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Adultery भयानक हवस का षडयंत्र
#3
Update - 3






आपने रजिया की कभी गाण्ड मारी है या नहीं.........? 



















मैं मुस्कुराते हुए बोला- तू मजाक बहुत करती है ! मैंने आज तक पीछे से चूत नहीं चोदी, तू गाण्ड की बात करती है। तीन महीने में एक बार चोदता हूँ वो भी लाइट बंद करने के बाद और 5 मिनट से कम में ही खेल ख़त्म हो जाता है। 




सबीना बोली- आपको चूत चोदने में तो माहिर करूँगी ही, साथ में गाण्ड का भी मज़ा दिलाऊँगी। आप जितना काला, मोटा और लम्बा लण्ड कम ही लोगों का होता है ! उसने मेरा लण्ड एक बार और सहला दिया जो अब सीधा छत को छूने की कोशिश कर रहा था। सबीना उठी, उसने मेरे लण्ड के सुपाड़े पर अपनी चूत छुलाई और टाँगें चौड़ी करके पूरा लण्ड अपनी चूत में घुसा लिया। अब सबीना मेरे लण्ड पर बैठी थी। उसने मेरे हाथ उठाकर अपनी चूचियों पर रख दिए और बोली- लो राजा, इन्हें दबाओ जितनी जोर से दबाओगे उतना ही उछल उछल कर चुदूँगी। मैं कभी धीरे, कभी तेज उसकी संतरे जैसे चूचियाँ दबाने लगा। वाकई वो भी कभी धीरे कभी तेज मेरे लण्ड पर उछल कर मुझे मजा दे रही थी, ओह आह से कमरा गूंजने लगा। 






दो मिनट के बाद शांत होकर सबीना मेरे लण्ड पर बैठ गई और बोली- राजा थक गई ! अब तुम जरा अपने चूतड़ हिला हिला कर मेरी भोंसड़ी को चोद दो। मैं लेटे लेटे ही अपने लण्ड को उसकी चूत में गाण्ड उठा के पेलने लगा। 







सबीना चिल्ला रही थी- वाह कुत्ते ! क्या चोद रहा है, मज़ा आ गया ! फाड़ इसे फाड़ हरामजादे ! बहुत मजा आ रहा है ! चोद दे, बना दे इसकी महा भोंसड़ी ! सबीना चुदने में पूरा साथ दे रही थी। थोड़ी देर में मेरे लण्ड की पिचकारी छूट गई और वो मुझ पर झुक कर चिपक गई मेरा लण्ड उसकी चूत में ख़ाली हो गया था। अब हम दोनों चिपके हुए थे। 






सबीना रोज आठ बजे तक काम करके चली जाती थी, आज नौ बज रहे थे। तभी सबीना के फ़ोन की घंटी बजी, उधर से एक सुरीली सी आवाज़ आई- सबीना ताई, मैं रूचि अग्रवाल बोल रही हूँ आपकी मैडम जी ! 





यह आवाज फोन के बाहर तक सुनाई दे रही थी मैंने अपना नंगा लण्ड सहलाते हुए कहा- यह कोन हैं? कहाँ से बोल रही हैं? 


सबीना हँसते हुए बोली- यह नालंदा सोसाइटी तेरे सामने वाली .... में रहती हैं आपके यहाँ से थोड़ी दूर ही हैं, 


रुचि - ताई आज तुम आयी नहीं अभी तक ! 


सबीना बोली- नहीं अभी आ रही आज काम थोड़ा ज्यादा है ! 


रूचि बोली- नहीं यही बोलने के लिये कॉल किया है आज आना नहीं है ! 



रुचि की आवाज़ मुझे सुनाई दी, क्या सेक्सी और सुरीली मादक आवाज थी. 



सबीना बोल रही थी- अच्छा मेमसाहब तो आज नहीं आना है? ठीक है, शाम को दे दूँगी ! फ़ोन रखने के बाद सबीना मुस्कुरा रही थी। 



मैं बोला- यह रूचि जी वही हैं न जो हमारे सामने से आगे नालंदा सोसायटी के एक बड़े घर में रहती है. 



सबीना आँखे मटका कर बोली- हाँ जी, यह वही हैं, जब यह अपनी बालकनी में कुछ उठाने आती थीं तो आप फिक्स दस बजे वहां पैड के पीछे छुपकर देखा करते थे और जब कभी घर से बाहर आती थीं तो आप इनकी चूचियाँ घूर घूर कर देखते थे। आजकल मैं इनके यहां ही काम कर रही हूं। शाम को इनकी साड़ी का ब्लाउज लाकर देना है उस रफीक टैलर से. रुचि मैडम स्लम एरिया में नहीं जाती मुझको भेजती है. 






अब मेरा लण्ड झुका हुआ था, सबीना ने उसे हिलाया और बोली- आपकी वो किताब कहाँ है जिसमें सुन्दर सुन्दर नंगी लड़कियों की चुदती हुई फोटो लगा रखी हैं? 



मैं चौंकते हुए बोला- तुझे कैसे पता? यह बात तो मेरी बीवी को भी नहीं पता ! 



बाबूजी, आपकी बीवी को तो यह भी नहीं पता कि आप मेरी चूत का रस चख रहे हैं, आप एक दिन बस स्टैंड के पास फ़ुटपाथ की जिस दुकान से नंगी फोटो खरीद रहे थे वो मेरे पड़ोसी की दुकान है, उसी ने बताया था कि आपको नंगी जवान लड़कियों की सेक्सी फोटो खरीदने का शौक है, अब नखरे न करो, मुझे दिखा दो, नहीं तो मैं नाराज हो जाऊँगी। 



मैंने कहा- ठीक है, मैं दिखाता हूँ। "



यह हुई न बात !" सबीना बोली और उसने मेरे ठन्डे पड़े लण्ड को मुँह में लेकर दो तीन बार चूस लिया, बोली- आप किताब लाओ तब तक मैं आपके लिए गरम दूध बनाकर लाती हूँ पाउडर वाला। 




मैं अपनी सौ पन्नों की फाइल ले आया जिसमें नंगी लड़कियों की हसीन फोटो थीं। उन्हें मैं एक बार देखने लगा जिससे मेरे लण्ड में थोड़ा सा उफान आ गया। सबीना एक ग्लास दूध ले आई थी। मेरी तरफ ग्लास बढ़ाकर बोली- लो साहब दूध पियो ! मैं बोला- मैं ठंडा दूध पीता हूँ ! उसने मेरा दूध मेज पर रख दिया और मेरा लौड़ा सहलाते हुए बोली- राजा, अभी तो एक पारी और हो जाएगी, यह मियां तो फुदकी मार रहें हैं। 



मैं बोला- तू ग्लास दे। उसने ग्लास मेरी ओर बढ़ा दिया। ग्लास में बहुत मलाई थी, मैं उसे निकालने लगा तो सबीना बोली- यह क्या कर रहे हो? मैं बोला- रानी, मैं मलाई नहीं खाता !




To Be Continued..........
Written By Mohik
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RE: भयानक हवस का षडयंत्र - by Mohik - 28-05-2021, 11:06 PM



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