10-04-2019, 08:22 AM
वापस,...
दोपहर ... ननद नन्दोई और छेड़खानियां
और थोड़ी देर में गुड्डो के दोनों जोबन मले , मीजे जा रहे थे , वो मलवा , मिजवा रही थी।
तबतक जेठानी जी की आवाज आयी मेरे लिए और मैं गुड्डो के हाथ से प्लेटें लेकर , जेठानी जी की ओर और ,.. नन्दोई जी और वो टीनेजर अकेले थे।
मैंने एक बार हलके से पीछे मुड़ कर कनखियों से देखा , वो छोरी खिलखिला रही थी , एकदम सटी , चिपकी। नन्दोई जी का एक हाथ उसके कंधे पर और दूसरा , उसके पिछवाड़े हलके हलके सहला रहा था ,
मैं समझ गयी , अब जो ये सट गयी है , पट गयी है,...
नन्दोई जी जैसे रसिया हैं , बहुत जल्दी उसकी फ़ट भी जायेगी।
उफ़ , मैं भी न शाम की बातें अभी से आपको बताने बैठ गयी ,...
हाँ तो मैं कह रही थी , मेरे नन्दोई जी बड़े ही रसीले , मस्त , ... एकदम खुल कर ,...
और मुझसे बोले , तुम्हे मेरे नाम का मतलब मालूम है ,...
लगता है ये बात अपनी सभी सलहजों को बता चुके थे , सब जेठानियाँ जोर जोर से खिलखिलाने लगीं।
" अश्वनी नाम है मेरा , ... "
बड़े अंदाज से वो बोले और उनकी बीबी , मेरी मंझली ननद , खुद मुझे समझाने लगी ,
' अश्व नी , मतलब घोड़े जैसा ,... "
एक बार फिर जोर के ठहाके गूंजे , मेरी जेठानियों के , ... और मेरी जेठानी बोलीं , ...
" तभी तो सुहाग रात के अगले दिन , नीचे चार टाँके लगे , ... क्यों नन्दोई जी , आपने वैसलीन नहीं लगाई थी क्या। "
" इनके साथ वैसलीन नहीं कड़ुवा तेल लगाना पड़ता है , वो भी कच्ची घानी वाला , ... समझ लो , ये मत कहना की बताया नहीं ननद ने "
मंझली ननद भी उस हंसी में में शामिल होती बोलीं और जोड़ा ,
"अभी तुमने माना है न की होली में पिचकारी लोगी , ... "
" पिचकारी अंदर नहीं लेगी मेरी देवरानी , एकदम पिचका के रख देगी ,.. समझती क्या हो अपनी नयकी भौजी को "
मेरी जेठानी ने बहुत प्यार से , मेरी पीठ सहलाते हुए कहा।
लेकिन तब तक मेरी सास अंदर आयीं और सबको हड़काया , खाना लग गया है , चलो बाहर , ... नन्दोई जी , मेरी जेठानियाँ , ननदें सब ,...
लेकिन दरवाजा खुलने के साथ मेरे ढेर सारे देवर ( सगा तो कोई था नहीं , लेकिन चचेरे मौसेरे फुफेरे , ममेरे , पांच छह , कईयों की तो रेख भी नहीं आयी थी ,... मेरे पास ,...
मेरी सास ने उन सब को हड़का कर खदेड़ा ,
और उन सब के साथ बेचारे ये भी बाहर किये गए ,
सब से ज्यादा मुझे देख कर यही लिबरा रहे थे।
ये लड़के भी न जब देखो तक नयी बहू के आस पास ,... मेरी सास बोलीं , तो बुआ सास ने हंस कर कहा ,
" भाभी इतनी अच्छी प्यारी ,मीठी मीठी बहू लायी हो , जहाँ गुड़ होता है , वहां चींटे तो आते ही हैं है।
सास मेरी , मेरे बगल में बैठ गयीं , मुझे प्यार से देखते , मेरे गाल सहलाते उन्होंने दुलराया मुझे और बोलीं ,
" गुड़ सी मीठी तो है ही , एकदम शहद है मेरी बहू। तुम यहीं बैठी रहना , अभी खाना भिजवाती हूँ , और ठीक से खाना खाना , नहीं तो दुलारी को भेजूंगी तुझे खिलाने के लिए , .... "
मैंने तुरंत ना ना में सर हिलाया।
खाना लेकर गुड्डो आयी , कम कम से तीन लोगों का खाना था , वो तो जबरदस्ती मैंने गुड्डो ,
वही मेरी जेठानी की भतीजी , हाईकॉलेज वाली , ...
को अपनी थाली से ,... और खाने के साथ बातें , ... ननदों का नाम तो मुझे मालूम ही था , बाकी गुड्डो ने मेरे सारे देवरों का नाम , क्लास ,... आदतें ,... घर के बाकी लोगों के बारे में , अपने और जेठानी की ससुराल के बारे में ,... सब कुछ।
दोपहर ... ननद नन्दोई और छेड़खानियां
और थोड़ी देर में गुड्डो के दोनों जोबन मले , मीजे जा रहे थे , वो मलवा , मिजवा रही थी।
तबतक जेठानी जी की आवाज आयी मेरे लिए और मैं गुड्डो के हाथ से प्लेटें लेकर , जेठानी जी की ओर और ,.. नन्दोई जी और वो टीनेजर अकेले थे।
मैंने एक बार हलके से पीछे मुड़ कर कनखियों से देखा , वो छोरी खिलखिला रही थी , एकदम सटी , चिपकी। नन्दोई जी का एक हाथ उसके कंधे पर और दूसरा , उसके पिछवाड़े हलके हलके सहला रहा था ,
मैं समझ गयी , अब जो ये सट गयी है , पट गयी है,...
नन्दोई जी जैसे रसिया हैं , बहुत जल्दी उसकी फ़ट भी जायेगी।
उफ़ , मैं भी न शाम की बातें अभी से आपको बताने बैठ गयी ,...
हाँ तो मैं कह रही थी , मेरे नन्दोई जी बड़े ही रसीले , मस्त , ... एकदम खुल कर ,...
और मुझसे बोले , तुम्हे मेरे नाम का मतलब मालूम है ,...
लगता है ये बात अपनी सभी सलहजों को बता चुके थे , सब जेठानियाँ जोर जोर से खिलखिलाने लगीं।
" अश्वनी नाम है मेरा , ... "
बड़े अंदाज से वो बोले और उनकी बीबी , मेरी मंझली ननद , खुद मुझे समझाने लगी ,
' अश्व नी , मतलब घोड़े जैसा ,... "
एक बार फिर जोर के ठहाके गूंजे , मेरी जेठानियों के , ... और मेरी जेठानी बोलीं , ...
" तभी तो सुहाग रात के अगले दिन , नीचे चार टाँके लगे , ... क्यों नन्दोई जी , आपने वैसलीन नहीं लगाई थी क्या। "
" इनके साथ वैसलीन नहीं कड़ुवा तेल लगाना पड़ता है , वो भी कच्ची घानी वाला , ... समझ लो , ये मत कहना की बताया नहीं ननद ने "
मंझली ननद भी उस हंसी में में शामिल होती बोलीं और जोड़ा ,
"अभी तुमने माना है न की होली में पिचकारी लोगी , ... "
" पिचकारी अंदर नहीं लेगी मेरी देवरानी , एकदम पिचका के रख देगी ,.. समझती क्या हो अपनी नयकी भौजी को "
मेरी जेठानी ने बहुत प्यार से , मेरी पीठ सहलाते हुए कहा।
लेकिन तब तक मेरी सास अंदर आयीं और सबको हड़काया , खाना लग गया है , चलो बाहर , ... नन्दोई जी , मेरी जेठानियाँ , ननदें सब ,...
लेकिन दरवाजा खुलने के साथ मेरे ढेर सारे देवर ( सगा तो कोई था नहीं , लेकिन चचेरे मौसेरे फुफेरे , ममेरे , पांच छह , कईयों की तो रेख भी नहीं आयी थी ,... मेरे पास ,...
मेरी सास ने उन सब को हड़का कर खदेड़ा ,
और उन सब के साथ बेचारे ये भी बाहर किये गए ,
सब से ज्यादा मुझे देख कर यही लिबरा रहे थे।
ये लड़के भी न जब देखो तक नयी बहू के आस पास ,... मेरी सास बोलीं , तो बुआ सास ने हंस कर कहा ,
" भाभी इतनी अच्छी प्यारी ,मीठी मीठी बहू लायी हो , जहाँ गुड़ होता है , वहां चींटे तो आते ही हैं है।
सास मेरी , मेरे बगल में बैठ गयीं , मुझे प्यार से देखते , मेरे गाल सहलाते उन्होंने दुलराया मुझे और बोलीं ,
" गुड़ सी मीठी तो है ही , एकदम शहद है मेरी बहू। तुम यहीं बैठी रहना , अभी खाना भिजवाती हूँ , और ठीक से खाना खाना , नहीं तो दुलारी को भेजूंगी तुझे खिलाने के लिए , .... "
मैंने तुरंत ना ना में सर हिलाया।
खाना लेकर गुड्डो आयी , कम कम से तीन लोगों का खाना था , वो तो जबरदस्ती मैंने गुड्डो ,
वही मेरी जेठानी की भतीजी , हाईकॉलेज वाली , ...
को अपनी थाली से ,... और खाने के साथ बातें , ... ननदों का नाम तो मुझे मालूम ही था , बाकी गुड्डो ने मेरे सारे देवरों का नाम , क्लास ,... आदतें ,... घर के बाकी लोगों के बारे में , अपने और जेठानी की ससुराल के बारे में ,... सब कुछ।