23-05-2021, 06:55 PM
साजन बने ननदोई
दो चार मिनट वो रुके , फिर बिना बाहर निकाले उन्होंने पोज बदल लिया , उनकी फेवरिट पोज़ में , निहुरा के , कुतिया बना के
क्या हचक के चोद रहे थे वो अपनी छोटी ममेरी बहन को ,
मैं और कम्मो मजे ले लेकर देख रहे थे , आँखों में हाई फाइव कर रहे थे , ... आज है आयी स्साली पहाड़ के नीचे ,
कुतिया बना के चोदना सारे मर्दों को पसंद होता हैं , एक साथ चूँची , चूत और चूतड़ तीनों का मजा ,
दोनों हाथ से कस कस के जोबन मीसने रगड़ने का मजा , जड़ तक चूत में हचा हच पेलने का मजा और साथ में छोटे छोटे चूतड़ देखने , सहलाने का मजा ,
मेरी ननद के जोबन के तो ये कब से दीवाने थे ,
और आज इनकी मुट्ठी में आये थे , बस कस के दोनों उभार पकड़ के रगड़ते हुए मसलते हुए अपनी बहिनिया की बुर में हचक हचक के धक्के मार रहे थे ,
वो कभी सिसकती , कभी चीखती ,
न उसके मजे ले रहे भइया पर कोई फरक पड़ रहा था , न रस ले रही , चिढ़ाती ,छेड़ती दोनों भौजाइयों पर , हाँ मैं साथ में अब उसे दिखा दिखा के उसकी के मोबाइल से स्टिल , वीडियो सब ,...
जैसे किसी इंजन का पिस्टन अंदर बाहर हो , उसी तरह उन का खूंटा , एक तो लंबा इतना पूरा बांस , मेरे बित्ते के बराबर , और मोटा भी पूरा बियर का कैन
जब रगड़ता घिसटता दरेरता जाता तो उनकी छुटकी बहिनी की , ...
लेकिन गुड्डी रानी के चेहरे के देख को लग रहा था की उसे दर्द चाहे जितना हो रहा हो , मजा भी खूब आ रहा था छिनार को इस धकमपेल चुदाई में ,
एक बार वो झड़ चुके थे , और मुझसे ज्यादा कौन जानता था अबकी वो अच्छा खासा टाइम लेंगे ,...
कम्मो भौजी अपने देवर के पास थीं और उन्होंने कुछ इशारा किया , ....
और वो ,
वो रुक गए , आधा पिस्टन अंदर था , ४-५ इंच , बाकी बाहर ,
उनके दोनों हाथ कस के अब उसकी छोटी चूँचियों को कस के निचोड़ रहे थे , नाख़ून से निप्स को पिंच कर रहे थे ,
कुछ देर तक वो ऐसे निहुरि रही , फिर झुके हुए मुड़ के उसने इन्हे देखा ,
मानो कह रही हो , भइया चोदो न , ...
उन्होंने एक दो धक्के छोटे छोटे लगाए फिर रुक गए , सिर्फ सुपाड़ा अंदर था ,
हाँ उनका एक हाथ अब जोबन को छोड़ जाँघों के बीच सीधे अपनी बहन की जादू की बटन पर ,
मेरे साथ रोजाना ४-५ राउंड कबड्डी पिछले ४ महीने से खेलकर लड़कियों के बदन का भूगोल इन्हे अच्छे तरीके से मालूम हो गया था ,
बस हल्का सा झटका लगा , एकदम मस्ती की लहर जैसे दौड़ गयी उसके अंदर , पर उन्होंने हाथ हटा लिया ,
उभारों पर से भी , और सिर्फ उसकी पतली कटीली कमरिया दोनों हाथों से पकडे रहे कस के , वो निहुरि , झुकी कातिक की कुतिया की तरह
मैं उन दोनों को देख रही थी ,
तभी ,...
मेरी आँखों को विश्वास नहीं हुआ ,
मैंने कम्मो की और देखा , उसने मुस्कराते हुए मेरी ओर देखा और एक बार फिर उधर देखने का इशारा किया , ये सिर्फ कमरिया पकडे थे
और वो बहुत हलके से , सिर्फ खूब ध्यान से देखने पर पता चल रहा था , पीछे की ओर
और फिर उसने होंठों को दांत से काटा , पूरी ताकत से पीछे की ओर पुश किया ,... इनके धक्के रुके थे , सूत भर , मुश्किल से एक दो मिलीमीटर ,
पर वो अपने छोटे छोटे चूतड़ धकेलती रही पीछे की ओर ,
और अब आधा इंच , धीरे धीरे कर एक इंच पूरा उसने गप्प कर लिया , फिर हल्का सा आगे की ओर ,
अब मेरी ननद इन्हे चोद रही थी ,
मैंने कस के कम्मो का हाथ पकड़ लिया , मान गयी मैं उसे , इनकी भौजाई अपनी जेठानी को ,
दो चार मिनट वो रुके , फिर बिना बाहर निकाले उन्होंने पोज बदल लिया , उनकी फेवरिट पोज़ में , निहुरा के , कुतिया बना के
क्या हचक के चोद रहे थे वो अपनी छोटी ममेरी बहन को ,
मैं और कम्मो मजे ले लेकर देख रहे थे , आँखों में हाई फाइव कर रहे थे , ... आज है आयी स्साली पहाड़ के नीचे ,
कुतिया बना के चोदना सारे मर्दों को पसंद होता हैं , एक साथ चूँची , चूत और चूतड़ तीनों का मजा ,
दोनों हाथ से कस कस के जोबन मीसने रगड़ने का मजा , जड़ तक चूत में हचा हच पेलने का मजा और साथ में छोटे छोटे चूतड़ देखने , सहलाने का मजा ,
मेरी ननद के जोबन के तो ये कब से दीवाने थे ,
और आज इनकी मुट्ठी में आये थे , बस कस के दोनों उभार पकड़ के रगड़ते हुए मसलते हुए अपनी बहिनिया की बुर में हचक हचक के धक्के मार रहे थे ,
वो कभी सिसकती , कभी चीखती ,
न उसके मजे ले रहे भइया पर कोई फरक पड़ रहा था , न रस ले रही , चिढ़ाती ,छेड़ती दोनों भौजाइयों पर , हाँ मैं साथ में अब उसे दिखा दिखा के उसकी के मोबाइल से स्टिल , वीडियो सब ,...
जैसे किसी इंजन का पिस्टन अंदर बाहर हो , उसी तरह उन का खूंटा , एक तो लंबा इतना पूरा बांस , मेरे बित्ते के बराबर , और मोटा भी पूरा बियर का कैन
जब रगड़ता घिसटता दरेरता जाता तो उनकी छुटकी बहिनी की , ...
लेकिन गुड्डी रानी के चेहरे के देख को लग रहा था की उसे दर्द चाहे जितना हो रहा हो , मजा भी खूब आ रहा था छिनार को इस धकमपेल चुदाई में ,
एक बार वो झड़ चुके थे , और मुझसे ज्यादा कौन जानता था अबकी वो अच्छा खासा टाइम लेंगे ,...
कम्मो भौजी अपने देवर के पास थीं और उन्होंने कुछ इशारा किया , ....
और वो ,
वो रुक गए , आधा पिस्टन अंदर था , ४-५ इंच , बाकी बाहर ,
उनके दोनों हाथ कस के अब उसकी छोटी चूँचियों को कस के निचोड़ रहे थे , नाख़ून से निप्स को पिंच कर रहे थे ,
कुछ देर तक वो ऐसे निहुरि रही , फिर झुके हुए मुड़ के उसने इन्हे देखा ,
मानो कह रही हो , भइया चोदो न , ...
उन्होंने एक दो धक्के छोटे छोटे लगाए फिर रुक गए , सिर्फ सुपाड़ा अंदर था ,
हाँ उनका एक हाथ अब जोबन को छोड़ जाँघों के बीच सीधे अपनी बहन की जादू की बटन पर ,
मेरे साथ रोजाना ४-५ राउंड कबड्डी पिछले ४ महीने से खेलकर लड़कियों के बदन का भूगोल इन्हे अच्छे तरीके से मालूम हो गया था ,
बस हल्का सा झटका लगा , एकदम मस्ती की लहर जैसे दौड़ गयी उसके अंदर , पर उन्होंने हाथ हटा लिया ,
उभारों पर से भी , और सिर्फ उसकी पतली कटीली कमरिया दोनों हाथों से पकडे रहे कस के , वो निहुरि , झुकी कातिक की कुतिया की तरह
मैं उन दोनों को देख रही थी ,
तभी ,...
मेरी आँखों को विश्वास नहीं हुआ ,
मैंने कम्मो की और देखा , उसने मुस्कराते हुए मेरी ओर देखा और एक बार फिर उधर देखने का इशारा किया , ये सिर्फ कमरिया पकडे थे
और वो बहुत हलके से , सिर्फ खूब ध्यान से देखने पर पता चल रहा था , पीछे की ओर
और फिर उसने होंठों को दांत से काटा , पूरी ताकत से पीछे की ओर पुश किया ,... इनके धक्के रुके थे , सूत भर , मुश्किल से एक दो मिलीमीटर ,
पर वो अपने छोटे छोटे चूतड़ धकेलती रही पीछे की ओर ,
और अब आधा इंच , धीरे धीरे कर एक इंच पूरा उसने गप्प कर लिया , फिर हल्का सा आगे की ओर ,
अब मेरी ननद इन्हे चोद रही थी ,
मैंने कस के कम्मो का हाथ पकड़ लिया , मान गयी मैं उसे , इनकी भौजाई अपनी जेठानी को ,