09-04-2019, 09:23 PM
थामने हम बढे, हाथ देना तो था
तुम मेरे हो,मेरा साथ देना तो था
हौसलों पर मेरे, यूँ गिरी ग़ाज़ क्यों
गीत गुमसुम रहे,खोये अलफ़ाज़ क्यों
साधने हम चले, आस देना तो था
तुम मेरे हो, मेरा साथ देना तो था
कोई राहत नहीं, कोई चाहत नहीं
है कहाँ वो ख़ुशी,कोई आहट नहीं
बेबसी को मेरी, मात देना तो था
तुम मेरे हो, मेरा साथ देना तो था
ख़ाब खो जाएंगे, ये तो सोचा न था
किस तरह ये कहें, दर्द होता न था
सूनी आँखें रहीं, ख़ाब देना तो था
तुम मेरे हो, मेरा साथ देना तो था
थामने हम बढे, हाथ देना तो था
तुम मेरे हो,मेरा साथ देना तो था
तुम मेरे हो,मेरा साथ देना तो था
हौसलों पर मेरे, यूँ गिरी ग़ाज़ क्यों
गीत गुमसुम रहे,खोये अलफ़ाज़ क्यों
साधने हम चले, आस देना तो था
तुम मेरे हो, मेरा साथ देना तो था
कोई राहत नहीं, कोई चाहत नहीं
है कहाँ वो ख़ुशी,कोई आहट नहीं
बेबसी को मेरी, मात देना तो था
तुम मेरे हो, मेरा साथ देना तो था
ख़ाब खो जाएंगे, ये तो सोचा न था
किस तरह ये कहें, दर्द होता न था
सूनी आँखें रहीं, ख़ाब देना तो था
तुम मेरे हो, मेरा साथ देना तो था
थामने हम बढे, हाथ देना तो था
तुम मेरे हो,मेरा साथ देना तो था
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.