लंड 2 बड़े-2 आंडो के उपर सीधा तना खड़ा था, बिल्कुल कुतुबमीनार की तरह..
ढोलू भैया.. प्लीज आप यह वीडियो अपने मोबाइल में से डिलीट कर दो.. नहीं तो हमारे पूरे खानदान की इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी.. मैंने बड़ी हिम्मत करके कहा..
साले... आज तुझे अपने खानदान की इज्जत की पड़ी हुई है.. बहन के लोड़े तुझे शर्म नहीं आई जब तू अपनी सगी बहन को चुदते हुए देख मुट्ठ मार रहा था बहन चोद...ढोलू की आंखों में हवस थी.
ढोलू भैया... आप क्या चाहते हो, आप जो कहोगे वह मैं करने के लिए तैयार हूं, पर प्लीज यह वीडियो डिलीट कर दो अपने मोबाइल से, अगर किसी ने देख लिया तो मेरी रूपाली दीदी पूरे गांव में बदनाम हो जाएगी... मैं ढोलू के पैरों में गिर कर रोने लगा..
पर ढोलू को मेरे ऊपर बिल्कुल भी दया नहीं आई.. उसने मेरे बाल पकड़कर मेरा चेहरा ऊपर उठाया... अब मेरी आंखों के ठीक सामने उसका खूंखार लंड खड़ा था.. देख बहन के लोड़े देख.... ठीक से देख लोड़े को.. क्या मेरा लौड़ा दिनेश और रवि के लोड़े से कमजोर है... ढोलू ने मुझसे पूछा..
नहीं भैया... आपका लल.. बहुत बड़ा है.. मेरे मुंह से लंड शब्द नहीं निकल पाया...
इसी लंड से अब मैं तेरी रुपाली दीदी को पेलूंगा... तेरी रंडी बहन को पटक पटक के चोदूंगा... साली की चूत का भोसड़ा बना दूंगा.. तेरी बहन को घोड़ी बनाकर उसकी गांड भी मारूंगा.. बहन चोद... क्या मस्त आइटम है तेरी रुपाली दीदी... जब से तेरी बहन जवान हुई है तभी से सपने देख रहा हूं तेरी बहन को अपने लंड पर बिठाने का.. आप जाकर मौका मिला है मां के लोड़े.. मस्त बड़े-बड़े ग़दर तेरी बहन की चूची देख यार, गुलाबी नेपल्स... दूध से भरी हुई है, बहुत मजा आने वाला है तेरी बहन की चूची से दूध पीने में... साली रंडी पूरी दूध की दुकान है..
ढोलू बड़बड़ा रहा था.. और अपना आज हिला रहा था मेरी आंखों के ठीक सामने... वह पूरी तरह पागल हो चुका था..
मेरा लौड़ा चूस देगा क्या बहन चोद.... मुझसे पूछा उसने.
नहीं ढोलू भैया.. प्लीज मुझे माफ कर दो... मैंने कहा..
चल कोई बात नहीं बहन के लोड़े.. अब तो तेरी रूपाली दीदी मेरा लंड चूस चूस के लेगी.. तेरी बहन को इतना पेलूंगा कि तेरी रुपाली दीदी 4 दिनों तक ठीक से चल भी नहीं पाएगी .. रंडी साली..."ऊन्नह....हायऽऽऽऽ तेरी बहना..हायऽऽऽऽ ... बोलते हुए ढोलू ने मेरे चेहरे के ऊपर ही लण्ड की पिचकारी मार दिया.. मेरा पूरा फेस गीला हो गया.. ढोलू तो सोफे पर लेट के लंबी लंबी सांसे लेने लगा.. और मैं अपने चेहरे को पास में पड़े हुए तौलिए से साफ करने की कोशिश करने लगा.. मुझे बहुत ही बुरा लग रहा है... मैं मन ही मन इस अपमान का घूंट पी के रह गया.. क्योंकि आने वाली मुसीबत बहुत बड़ी थी..
कुछ देर बाद जब मैं वहां से निकलने के लिए दरवाजे की तरफ जाने लगा तो ढोलू ने एक बार फिर मुझे रोका.. वह मेरे पास आया और उसने मुझसे कहा...
सुन बहन के लोड़े.. कल दोपहर 12:00 बजे तू अपनी रुपाली दीदी को लेकर मेरे घर पर आएगा... मैं राजू को बाहर भेज दूंगा.. समझ गया ना.. अगर कल दोपहर 12:00 बजे तक तेरी बहना यहां नहीं आई, तो गांव के हर लौंडे के मोबाइल में तेरी बहन का यह वीडियो होगा.. पूरा गांव तेरी बहन को देखकर मुट्ठ मारेगा... और तेरी इज्जत क्या रह जाएगी साले, तू भी तो इस वीडियो में है... कल दोपहर 12:00 बजे.. समझा..
मैंने सर झुका कर ढोलू को अपनी मौन सहमति दी.. मैं वहां से निकल गया.. पूरे रास्ते में सोचता रहा कि अब मैं क्या करूं... मैं अपनी दीदी को यह बात कैसे बताऊंगा... मुझे अपने दोस्त राजू पर बहुत गुस्सा आ रहा था, उसी की वजह से हम लोग इस मुसीबत में फंसे हुए थे.. मेरा सर घूम रहा था चक्कर खा खाकर... मैं अपने घर पहुंच कर अपने बिस्तर में जाकर लेट गया और सो गया...
शाम को मैं अपनी रुपाली दीदी के पास बैठा हुआ था.. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं अपनी दीदी को क्या बताऊं.. मेरे चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी... मेरी हालत देखकर मेरी रुपाली दीदी ने मुझसे पूछा..
क्या हुआ अंशुल... तुम इतना परेशान क्यों लग रहे हो.. कोई बात है तो मुझसे बता सकते हो..
हां दीदी.. दरअसल बात यह है कि... वह वीडियो... वीडियो.. मैं हकला रहा था.
कौन से वीडियो अंशुल... क्या बोलना चाहते हो तुम साफ-साफ बोलते क्यों नहीं... मेरी दीदी चिंतित स्वर में बोली..
दीदी.. उस दिन छत पर जब दिनेश और रवि आपके साथ.... उस दिन ना जाने कब राजू ने अपने मोबाइल में पूरी वीडियो बना के रख ली है.. डरते डरते घबराते घबराते मैंने लगभग पूरी बात अपनी रुपाली दीदी को बता दी.. मेरी बात सुनकर मेरी दीदी के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आई थी, उनका चेहरा भी पीला पड़ने लगा था... मेरी बहन किसी गहरी सोच में डूबी हुई थी..
मैं मन ही मन सोच रहा था कि अगर मेरी रूपाली दीदी ने ढोलू के पास जाने से इंकार कर दिया तो फिर मैं क्या करूंगा... मेरी गांड फटी हुई थी..
कुछ देर बाद मेरी रूपाली दीदी ने मुझसे जो बात बताई सुनकर मैं हतप्रभ रह गया था... मेरी दीदी ने कल के लिए जो योजना बनाई थी हुआ सुनने में तो मुझे बड़ी अजीब लग रही थी.. पर मुझे अपनी दीदी पर पूरा भरोसा था... और इसके अलावा हमारे पास कोई चारा भी नहीं था.. मैंने अपनी दीदी की बात मान ली... मेरे जीजू कुछ काम से अपने घर वापस लौट चुके थे.. रात को हम सब ने मिलकर खाना खाया और अपने अपने कमरों में सोने के लिए चले गय.. मुझे नींद नहीं आ ही थी.. मैं सोच सोच कर परेशान हो रहा था कि कल वह गुंडा मेरी बहन के साथ ना जाने क्या-क्या करेगा... खैर जो भी हो मुझे अपनी बहन की योजना के अनुसार ही काम करना होगा... इसी में हमारी भलाई है... इन्हें खयालों में खोए हुए ना जाने मुझे कब नींद आ गई..
अगले दिन मेरी रूपाली दीदी ढोलू के घर पर जाने के लिए तैयार हो चुकी थी मेरे साथ... मेरी दीदी ने घर में सब को समझा दिया था कि वह अपनी एक सहेली से मिलने जा रही है और मुझे भी अपने साथ ले जा रही है..
मैं अपनी बहन को अपनी बाइक के पीछे बिठाकर ढोलू के घर की तरफ चल पड़ा.. दोस्तों आपको बताने की जरूरत नहीं है कि मेरी रूपाली दीदी बिल्कुल क़यामत लग रही थी.. लाल रंग की साड़ी चोली में मेरी बहन स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा लग रही थी.. उनको देखकर रास्ते में हर मर्द अपनी कामुक कामनाओं को ऊंची उड़ान दे रहा था...
थोड़ी देर में हम लोग ढोलू के घर पर पहुंच चुके थे.. मैंने उसके घर की घंटी बजाई.. मेरी रूपाली दीदी मेरे पीछे ही खड़ी थी अपनी बेटी मुन्नी को अपनी गोद में लिय.. दरवाजा खोला ढोलू ने.. वह ऊपर से बिल्कुल नंगा था... उसका काला बलिष्ठ शरीर देखकर मैं तो घबरा गया..
मेरे पीछे खड़ी मेरी रूपाली दीदी को देखकर उसकी लूंगी मैं टेंट बनने लगा था.. और उसके चेहरे पर कामुक मुस्कान थी.. उसकी सांसों से शराब की बदबू आ रही थी...
अंशुल अंदर आओ.. रुपाली तुम भी आ जाओ.. ढोलू ने हमें अंदर आने के लिए आमंत्रित किया.. मैं तो अंदर घुस गया पर मेरी दीदी अंदर जाने में घबरा रही थी. मेरी बहन का हाथ पकड़ के अंदर खींच लिया ढोलू ने..
मेरी दीदी लड़खड़ा गई.. बड़े प्यार से ढोलू ने मेरी बहन का हाथ पकड़ के उनको अपने कमरे में ले गया... मैं भी उनके साथ साथ उस कमरे में गया.. ढोलू ने मेरी बहन को अपने सोफे पर बिठाया.. और खुद भी उनसे बिल्कुल चिपक के बैठ गया... मेरी दीदी की गोद में उनकी बेटी थी..
ढोलू ने मुन्नी को अपनी गोद में ले लिया.. और उसको बड़े प्यार से देखने लगा... कुछ देर बाद उसने मुझे अपने पास बुलाया और मुन्नी को मेरी गोद में देते हुए कहा... अंशुल तुम अपनी भांजी के साथ दूसरे कमरे में जाकर आराम करो.. तब तक मैं तुम्हारी रूपाली दीदी के साथ कुछ बात करना चाहता हूं...
मैं मुन्नी को अपनी गोद में लेकर दूसरे कमरे में जाने के लिए मुड़ा ही था कि मेरी रुपाली दीदी ने मुझे रोका.. नहीं अंशुल रुक जा.. तू कहीं नहीं जाएगा.. फिर उन्होंने ढोलू की तरफ देखते हुए कहा... देखो ढोलू भैया मुझे अच्छी तरह पता है कि आपने मुझे यहां क्यों बुलाया है.. आपको जो कुछ भी करना है मेरे साथ आप कर लो.. मैं आपको रोकूंगी नहीं.. पर मेरे भाई को भी यहीं पर रहने दो... मेरी दीदी ने बड़ी दृढ़ता के साथ कहा.
ढोलू को भला क्या आपत्ति हो सकती थी.. उसे थोड़ा आश्चर्य भी हुआ खुशी भी... ढोलू खुद भी चाहता था कि मेरी बहन का ढोल बजाए मेरी आंखों के सामने... उसके मन की मुराद पूरी हो रही थी..
ठीक है रूपाली.. जैसा तू चाहती है वैसा ही होगा.. सब कुछ तेरे भाई के सामने करूंगा.. चलो अपनी साड़ी उतार के मेरे सामने खड़ी हो जा.. ढोलू ने मेरी दीदी को आदेश दिया... मेरी दीदी पहले तो घबरा गई.. फिर खुद को संभालते हुए मेरी दीदी खड़ी हुई और उन्होंने अपनी साड़ी उतार के टेबल के ऊपर रख दी.. मेरी बहन ढोलू की आंखों के सामने खड़ी थी चोली और पेटीकोट में.
ढोलू ने अपनी लूंगी उतार के फेंक दी.. अब वह बिल्कुल नंगा मेरी रूपाली दीदी की आंखों के सामने सोफे पर बैठा हुआ था.. मैं देख पा रहा था कि जब मेरी रुपाली दीदी को उसके खूंखार लण्ड के दर्शन हुए तू मेरी बहन का गला सूख गया... मेरी दीदी अपनी नजरें उसके औजार से हटाने में नाकाम साबित हो रही थी.. ढोलू मेरी बहन की हालत देख कर मुस्कुरा रहा था.. उसने मेरी रूपाली दीदी को इशारा किया अपनी टांगों के बीच बैठने के लिए... मेरे रूपाली दीदी बेझिझक उसकी दोनों टांगों के बीच घुटने के बल बैठ गई और उसका खूंखार लण्ड अपने दोनों हाथों से पकड़ कर हिलाने लगी..
मेरी रूपाली दीदी: ढोलू भैया..तुमारा औजार तो बहुत बड़ा है, चीखे उबल पड़ती होगी जिसकी चूत पर ये औजार रख देते होगे..
ढोलू ने मेरी बहन से कहा: छमिया ये तो चीटिंग है .. सब कुछ खुलकर होगा .. ये औजार सौजार नहीं चलेगा...लंड बोलो सीधे.. लोड़ा बोल लोड़ा..
वह मेरी बहन की तारीफ से बेहद खुश हुआ था..
मेरी रूपाली दीदी उसे ताना देते हुए बोली- ठीक है ठीक है .. ढोलू भैया.. बहुत बड़ा मुसल लंड है आपका... दिनेश और रवि का तो कुछ भी नहीं आपके सामने... जाहिर है मेरी रूपाली दीदी उसको उत्तेजित करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाह रही थी..
ढोलू का लंड पूरी तरह से फूल चूका था .उसका सुपाडा उसकी खाल छोड़ चूका था.. मेरी रूपाली दीदी अपने कांपते हुए हाथों से उसका मुसल लंड अपने हाथ में थाम सहलाने लगी.. मेरी रूपाली दीदी के हाथों की चूड़ियां खनखन बजने लगी.. ढोलू और मेरी बहन ने एक दूसरे की आंखों में देखा.. फिर वह दारू की बोतल उठा कर पीने लगा...
मेरी रूपाली दीदी ने ढोलू के मुसल लंड पर सख्ती बढ़ा दी और लंड को बुरी तरह मसलने लगी..ढोलू मेरी बहन की हरकत देख कर हैरान हो गया था.. उसकी सांसे तेज तेज चल रही थी..
ढोलू का लंड मेरी रूपाली दीदी के चेहरे के ठीक सामने था... मेरी बहन के हाथों की फिसलन से ढोलू के लंड का तापमान बहुत तेजी से बढ़ रहा था... मेरी बहन ने ढोलू के चेहरे की तरफ देखना बंद कर दिया अब उनका पूरा ध्यान ढोलू के लंड पर था.. ढोलू के के लंड में तेजी से खून भरने लगा . उसका लंड का कड़ापन बढ़ने लगा
...ढोलू के शरीर में भी वासना की गर्मी बढ़ने लगी ...
मेरी रूपाली दीदी के हाथ तेजी से ढोलू के लंड की मजबूती चेक कर रहे थे ..ढोलू का लंड ने बिलकुल 90 डिग्री का कोण बना दिया..ढोलू की कामुक कराहे उसकी उत्तेजना के साथ बढ़ने लगी .
मेरी दीदी ने एक बार तेजी से हाथ पीछे ढोलू के लंड की जड़ तक खीच दिए ..
ढोलू लंड की खाल पीछे तक खीचती चली गयी उसका लंड का मोटा फूला लाल सुपाडा मेरी रूपाली दीदी की आंखों के सामने चमकने लगा.
मेरी दीदी की जिस्म की धधकती आग के कारन उसके ओंठ वासना की प्यास में सूखते चले गए.. मेरी रूपाली दीदी ने अपनी जीभ के गीलेपन से अपने गुलाबी ओंठो को सींचा, जिससे उसके ओंठो की नमी वापस आई.
मेरी बहन ने अपनी उंगली से ढोलू के जलते लंड के धधकते सुपाडे के तापमान का जायजा लिया ..बहुत तेजी से मुठीयाने के कारन ढोलू की सांसे तेज हो गयी थी.. अब मेरी रूपाली दीदी ने अपने रस भरे ओंठो को ढोलू के लंड के सुपाडे को छुआ और उसके छेद से निकली नमी की बूंद से अपने ओंठ सींच लिए.. मेरी बहन की सांसों की गर्मी और उनके गुलाबी होठों की छुअन ढोलू के हथियार को एक नई बुलंदी प्रदान कर रही थी..
ढोलू ने मेरी रूपाली दीदी के मुहँ की तरफ लंड ठेलने की कोशिश की लेकिन मेरी बहन ने चालाकी से लंड को तिरछा कर दिया..मेरी दीदी के हाथ ढोलू के लंड पर फिसलते रहे ..
मेरी रूपाली दीदी: थोड़ा तो सब्र करो... अपनी बीवी को भूल जाओगे.. यह रूपाली का वादा है..
ढोलू: - ओह्ह्ह्ह रंडी......
ढोलू भैया.. प्लीज आप यह वीडियो अपने मोबाइल में से डिलीट कर दो.. नहीं तो हमारे पूरे खानदान की इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी.. मैंने बड़ी हिम्मत करके कहा..
साले... आज तुझे अपने खानदान की इज्जत की पड़ी हुई है.. बहन के लोड़े तुझे शर्म नहीं आई जब तू अपनी सगी बहन को चुदते हुए देख मुट्ठ मार रहा था बहन चोद...ढोलू की आंखों में हवस थी.
ढोलू भैया... आप क्या चाहते हो, आप जो कहोगे वह मैं करने के लिए तैयार हूं, पर प्लीज यह वीडियो डिलीट कर दो अपने मोबाइल से, अगर किसी ने देख लिया तो मेरी रूपाली दीदी पूरे गांव में बदनाम हो जाएगी... मैं ढोलू के पैरों में गिर कर रोने लगा..
पर ढोलू को मेरे ऊपर बिल्कुल भी दया नहीं आई.. उसने मेरे बाल पकड़कर मेरा चेहरा ऊपर उठाया... अब मेरी आंखों के ठीक सामने उसका खूंखार लंड खड़ा था.. देख बहन के लोड़े देख.... ठीक से देख लोड़े को.. क्या मेरा लौड़ा दिनेश और रवि के लोड़े से कमजोर है... ढोलू ने मुझसे पूछा..
नहीं भैया... आपका लल.. बहुत बड़ा है.. मेरे मुंह से लंड शब्द नहीं निकल पाया...
इसी लंड से अब मैं तेरी रुपाली दीदी को पेलूंगा... तेरी रंडी बहन को पटक पटक के चोदूंगा... साली की चूत का भोसड़ा बना दूंगा.. तेरी बहन को घोड़ी बनाकर उसकी गांड भी मारूंगा.. बहन चोद... क्या मस्त आइटम है तेरी रुपाली दीदी... जब से तेरी बहन जवान हुई है तभी से सपने देख रहा हूं तेरी बहन को अपने लंड पर बिठाने का.. आप जाकर मौका मिला है मां के लोड़े.. मस्त बड़े-बड़े ग़दर तेरी बहन की चूची देख यार, गुलाबी नेपल्स... दूध से भरी हुई है, बहुत मजा आने वाला है तेरी बहन की चूची से दूध पीने में... साली रंडी पूरी दूध की दुकान है..
ढोलू बड़बड़ा रहा था.. और अपना आज हिला रहा था मेरी आंखों के ठीक सामने... वह पूरी तरह पागल हो चुका था..
मेरा लौड़ा चूस देगा क्या बहन चोद.... मुझसे पूछा उसने.
नहीं ढोलू भैया.. प्लीज मुझे माफ कर दो... मैंने कहा..
चल कोई बात नहीं बहन के लोड़े.. अब तो तेरी रूपाली दीदी मेरा लंड चूस चूस के लेगी.. तेरी बहन को इतना पेलूंगा कि तेरी रुपाली दीदी 4 दिनों तक ठीक से चल भी नहीं पाएगी .. रंडी साली..."ऊन्नह....हायऽऽऽऽ तेरी बहना..हायऽऽऽऽ ... बोलते हुए ढोलू ने मेरे चेहरे के ऊपर ही लण्ड की पिचकारी मार दिया.. मेरा पूरा फेस गीला हो गया.. ढोलू तो सोफे पर लेट के लंबी लंबी सांसे लेने लगा.. और मैं अपने चेहरे को पास में पड़े हुए तौलिए से साफ करने की कोशिश करने लगा.. मुझे बहुत ही बुरा लग रहा है... मैं मन ही मन इस अपमान का घूंट पी के रह गया.. क्योंकि आने वाली मुसीबत बहुत बड़ी थी..
कुछ देर बाद जब मैं वहां से निकलने के लिए दरवाजे की तरफ जाने लगा तो ढोलू ने एक बार फिर मुझे रोका.. वह मेरे पास आया और उसने मुझसे कहा...
सुन बहन के लोड़े.. कल दोपहर 12:00 बजे तू अपनी रुपाली दीदी को लेकर मेरे घर पर आएगा... मैं राजू को बाहर भेज दूंगा.. समझ गया ना.. अगर कल दोपहर 12:00 बजे तक तेरी बहना यहां नहीं आई, तो गांव के हर लौंडे के मोबाइल में तेरी बहन का यह वीडियो होगा.. पूरा गांव तेरी बहन को देखकर मुट्ठ मारेगा... और तेरी इज्जत क्या रह जाएगी साले, तू भी तो इस वीडियो में है... कल दोपहर 12:00 बजे.. समझा..
मैंने सर झुका कर ढोलू को अपनी मौन सहमति दी.. मैं वहां से निकल गया.. पूरे रास्ते में सोचता रहा कि अब मैं क्या करूं... मैं अपनी दीदी को यह बात कैसे बताऊंगा... मुझे अपने दोस्त राजू पर बहुत गुस्सा आ रहा था, उसी की वजह से हम लोग इस मुसीबत में फंसे हुए थे.. मेरा सर घूम रहा था चक्कर खा खाकर... मैं अपने घर पहुंच कर अपने बिस्तर में जाकर लेट गया और सो गया...
शाम को मैं अपनी रुपाली दीदी के पास बैठा हुआ था.. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं अपनी दीदी को क्या बताऊं.. मेरे चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी... मेरी हालत देखकर मेरी रुपाली दीदी ने मुझसे पूछा..
क्या हुआ अंशुल... तुम इतना परेशान क्यों लग रहे हो.. कोई बात है तो मुझसे बता सकते हो..
हां दीदी.. दरअसल बात यह है कि... वह वीडियो... वीडियो.. मैं हकला रहा था.
कौन से वीडियो अंशुल... क्या बोलना चाहते हो तुम साफ-साफ बोलते क्यों नहीं... मेरी दीदी चिंतित स्वर में बोली..
दीदी.. उस दिन छत पर जब दिनेश और रवि आपके साथ.... उस दिन ना जाने कब राजू ने अपने मोबाइल में पूरी वीडियो बना के रख ली है.. डरते डरते घबराते घबराते मैंने लगभग पूरी बात अपनी रुपाली दीदी को बता दी.. मेरी बात सुनकर मेरी दीदी के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आई थी, उनका चेहरा भी पीला पड़ने लगा था... मेरी बहन किसी गहरी सोच में डूबी हुई थी..
मैं मन ही मन सोच रहा था कि अगर मेरी रूपाली दीदी ने ढोलू के पास जाने से इंकार कर दिया तो फिर मैं क्या करूंगा... मेरी गांड फटी हुई थी..
कुछ देर बाद मेरी रूपाली दीदी ने मुझसे जो बात बताई सुनकर मैं हतप्रभ रह गया था... मेरी दीदी ने कल के लिए जो योजना बनाई थी हुआ सुनने में तो मुझे बड़ी अजीब लग रही थी.. पर मुझे अपनी दीदी पर पूरा भरोसा था... और इसके अलावा हमारे पास कोई चारा भी नहीं था.. मैंने अपनी दीदी की बात मान ली... मेरे जीजू कुछ काम से अपने घर वापस लौट चुके थे.. रात को हम सब ने मिलकर खाना खाया और अपने अपने कमरों में सोने के लिए चले गय.. मुझे नींद नहीं आ ही थी.. मैं सोच सोच कर परेशान हो रहा था कि कल वह गुंडा मेरी बहन के साथ ना जाने क्या-क्या करेगा... खैर जो भी हो मुझे अपनी बहन की योजना के अनुसार ही काम करना होगा... इसी में हमारी भलाई है... इन्हें खयालों में खोए हुए ना जाने मुझे कब नींद आ गई..
अगले दिन मेरी रूपाली दीदी ढोलू के घर पर जाने के लिए तैयार हो चुकी थी मेरे साथ... मेरी दीदी ने घर में सब को समझा दिया था कि वह अपनी एक सहेली से मिलने जा रही है और मुझे भी अपने साथ ले जा रही है..
मैं अपनी बहन को अपनी बाइक के पीछे बिठाकर ढोलू के घर की तरफ चल पड़ा.. दोस्तों आपको बताने की जरूरत नहीं है कि मेरी रूपाली दीदी बिल्कुल क़यामत लग रही थी.. लाल रंग की साड़ी चोली में मेरी बहन स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा लग रही थी.. उनको देखकर रास्ते में हर मर्द अपनी कामुक कामनाओं को ऊंची उड़ान दे रहा था...
थोड़ी देर में हम लोग ढोलू के घर पर पहुंच चुके थे.. मैंने उसके घर की घंटी बजाई.. मेरी रूपाली दीदी मेरे पीछे ही खड़ी थी अपनी बेटी मुन्नी को अपनी गोद में लिय.. दरवाजा खोला ढोलू ने.. वह ऊपर से बिल्कुल नंगा था... उसका काला बलिष्ठ शरीर देखकर मैं तो घबरा गया..
मेरे पीछे खड़ी मेरी रूपाली दीदी को देखकर उसकी लूंगी मैं टेंट बनने लगा था.. और उसके चेहरे पर कामुक मुस्कान थी.. उसकी सांसों से शराब की बदबू आ रही थी...
अंशुल अंदर आओ.. रुपाली तुम भी आ जाओ.. ढोलू ने हमें अंदर आने के लिए आमंत्रित किया.. मैं तो अंदर घुस गया पर मेरी दीदी अंदर जाने में घबरा रही थी. मेरी बहन का हाथ पकड़ के अंदर खींच लिया ढोलू ने..
मेरी दीदी लड़खड़ा गई.. बड़े प्यार से ढोलू ने मेरी बहन का हाथ पकड़ के उनको अपने कमरे में ले गया... मैं भी उनके साथ साथ उस कमरे में गया.. ढोलू ने मेरी बहन को अपने सोफे पर बिठाया.. और खुद भी उनसे बिल्कुल चिपक के बैठ गया... मेरी दीदी की गोद में उनकी बेटी थी..
ढोलू ने मुन्नी को अपनी गोद में ले लिया.. और उसको बड़े प्यार से देखने लगा... कुछ देर बाद उसने मुझे अपने पास बुलाया और मुन्नी को मेरी गोद में देते हुए कहा... अंशुल तुम अपनी भांजी के साथ दूसरे कमरे में जाकर आराम करो.. तब तक मैं तुम्हारी रूपाली दीदी के साथ कुछ बात करना चाहता हूं...
मैं मुन्नी को अपनी गोद में लेकर दूसरे कमरे में जाने के लिए मुड़ा ही था कि मेरी रुपाली दीदी ने मुझे रोका.. नहीं अंशुल रुक जा.. तू कहीं नहीं जाएगा.. फिर उन्होंने ढोलू की तरफ देखते हुए कहा... देखो ढोलू भैया मुझे अच्छी तरह पता है कि आपने मुझे यहां क्यों बुलाया है.. आपको जो कुछ भी करना है मेरे साथ आप कर लो.. मैं आपको रोकूंगी नहीं.. पर मेरे भाई को भी यहीं पर रहने दो... मेरी दीदी ने बड़ी दृढ़ता के साथ कहा.
ढोलू को भला क्या आपत्ति हो सकती थी.. उसे थोड़ा आश्चर्य भी हुआ खुशी भी... ढोलू खुद भी चाहता था कि मेरी बहन का ढोल बजाए मेरी आंखों के सामने... उसके मन की मुराद पूरी हो रही थी..
ठीक है रूपाली.. जैसा तू चाहती है वैसा ही होगा.. सब कुछ तेरे भाई के सामने करूंगा.. चलो अपनी साड़ी उतार के मेरे सामने खड़ी हो जा.. ढोलू ने मेरी दीदी को आदेश दिया... मेरी दीदी पहले तो घबरा गई.. फिर खुद को संभालते हुए मेरी दीदी खड़ी हुई और उन्होंने अपनी साड़ी उतार के टेबल के ऊपर रख दी.. मेरी बहन ढोलू की आंखों के सामने खड़ी थी चोली और पेटीकोट में.
ढोलू ने अपनी लूंगी उतार के फेंक दी.. अब वह बिल्कुल नंगा मेरी रूपाली दीदी की आंखों के सामने सोफे पर बैठा हुआ था.. मैं देख पा रहा था कि जब मेरी रुपाली दीदी को उसके खूंखार लण्ड के दर्शन हुए तू मेरी बहन का गला सूख गया... मेरी दीदी अपनी नजरें उसके औजार से हटाने में नाकाम साबित हो रही थी.. ढोलू मेरी बहन की हालत देख कर मुस्कुरा रहा था.. उसने मेरी रूपाली दीदी को इशारा किया अपनी टांगों के बीच बैठने के लिए... मेरे रूपाली दीदी बेझिझक उसकी दोनों टांगों के बीच घुटने के बल बैठ गई और उसका खूंखार लण्ड अपने दोनों हाथों से पकड़ कर हिलाने लगी..
मेरी रूपाली दीदी: ढोलू भैया..तुमारा औजार तो बहुत बड़ा है, चीखे उबल पड़ती होगी जिसकी चूत पर ये औजार रख देते होगे..
ढोलू ने मेरी बहन से कहा: छमिया ये तो चीटिंग है .. सब कुछ खुलकर होगा .. ये औजार सौजार नहीं चलेगा...लंड बोलो सीधे.. लोड़ा बोल लोड़ा..
वह मेरी बहन की तारीफ से बेहद खुश हुआ था..
मेरी रूपाली दीदी उसे ताना देते हुए बोली- ठीक है ठीक है .. ढोलू भैया.. बहुत बड़ा मुसल लंड है आपका... दिनेश और रवि का तो कुछ भी नहीं आपके सामने... जाहिर है मेरी रूपाली दीदी उसको उत्तेजित करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाह रही थी..
ढोलू का लंड पूरी तरह से फूल चूका था .उसका सुपाडा उसकी खाल छोड़ चूका था.. मेरी रूपाली दीदी अपने कांपते हुए हाथों से उसका मुसल लंड अपने हाथ में थाम सहलाने लगी.. मेरी रूपाली दीदी के हाथों की चूड़ियां खनखन बजने लगी.. ढोलू और मेरी बहन ने एक दूसरे की आंखों में देखा.. फिर वह दारू की बोतल उठा कर पीने लगा...
मेरी रूपाली दीदी ने ढोलू के मुसल लंड पर सख्ती बढ़ा दी और लंड को बुरी तरह मसलने लगी..ढोलू मेरी बहन की हरकत देख कर हैरान हो गया था.. उसकी सांसे तेज तेज चल रही थी..
ढोलू का लंड मेरी रूपाली दीदी के चेहरे के ठीक सामने था... मेरी बहन के हाथों की फिसलन से ढोलू के लंड का तापमान बहुत तेजी से बढ़ रहा था... मेरी बहन ने ढोलू के चेहरे की तरफ देखना बंद कर दिया अब उनका पूरा ध्यान ढोलू के लंड पर था.. ढोलू के के लंड में तेजी से खून भरने लगा . उसका लंड का कड़ापन बढ़ने लगा
...ढोलू के शरीर में भी वासना की गर्मी बढ़ने लगी ...
मेरी रूपाली दीदी के हाथ तेजी से ढोलू के लंड की मजबूती चेक कर रहे थे ..ढोलू का लंड ने बिलकुल 90 डिग्री का कोण बना दिया..ढोलू की कामुक कराहे उसकी उत्तेजना के साथ बढ़ने लगी .
मेरी दीदी ने एक बार तेजी से हाथ पीछे ढोलू के लंड की जड़ तक खीच दिए ..
ढोलू लंड की खाल पीछे तक खीचती चली गयी उसका लंड का मोटा फूला लाल सुपाडा मेरी रूपाली दीदी की आंखों के सामने चमकने लगा.
मेरी दीदी की जिस्म की धधकती आग के कारन उसके ओंठ वासना की प्यास में सूखते चले गए.. मेरी रूपाली दीदी ने अपनी जीभ के गीलेपन से अपने गुलाबी ओंठो को सींचा, जिससे उसके ओंठो की नमी वापस आई.
मेरी बहन ने अपनी उंगली से ढोलू के जलते लंड के धधकते सुपाडे के तापमान का जायजा लिया ..बहुत तेजी से मुठीयाने के कारन ढोलू की सांसे तेज हो गयी थी.. अब मेरी रूपाली दीदी ने अपने रस भरे ओंठो को ढोलू के लंड के सुपाडे को छुआ और उसके छेद से निकली नमी की बूंद से अपने ओंठ सींच लिए.. मेरी बहन की सांसों की गर्मी और उनके गुलाबी होठों की छुअन ढोलू के हथियार को एक नई बुलंदी प्रदान कर रही थी..
ढोलू ने मेरी रूपाली दीदी के मुहँ की तरफ लंड ठेलने की कोशिश की लेकिन मेरी बहन ने चालाकी से लंड को तिरछा कर दिया..मेरी दीदी के हाथ ढोलू के लंड पर फिसलते रहे ..
मेरी रूपाली दीदी: थोड़ा तो सब्र करो... अपनी बीवी को भूल जाओगे.. यह रूपाली का वादा है..
ढोलू: - ओह्ह्ह्ह रंडी......