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Adultery बीबी की चाहत
#71
मैंने बड़ी नम्रता से कहा, "भाभी, आप निश्चिंत रहिये, यदि कोई भी ऐसी परेशानी हो तो कभीभी, ऑफिस समय छोड़ कर चाहे दिन हो या आधी रात हो, मुझे बुला लीजिए। ज़रा सा भी मत हिचकिचाइए। मैं हाजिर हो जाऊँगा।" यह सुन टीना बहुत खुश हुई और चाय बनाने के लिए जाने लगी।

तरुण ने उसे रोककर कहा, "देखो टीना, दीपक मेरा ख़ास दोस्त है। अगर मैं न भी होऊं और तुम्हें यदि कोई भी दिक्कत हो तो दिन हो या आधी रात, उसे बुलाने में कोईभी झिझक न करना।"

बस अब तो मेरा रास्ता भी खुलता दीख रहा था। टीना ने तरुण के रहते हुए मुझे एक दो बार बुलाया। तरुण ने तब फिर टीना को जोर देते हुए कहा की उस की गैर मौजूदगी में भी वह मुझे बुलाने में झिझके नहीं। तरुण काफी समय टूर पर जाता रहता था।

टीना ने एकबार मुझे रात के दस बजे फ़ोन किया की उसके बाथरूम का नलका ज्यादा पानी लीक कर रहा था। यदि उसको तुरंत ठीक नहीं किया तो उसकी पानी की टंकी खाली हो सकती थी। तरुण उस समय टूर पर था।

जब टीना का फ़ोन आया तब मैंने अपने पास पड़े हुए सामानमें से कुछ वॉशर, प्लास इत्यादि निकाला। जब दीपा ने पूछा तो मैंने सारी बात बतायी। दीपा मेरी और थोड़ी टेढ़ी नजर करके देखा, पर कुछ ना बोली। मैंने उससे पूछा, "तुम चलोगी क्या? तब वह बोली, "बुलाया तो तुमको है। मैं क्यूँ बनूँ कबाब मैं हड्डी?"

जब मैं खिसिया सा गया तो हंस कर बोली, "अरे मियां, तुम जाओ, मैं तो मजाक कर रही थी। मैं बहुत मजेदार सीरियल देख रही हूँ। जाओ अपना काम करके आ जाना।"

फिर थोड़े धीरे शरारत भरे ढंग से बोली, "अगर कुछ बताने लायक हो तो बताना। छुपाना मत। मैं बुरा नहीं मानूंगी।"

मैं भी उसे कहाँ छोड़ने वाला था? मैंने कहा, "हाँ, जरूर बताऊंगा। पर निश्चिंत रहना, मैं टीना को रसोई के प्लेटफार्म पर चढ़ा कर निचे नहीं गिराऊंगा।"

मेरे मजाक से मेरी भोली बीबी झेंप सी गयी। तब मैंने उसके होंठ पर किस करते हुए हंस कर कहा, "जानेमन, मैं मजाक कर रहा था।"

मैं टीना के घर गया उस समय वह नाईटी पहने हुए थी। उसने अंदर कुछ भी नहीं पहन रखा था। मुझे देखकर उसने अपने कंधे पर एक चुन्नी सी डाल दी और बोली, "देखो ना, मैं आपको इतनी देर रात को परेशान कर रही हूँ। पर क्या करूँ? तरुण नहीं है। खैर, वह होता तो भी क्या करता? वह तो दूसरे दिन प्लम्बर को बुलाऊंगा यह कह कर सो जाता। तुमने कहा था की मैं तुम्हे आधी रात को भी बुला सकती हूँ। तब फिर मैंने हिम्मत करके तुम्हे बुलाया। अगर यह अभी ठीक नहीं हुआ तो पूरी रात पानी जाता रहेगा और कल सुबह टंकी खाली हो जाएगी। फिर घर का सारा काम ठप्प हो जायगा।" टीना बेचारी बड़ी परेशान लग रही थी।

मैंने बाथरूम में जाकर देखा की नलके का वॉशर खराब था। मैं जब बाथरूम में घुसा तो टीना भी मेरे साथ बाथरूम में घुसी। मैं एक स्टूल सा लेकर बैठ गया। टीना आकर ठीक मेरे बगल में खड़ी हो गयी। मैं उसकी गरम साँसों को अपने गालों पर महसूस कर रहा था। एक दो बार मैंने अपनी कोहनी हटाई तो उसके बूब्स से टकराई। मेरे शरीर में जैसे एक झनझनाहट सी दौड़ गयी। मेरी धड़कनें तेज हो गयी। मेरा मेरा ध्यान काम पर कहाँ लगना था? वह इतनी करीब खड़ी थी की मेरी कोहनी उसके भरे हुए स्तन को छू रही थी। मेरी तो हालत ख़राब थी, पर टीना को तो जैसे कोई फरक नहीं पड़ता था। मैंने अपने पास से एक वॉशर निकाला और झटसे बदल दिया।

बस नलका टपकना बंद हो गया। टीना ऐसी खुश हुयी जैसे उसकी लाटरी लग गयी हो। जैसे ही मैं बाथरूम से बाहर निकला तो वह मुझसे लिपट गयी। मैं क्या बताऊँ मेरी हालत कैसी थी। मेरा लण्ड मेरी पतलून में ऐसे खड़ा हो गया था जैसे सैनिक परेड में खड़ा हो। टीना जब मुझसे लिपट गयी तब शायद उसने भी मेरे कड़क लण्ड को महसूस किया होगा। वह थोड़ी झेंप कर अलग हो गयी और बोली, "दीपक, मैं आज तुम्हे बता नहीं सकती की मैं कितनी खुश हूँ। आज शाम से मैं परेशान थी की मैं क्या करूँ। तुम्हें डिस्टर्ब करने के लिए मुझे माफ़ तो करोगे न? पता नहीं मैं तुम्हारा यह अहसान कैसे चुकाऊंगी।" टीना ने फिर मेरा हाथ अपने हाथ में लिया और उसे सहलाते अपना आभार जताया।

मैंने यह बोलना चाहा की, "बस एकबार मुझसे चुदवालो, हिसाब बराबर हो जाएगा। " पर मैं कुछ बोल नहीं पाया।

मैंने टीना के कन्धों पर अपना हाथ रखा और बोला, "टीना, तरुण ने एक बार मुझसे कहा था की मैं दीपा में और तुम में फर्क न समझूँ, और तुम और दीपा, तरुण और मुझ में फर्क मत समझना। क्या तुम भी तरुण से सहमत हो?"

टीना ने अपनी मुंडी हिलायी और बिना बोले अपनी सहमति जतायी।

मैंने कहा, "तो फिर एहसान कैसा? अगर यही समस्या दीपा की होती तो क्या मैं उसके लिए इतना काम न करता?" मेरी यह बात सुनकर टीना थोड़ी सी इमोशनल हो गयी। वह मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बाहर तक छोड़ने आयी। बाहर जाते जाते एक दो बार टीना के भरे हुए बड़े बडे मम्मे मेरी बाँहों पर टकराये। मैं समझ नहीं पाया की क्या यह टीना जान बुझ कर कर रही थी और मुझे कोई इशारा कर रही थी या चलते चलते चलते हिलते हुए वह अनायास ही मेरी बाहों से टकरा गए थे।

मैंने भी टीना को यह सन्देश दे डाला की वह मुझमें और तरुण में फर्क ना समझे। मैं बाहर जाकर अपनी बाइक पर बैठ कर वापस चला आया।

उसदिन के बाद कुछ दिनों तक कई बार मुझे अफ़सोस होता रहा की यदि उसदिन मैं चाहता तो शायद टीना को अपनी बाँहों में लेकर उसको किस करता उस के गोरे बदन को नंगा कर और शायद चोद भी पाता। परंतु मैं जल्द बाज़ी में हमारे संबंधों को बिगाड़ना नहीं चाहता था।

मैं जब वापस आया तब दीपा बिस्तरमें मेरा इंतजार कर रही थी। मैं जानता था की वह मुझसे वहाँ क्या हुआ यह सुनने के लिए बेताब थी। मैंने भी हाथ मुंह धोया और बिस्तर में उसके पास जाके अपने कपडे निकाल के लेट गया। उसने जब महसूस किया की मैं तो बिल्कुल नंगा बिस्तर में घुसा हुआ हूँ तो बोली, "लगता है आज कुछ तीर मार के आये हो तुम। बोलो, चिड़िया जाल में फँसी या नहीं।"
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Messages In This Thread
बीबी की चाहत - by Deadman2 - 12-04-2021, 10:21 AM
RE: बीबी की चाहत - by Eswar P - 12-04-2021, 11:26 AM
RE: बीबी की चाहत - by Any one - 16-04-2021, 06:24 PM
RE: बीबी की चाहत - by dipps1 - 29-04-2021, 01:31 AM
RE: बीबी की चाहत - by Ricota - 29-04-2021, 07:50 AM
RE: बीबी की चाहत - by dipps1 - 01-05-2021, 03:32 PM
RE: बीबी की चाहत - by bhavna - 06-05-2021, 07:11 AM
RE: बीबी की चाहत - by dipps1 - 17-05-2021, 02:45 AM
RE: बीबी की चाहत - by Ricota - 18-05-2021, 07:21 AM
RE: बीबी की चाहत - by Ricota - 19-05-2021, 08:35 AM
RE: बीबी की चाहत - by Deadman2 - 22-05-2021, 10:19 AM
RE: बीबी की चाहत - by dipps1 - 25-05-2021, 11:57 PM



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