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Adultery भयानक हवस का षडयंत्र
#14
Update - 13








अगले दिन की सुबह होती है। रोहित ने अपनी पूरी रात नेहा की याद और उसके प्रति अपने हवस के भाव से निकाली थी। सुबह से ही रोहित नेहा की घर की तरफ देख रहा था। देखते देखते नेहा का पति भी अपने काम से निकल गया और नेहा घर पर अकेली थी। लगता है आज नेहा ने छुट्टी ली थी। छुट्टी लेती भी क्यों ना कल की दर्द भरी चुदाई के बाद थोड़ा आराम भी चाहिये था। रोहित को तो इन्तज़ार था कि कब सबीना आये और वो नेहा के घर पर देखने जाये। 



रोहित की निगाहें नेहा गुप्ता के घर पर ही टिकी हुई थी। देखते देखते दोपहर हो गयी। पर अभी तक सबीना नहीं आयी थी।


फिर थोड़ी देर बाद वापस रोहित देखने लगा तो उसको दूर से गर्मी में चल कर आती हुई सबीना नजर आयी।


सबीना के पास नेहा के घर का पता था इसलिये वो सीधा नेहा के घर पर डोर बेल बजा कर अन्दर चली गयी। रोहित भी फुर्ती से तैयार होकर नेहा के घर की खिड़की से ताकने लगा जहाँ से उसको सब कुछ आसानी से सुनाई और दिखाई दे जाता था।


नेहा ने घंटी सुनकर जैसे ही दरवाजा खोला वेसे ही सबीना अन्दर आ गयी।


सबीना नेहा के घर के अन्दर आ कर सोफ़े पर बैठ गयी। नेहा ने आज खूबसूरत सेक्सी सा स्लीवलेस और बैकलेस ब्लाउज पहना था और उस लाइट ऑरेंज कलर की साड़ी। क्या सेक्सी दिख रही थी उसमे नेहा। नेहा को देखते ही राहुल का लण्ड अन्दर पैंट में ही खड़ा हो गया।


सबीना को पानी का ग्लास देकर नेहा भी सबीना के पास सोफ़े पर आकर बैठ गयी। सबीना पानी पीने के बाद बोली

सबीना - वाह नेहा तेरा घर तो बड़ा और शानदार है।

नेहा - थैंक यू , सबीना जी।

सबीना - वह सब छोड़ नेहा ये बता तेरा दर्द कैसा है। रात कैसी गयी तेरी।

नेहा थोड़ा शर्माते हुए - अभी तो ठीक है सबीना जी पर रात बड़ी दर्द भरी निकली।

सबीना हस्ते हुए - वो तो निकलनी ही थी तुझको मैंने कल दो असली ** लण्डो से औरत जो बनाया था।

नेहा - आह याद मत दिलाई ये। यह सब छोड़िये और आपका प्लान बताई ये।

सबीना - वेसे नेहा तेरे घर के साथ-साथ तु भी बहुत शानदार दिख रही है। कतई मादक माल।

यह बोलते बोलते सबीना नेहा के पास आ जाती है और अपने काले पसीने वाले हाथों से नेहा के हाथों को पकड लेती है अपनी ओर खींच लेती है।

नेहा चौक जाती है और बोलती है - ये क्या कर रहे हों सबीना जी।


सबीना - वहीं तो तुझको प्लान बता रही हूँ मेरी जान।

अब सबीना ने नेहा को अपनी बाहों में भरकर अपनी गोदी में बिठा दिया और एक किस या चुम्मा कर दिया। नेहा बेचारी पूरी सबीना की गोद में थी। फिर नेहा खुद छुड़ाती है और वापस पास में बैठ जाती है।


नेहा - देखो सबीना जी आप सही से बात करिये। मुझको अभी यह सब नहीं करना।

फिर सबीना हस्ते हुए - ठीक है मेरी जान।

फिर सबीना नेहा को अपना प्लान बताती है। जिसको रोहित बाहर खड़े हुए सुन रहा होता है। रोहित को बाहर खड़े हुए अब धीमे धीमे समझ में आ रहा होता है कि यह तो साला बहुत बड़ा षड़यंत्र हो रहा है।


नेहा सबीना का प्लान सुन कर बोलती है - नहीं नहीं यह तो गलत है। मैं इसमें तुम्हारा कोई साथ नहीं दूँगी।

सबीना नेहा की हथेलियाँ को पकड़ कर बोलती है - देख लो नेहा दे दो मेरा साथ। मेरा साथ देने से तुमको ही फायदा होगा। तुझको यूसुफ शैख से छुटकारा मैं दिलाऊंगी। सोच लो।


फिर नेहा थोड़ा डरते और दुःखी होती हुई कुछ देर सोच कर हाँ बोल देती है।


सबीना नेहा के बालो पर हाथ घुमाते हुए बोलती - गुडगर्ल, वाह मजा आ गया। पर अभी भी मुझको एक आदमी की जरूरत है। मेरे प्लान के लिये। सोच रही हूँ किसी भाड़े के आदमी को कॉल कर दु।


रोहित यह सुनकर बहुत खुश हो जाता है। पर रोहित की समस्या यह थी कि वो अन्दर कैसे जाये और सबीना को कैसे बताए। उसकी तो हिम्मत ही नहीं हो रही थी। फिर भी रोहित दोड़ कर नेहा के घर के गेट के पास जाता है। और गेट को धक्का मारता है जिससे गेट खुल जाता है। दरसल गेट पहले से ही खुला हुआ था।


अचानक आयी गेट की आवाज से नेहा चौक जाती है और सामने देखने लगती हैं।


अब रोहित भागकर आता है और नेहा और सबीना के सामने खड़ा हो जाता है। और बोलता है


रोहित - सबीना जी मै तैयार हूँ आपके प्लान के लिये आप किसी भी भाड़े के आदमी को कॉल मत कीजिये।


सबीना थोड़ा गुस्से में - अबे चुतीये गाण्डू तू है कोण और छिप के हमारी बातें क्यों सुन रहा है।


नेहा अचानक से चौकती है और बोलती है - रोहित जी आप यहां ऐसे अचानक क्या कर रहे है? आपको शर्म नहीं आती किसी के घर की ताक जाक और जासूसी करते हुए।

सबीना - यह कोन है नेहा?

नेहा - ये रोहित गर्ग है मेरे पड़ोस वाले घर मे ही रहते है। और किसी मिल के मैनेजर है। इनकी पत्नी का नाम काव्या गर्ग है।

रोहित - अरे सबीना जी और नेहा तुमको पता नहीं है पर मैं बहुत कुछ जानता हूं आपके प्लान के अलावा भी की कल उस मेरे मिल के वोचमैन अब्दुल के कमरे पर क्या-क्या हुआ।


यह सुन नेहा एक दम डर जाती है और उसके हाथ पैर कापने लगते हैं।


पर सबीना तो माहिर रंडी थी उसको कैसे सब सही करना है आता था।

फिर रोहित कल जो कुछ भी हुआ वो पूरा डिटेल्स में बता देता है।

सबीना हस्ते हुए - ठीक है रोहित। मैं तुमको अपने प्लान में शामिल करती हू पर तुम्हें मेरा एक कठिन काम करना पड़ेगा।

रोहित हवस की आग में बिना कुछ सोचे सबीना को हाँ बोल देता है।

नेहा तभी बोलती है - देखो सबीना अगर ये रोहित जी प्लान में रहेगे तो मैं नहीं शामिल होऊंगी।

सबीना - देख लो नेहा मैं मेरा प्लान ओर भी लोगों को नहीं बताना चाहती वेसे भी रोहित को अब सब पता भी है मेरे प्लान और तुम्हारे बारे मे फिर समस्या कहा है। रोहित के रहने से तुम भी थोड़ा सैफ रहोगी और तुम्हारे सीक्रेट भी। नेहा सोच लो रोहित जी तो प्लान में रहेगे पर फिर तु चली गयी तो "तु यूसुफ शैख के चंगुल से कैसे बचेगी?"


यह सुन नेहा बेचारी वापस सबीना की बात मान लेती है और हाँ बोल देती है।


नेहा मन ही मन सोचती है कि जिस रोहित गर्ग को उसने आज तक भाव नहीं दिया आज उसको उसके साथ एक प्लान में काम करना पड़ेगा।

नेहा - पर सबीना तुम रोहित को समझाओ की वह मुझसे दूर रहे। ज्यादा चिपके नहीं।

सबीना - ठीक है मेरी जान। नहीं परेशान करेगा तुझे।

फिर सबीना नेहा को कुछ कहकर रोहित के साथ नेहा के घर से चली जाती और रोहित भी अपने घर चला जाता है। पर जाते समय सबीना रोहित को उँगलियों से कुछ इशारे करती है जिसको रोहित शायद समझ जाता है पर बाहर जाकर भी उसके कान में भी सबीना कुछ बोल देती है।


नेहा अपने घर का गेट बन्द करके सोफ़े पर बैठ कर सर पर हाथ रखकर सोच रही होती है कि वो इन सब चक्करों में कहा फस गयी।

फिर कुछ देर बाद नेहा के घर की घंटी बजती है और नेहा गेट खोलती है तो उसके सामने रोहित को खड़ा पाती है।


नेहा - देखो रोहित जी आप पहले तो अन्दर आइये।


फिर रोहित अन्दर आकर सोफ़े पर बैठ जाता है।

नेहा - देखो रोहित जी आप इन सब से दूर रहिये। वो सबीना को आप जानते नहीं पर वो बहुत बेकार औरत है। एक दम वेश्या है।

तभी रोहित नेहा का हाथ पकड़ लेता है और बोलता है मुझको पता है नेहा पर क्या करूँ तुमको कल उस हालत में देखने के बाद मुझसे रहा ही नहीं जा रहा है।

नेहा - अरे रोहित जी हाथ छोड़िये मेरा। आप क्या कर रहे है ये। मुझको आपके साथ यह सब नहीं करना।

रोहित - वाह क्या नहीं करना? मुझको पता है तुमको सब करना है। कल देखा था मैंने कैसे तुम उन दोनों ***** अब्दुल और यूसुफ के साथ कर रही थी। जब उन दोनों भद्दे मोटे कलियों के साथ सेक्स कर सकती हो तो मुझमे कहा ख़राबी है। एक बार मेरा लण्ड तो देखो खुश हो जाऊँगी तुम।

नेहा - रोहित जी समझिये मेरी कल मजबूरी थी। मैं शादी-शुदा औरत हूँ।

रोहित - वो तो कल मैंने देखा तुम कितनी शादी-शुदा और संस्कारी औरत हो।

नेहा - आप क्यों नहीं समझ रहे हैं।

रोहित - देखो नेहा वो सब तो ठीक पर आज तुमको मुझको शान्त करना पड़ेगा। मेरी सेक्स की आग को बुझाना पड़ेगा।






To Be Continued _______________________
Written By Mohik
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RE: भयानक हवस का षडयंत्र - by Mohik - 29-05-2021, 02:21 AM



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