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Adultery भयानक हवस का षडयंत्र
#12
Update 12







("अब आगे की स्टोरी "मैं" से हटकर "प्रोपर स्टोरी लाइन" में चलेगी")





अब दोस्तों जैसा कि स्टोरी में "मैं" को अब्दुल के बाद रोहित बता रहा था। पर अब आगे आने वाले सभी अपडेट में स्टोरी "मैं" कि जगह एक प्रोपर स्टोरी लाइन की तरह चलेगी। अब स्टोरी के अन्दर "मैं" से कोई नहीं बतायेगा। जरूरत हुई तो कुछ भाग के लिये "मैं" आ सकता है।


अब हम वापस स्टोरी पर आते है _______________-




अब कमरे में सब कुछ शांत था। नेहा थोड़ी काप रही थी। आजतक जो नेहा ने इतना भयानक सेक्स नहीं किया था और ना ही नेहा को इसका अनुभव था।

फिर एक मोबाइल की घंटी बजती है। मोबाइल की घंटी से सभी एक दूसरे को देखते है। यह घंटी नेहा के मोबाइल से बज रही होती है तभी नेहा हडबडी में अपने मोबाइल की स्क्रीन पर देखती है। अन्दर अब्दुल, सबीना और यूसुफ सभी नेहा को ही देख रहे होते है।

नेहा को थोड़ी शान्ति मिलती है जब वो देखती है कि कॉल उसके पति का नहीं बल्कि रुचि का है।

फिर नेहा कॉल उठा कर रुचि से बात करती है और कुछ देर किसी प्रोजेक्ट की फाइल और नेहा कितनी देर में वापस घर आयेगी यह बात करके कॉल काट देती है।

नेहा - सबीना जी अब मुझको जाना होगा। 6 बज चुके है पहले मुझको रुचि के घर जाना है इसके बाद घर भी। अब आप प्लीज मुझको मत रोकना।

सबीना - हाँ हाँ नेहा अब तुझको कोई नहीं रोकेगा। चल मेरे भी वेसे घर जाने का समय हो गया है।

तभी अब्दुल थोड़ा गंदे सा और अजीब सा मुँह बना कर बोलता है - अभी कहा जा रही हो तुम दोनों। मेरी तो इच्छा थी कि पूरी रात गुजारे हम। ऐसे ही साथ ही।

सबीना - कोई नहीं अब्दुल मिया अभी सिर्फ शुरुआत है आप सब्र तो रखिये।

उधर यूसुफ को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि सबीना क्या बोल रही है।

सबीना - मेरे कहने का मतलब हम कभी फिर ऐसा प्लान बनाएंगे। आप चिन्ता ना करे अब्दुल मिया।

फिर नेहा जैसे तैसे खड़ी होकर अपनी साड़ी पहन लेती है और लड़खड़ाते कदमों के साथ जाने को तैयार हो जाती है। इतनी चुदाई के बाद तो नहीं सही से चल भी नहीं पा रही थी।

तभी यूसुफ बोलता है - चल नेहा मैं तुझको छोड़ देता हूं।

तभी अब्दुल बोलता है - अरे यूसुफ मिया मैं छोड़ आता हूं नेहा को। और वेसे भी आपका तो नालंदा सोसाइटी में जाना मना है ना। सेक्रेटरी ने आपको मना बोला है।

यूसुफ अब्दुल की ओर देख थोड़ा गुस्से में बोलता है - आ जी लण्ड मेरा। मैं किसी से नहीं डरता। और वो सोसाइटी का सेक्रेटरी उससे तो बिलकुल नहीं डरता। साला चूतिया बन का लण्ड सेक्रेटरी। अब मैं ही छोड़ूंगा नेहा को।

नेहा फिर दोनों को स्पष्ट रूप से ना बोल देती है और कहती है कि - मैं चली जाऊँगी। आप दोनों रहने दो और वेसे भी इस समय सोसाइटी में चहल पहल बहुत रहती है और मेरे पति के भी अचानक आने का खतरा है।

फिर दोनों कोई बात नहीं सुनते पर सबीना दोनों को चुप कराती है। और बोलती है नेहा से

सबीना - देख नेहा तेरी अभी दबा के चुदाई और गाण्ड पिलाई हुई है तू अभी ठीक से चल भी नहीं पा रही है इसलिये तू इन दोनों को छोड़ मेरे साथ चल। मेरे आने से किसी को शक भी नहीं होगा।

यह बोलते बोलते सबीना नेहा के खुले बगल और आर्मपीठ पर हाथ घुमा रही थी।

फिर नेहा ने भी कुछ नहीं बोला और हामी भर दी। फिर नेहा और सबीना दोनों कमरे से निकलने लगे। यह देख रोहित सीधा खिड़की को छोड़ कर नीचे चला गया ताकि कोई उसे देख ना ले। नेहा और सबीना को जाता देख यूसुफ भी निकल गया। फिर नेहा और सबीना पैदल ही जा रहे थे सोसाइटी में रुचि की घर की ओर। रोहित भी अपने चेहरे पर रुमाल बाँध कर दोनों का पीछा करने लगा।

नेहा की चाल को देख कर साफ़ दिख रहा था कि नेहा की अभी जबरदस्त चुदाई हुई है। बेचारी सही से चल भी नहीं पा रही थी। फिर थोड़ा चलते चलते रुचि अग्रवाल का घर आ गया।

फिर नेहा और सबीना दोनो रुक गये। जैसे ही नेहा अन्दर जाने लगी तो सबीना ने उसकी पकडी जिससे नेहा वहीं रुक गयी और बोली - क्या हुआ?

राहुल एक दीवार के पीछे खड़ा होकर सब देख रहा था।

सबीना ने नेहा का मोबाइल नंबर और घर का पता लिया और फिर दोनों कुछ बात करने लगी। फिर नेहा रुचि के घर के अन्दर चली गयी और सबीना भी वहा से निकल गयी।

रोहित को कुछ ज्यादा तो नहीं सुनाई दिया पर जब सबीना नेहा का हाथ छोड़ कर जा रही थी तो उसने जाते वक़्त इतना जरूर बोला था नेहा को "कि मैं कल तुम्हारे घर पर आऊंगी।" बस रोहित को इतना ही सुनाई दिया था।

फिर रोहित ने भी वहा से निकालना ही उचित समझा। और वहा से निकल कर अपने घर चला गया। रोहित घर गया ही था कि उसको उसके बॉस का फोन आया कि आज वो कहा था आधा दिन? रोहित ने भी बीमार होने का बहाना बना दिया और कल के दिन की छुट्टी ले ली। अब रोहित को कल का इन्तजार था। की क्या होने वाला नेहा के घर? सबीना क्यों आने वाली है नेहा के घर पर?







To Be Continued _____________________
Written By Mohik
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RE: भयानक हवस का षडयंत्र - by Mohik - 28-05-2021, 11:20 PM



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