28-05-2021, 09:35 PM
(This post was last modified: 28-05-2021, 09:46 PM by usaiha2. Edited 2 times in total. Edited 2 times in total.)
कोमल जी... आपको हार्दिक शुभकामनाएं... एक और अच्छी कहानी के लिए...
मैं आपकी लेखनी का बहुत हि बड़ा "पंखा" हुं... और सच्चे पंखों का धर्म है कि रचना कि प्रशंसा करे और अगर पसंद ना आए तो मुक्तकंठ से विवेचना और आलोचना भी करे...
आपने एक काम अच्छा किया कि jkg को पुनः लिखना बन्द कर दिया... और यहां पोस्ट कि संख्या बढा दी...
मोहे रंग दे का आरंभ अच्छा था पर अब पता नहीं क्यों इस कहानी को पढ कर लगता है कि ये कहानी jkg पार्ट 2 बनती जा रही है... क्योंकि आप ना सिर्फ घटनाएं बल्कि पात्रों कि भी पुनरावृत्ति कर रही हैं...
आशा है आप कुछ नवीन रचेंगी...
धन्यवाद...
मैं आपकी लेखनी का बहुत हि बड़ा "पंखा" हुं... और सच्चे पंखों का धर्म है कि रचना कि प्रशंसा करे और अगर पसंद ना आए तो मुक्तकंठ से विवेचना और आलोचना भी करे...
आपने एक काम अच्छा किया कि jkg को पुनः लिखना बन्द कर दिया... और यहां पोस्ट कि संख्या बढा दी...
मोहे रंग दे का आरंभ अच्छा था पर अब पता नहीं क्यों इस कहानी को पढ कर लगता है कि ये कहानी jkg पार्ट 2 बनती जा रही है... क्योंकि आप ना सिर्फ घटनाएं बल्कि पात्रों कि भी पुनरावृत्ति कर रही हैं...
आशा है आप कुछ नवीन रचेंगी...
धन्यवाद...