28-05-2021, 09:58 PM
एक बात और पात्रों की और तो मेरी यह कहानी तो गिने चुने पात्रों की ही कहानी शुरू से है, नव दम्पति के ही चारो ओर घूमती है, इसलिए घटनाओं की भी सीमा है, हाँ बात मन की है, संवादों की है छेड़छाड़ की है तो कहानी उसी पर आलम्बित है , बस एक फरक ये पड़ा की होली आयी और होली आने पर न मैं रूकती हूँ न मेरी कहानी इसलिए फगुनाहट का असर होली के प्रसंगों पर है,... हाँ मैं सीरियल सेक्स वाली कहानी नहीं लिख पाती की क का पहले ख से, फिर ग से , फिर घ से,... और इस कहानी में भी पात्र से ज्यादा परिवेश मुखर हैं,...