28-05-2021, 04:18 PM
" चू , चू चू ,... "
तबतक कम्मो गुनगुना पानी , रूई की पोटली और एक कटोरी में उबटन सा जो मलहम उसने बनाया था लेकर आ गयी।
"हे चलो ननद रानी स्कर्ट उतारो , " आते ही कम्मो भौजी ने हुकुम सुनाया ,
जब वो ना नुकुर करने लगी तो मैंने छेड़ा ,
" हमारी ननद रानी खाली अपने भइया के आगे स्कर्ट उतारती हैं। "
" अरे नहीं ऐसा नहीं है , हमारी ननद रानी हमारे भाइयों के आगे भी स्कर्ट उतारेंगी अपनी , अपने हाथ से। बहुत सीधी है मेरी ननद किसी को मना नहीं करती , फिर अब जब एक बार भैया ने कस के फाड़ ही दिया है , तो क्या और किससे बचाना। "कम्मो बोली।
जहाँ दो दो भौजाइयां हों , ननद की स्कर्ट बचती है क्या , और वैसे भी कम्मो के उकसाने का कुछ असर कुछ ननद की चढ़ती जवानी का , उसके भइया ने जबरदस्त हचक हचक कर पेला था , रगड़ रगड़ कर ठेला था , दर्द के मारे बेचारी की हालत खराब थी , हिल नहीं पा रही थी और ख़ास तौर से चुनमुनिया में तो आग लगी थी , जैसे किसी ने ओखल में लाल मिर्चा कूट दिया हो ,
स्कर्ट फर्श पर , ननद रानी गद्दे पर , मैंने पकड़ कर दबा रखा था और गरम गुनगुने पानी में से रुई का फाहा बना कर , कम्मो उसकी गुलाबो पर ,
ननद रानी की चुनमुनिया एकदम खुली,
पर कम्मो की शरारत ,....
उईईई , जल गयी भौजी , थोड़ा कम गरम लगाओ न , मेरी भौजी गुड्डी चीखी।
' कहाँ ननद रानी " उतने ,ही प्यार से कम्मो ने चिढ़ाया।
" अरे वहीँ जहाँ दर्द हो रहा है , अच्छी भौजी " ननद रानी मिनती करने पर उतर आयी थीं।
" पहले जगह का नाम बताओ ,... " मैं क्यों चुप रहती ,...
" चू , चू चू ,... " अभी थोड़ा बहुत शरमा रही थी , लेकिन कम्मो ने मुझसे सिर्फ उसे अपने भाई से हम दोनों के सामने चुदवाने का वायदा नहीं किया था बल्कि उसकी सरम लिहाज सब उतार कर अपने सहर की सबसे नम्बरी छिनार बनाने का भी वायदा किया था , तो वो क्यों मानती।
कम्मो ने चिढ़ाया , चू , चू क्या बोल रही हो चिड़िया हो क्या ,... "
और फिर धमकाया भी , अबकी तो एकदम गरम वाला लगाती हूँ ,
बस अबकी ननद रानी के मुंह से साफ़ साफ़ चूत निकल गया ,
" और अपने भइया के सामने भी यही बोलना , ... भइया हमार चूत चोद दो " कम्मो छोड़ने वाली नहीं थी ,
" अरे खाली अपने भाई से क्यों , हमरे भाई से भी बोलेंगी , हमार चूत चोद दो। " मैंने भी आग में घी छोड़ा।
" और क्या चुदवाना हो तो बोलना तो पड़ेगा ही " अबकी गुनगुने पानी से सेंकते कम्मो बोली।
धीरे धीरे दर्द कुछ कम होने लगा ,
तो मेरा ध्यान गालों पर गया जहां उसके भइया ने कस कस के काटा था , स्कर्ट नहीं तो टॉप क्यों बचे ,
उफ़ कैसे कस कस के कुतरा था कच्चे टिकोरों को , जैसे आम की डाल पर तोते ठोर मार देते हैं टिकोरों के आते ही , एकदम वैसे ही ,
मैंने हलके से छू दिया तो दर्द से वो दुहरी हो गयी ,...
भाभी , उसकी आँखों में आंसू उतर आये ,... मैं हलके से मुस्करायी ननद की आँख में ये आंसू तो हर भाभी देखना चाहती है ,
' चल अभी एक क्रीम लगा देती हूँ , ये भी दर्द कम हो जाएगा , ... "
और मैं क्रीम लाने के लिए चल दी , एक पेन किलर ,...
`
जब मैं लौटी तो कम्मो उसे चूत , बुर और भोसड़े का अंतर् विस्तार से समझा रही थी।
तबतक कम्मो गुनगुना पानी , रूई की पोटली और एक कटोरी में उबटन सा जो मलहम उसने बनाया था लेकर आ गयी।
"हे चलो ननद रानी स्कर्ट उतारो , " आते ही कम्मो भौजी ने हुकुम सुनाया ,
जब वो ना नुकुर करने लगी तो मैंने छेड़ा ,
" हमारी ननद रानी खाली अपने भइया के आगे स्कर्ट उतारती हैं। "
" अरे नहीं ऐसा नहीं है , हमारी ननद रानी हमारे भाइयों के आगे भी स्कर्ट उतारेंगी अपनी , अपने हाथ से। बहुत सीधी है मेरी ननद किसी को मना नहीं करती , फिर अब जब एक बार भैया ने कस के फाड़ ही दिया है , तो क्या और किससे बचाना। "कम्मो बोली।
जहाँ दो दो भौजाइयां हों , ननद की स्कर्ट बचती है क्या , और वैसे भी कम्मो के उकसाने का कुछ असर कुछ ननद की चढ़ती जवानी का , उसके भइया ने जबरदस्त हचक हचक कर पेला था , रगड़ रगड़ कर ठेला था , दर्द के मारे बेचारी की हालत खराब थी , हिल नहीं पा रही थी और ख़ास तौर से चुनमुनिया में तो आग लगी थी , जैसे किसी ने ओखल में लाल मिर्चा कूट दिया हो ,
स्कर्ट फर्श पर , ननद रानी गद्दे पर , मैंने पकड़ कर दबा रखा था और गरम गुनगुने पानी में से रुई का फाहा बना कर , कम्मो उसकी गुलाबो पर ,
ननद रानी की चुनमुनिया एकदम खुली,
पर कम्मो की शरारत ,....
उईईई , जल गयी भौजी , थोड़ा कम गरम लगाओ न , मेरी भौजी गुड्डी चीखी।
' कहाँ ननद रानी " उतने ,ही प्यार से कम्मो ने चिढ़ाया।
" अरे वहीँ जहाँ दर्द हो रहा है , अच्छी भौजी " ननद रानी मिनती करने पर उतर आयी थीं।
" पहले जगह का नाम बताओ ,... " मैं क्यों चुप रहती ,...
" चू , चू चू ,... " अभी थोड़ा बहुत शरमा रही थी , लेकिन कम्मो ने मुझसे सिर्फ उसे अपने भाई से हम दोनों के सामने चुदवाने का वायदा नहीं किया था बल्कि उसकी सरम लिहाज सब उतार कर अपने सहर की सबसे नम्बरी छिनार बनाने का भी वायदा किया था , तो वो क्यों मानती।
कम्मो ने चिढ़ाया , चू , चू क्या बोल रही हो चिड़िया हो क्या ,... "
और फिर धमकाया भी , अबकी तो एकदम गरम वाला लगाती हूँ ,
बस अबकी ननद रानी के मुंह से साफ़ साफ़ चूत निकल गया ,
" और अपने भइया के सामने भी यही बोलना , ... भइया हमार चूत चोद दो " कम्मो छोड़ने वाली नहीं थी ,
" अरे खाली अपने भाई से क्यों , हमरे भाई से भी बोलेंगी , हमार चूत चोद दो। " मैंने भी आग में घी छोड़ा।
" और क्या चुदवाना हो तो बोलना तो पड़ेगा ही " अबकी गुनगुने पानी से सेंकते कम्मो बोली।
धीरे धीरे दर्द कुछ कम होने लगा ,
तो मेरा ध्यान गालों पर गया जहां उसके भइया ने कस कस के काटा था , स्कर्ट नहीं तो टॉप क्यों बचे ,
उफ़ कैसे कस कस के कुतरा था कच्चे टिकोरों को , जैसे आम की डाल पर तोते ठोर मार देते हैं टिकोरों के आते ही , एकदम वैसे ही ,
मैंने हलके से छू दिया तो दर्द से वो दुहरी हो गयी ,...
भाभी , उसकी आँखों में आंसू उतर आये ,... मैं हलके से मुस्करायी ननद की आँख में ये आंसू तो हर भाभी देखना चाहती है ,
' चल अभी एक क्रीम लगा देती हूँ , ये भी दर्द कम हो जाएगा , ... "
और मैं क्रीम लाने के लिए चल दी , एक पेन किलर ,...
`
जब मैं लौटी तो कम्मो उसे चूत , बुर और भोसड़े का अंतर् विस्तार से समझा रही थी।