21-05-2021, 01:51 PM
(This post was last modified: 29-05-2021, 11:44 PM by babasandy. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मुझे देखते ही ढोलू के चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान तैरने लगी..
अरे अंशुल तुम.. आओ आओ अंदर आओ.. कैसे हो तुम.. और घर में बाकी सब लोग कैसे हैं... ढोलू ने मुझसे पूछा..
जी भैया घर में सब ठीक है... आप कब ...( जेल से कब रिहा हुए).. मैं पूछना चाहता था पर बोल नहीं पाया..
राजू है क्या घर में भैया.. मैंने पूछा.
नहीं , राजू को मैंने बाहर भेजा है कुछ काम से.. आ जाएगा थोड़ी देर में.. तुम अंदर आओ.. ढोलू कहा और मेरा हाथ पकड़ कर घर के अंदर ले गया मुझे..मुझे ढोलू को देखकर बहुत डर लग रहा था.. उसका व्यक्तित्व ही कुछ ऐसा था.. कम से कम 6 फुट 2 इंच लंबा.. बलिष्ठ शरीर.. काला रंग, ऊपर से उसने शर्ट भी नहीं पहनी हुई थी.. उसकी बातों से लगा कि वह अकेला घर में बैठा दारू पी रहा है और खूब नशे में है..
उसके कमरे में जाते ही वहां का नजारा देख कर मुझे अजीब सा लगा.. टेबल पर बियर की 2-3 खाली बोतल पड़ी हुई थी.. और एक शराब की बोतल और ग्लास.. बोतल वैसे आधी खाली हो चुकी थी... पूरा कमरा धुए से भरा हुआ था.. बुझी हुई चिलम उसके बगल में ही पड़ी हुई थी..
ढोलू ने मेरा हाथ पकड़ कर सोफे पर बिठा दिया मुझे, और मेरे सामने ही बैठ गया... उसने फिर से दारु पीना चालू कर दिया और अपना चिलम सुलगा के मेरी तरफ बढ़ाया..
नहीं भैया मैं चिलम नहीं पीता हूं.. मैंने मना किया..
ढोलू ने जबरदस्ती नहीं की मेरे साथ और खुद चिलम पीने लगा..
मुझे बहुत ही अजीब लग रहा था.. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं उसके साथ क्या बात करूं..
भैया मुझे जाना है मैं फिर बाद में आ जाऊंगा.. मैंने कहा..
अरे सुन तो अंशुल.. मुझे तुझसे कुछ जरूरी बात करनी है.. कहां जा रहा है, अभी थोड़ी देर में राजू आने ही वाला है.. ढोलू ने मुझसे कहा.
मैं चुपचाप शांति से वहीं पर बैठ गया.. वैसे भी मुझ में हिम्मत नहीं थी ढोलू की बात को मना कर सकूं..
ढोलू की नजर अपने मोबाइल पर टिकी हुई थी.. वह उसमें कोई वीडियो देख रहा था... मेरा ध्यान उसकी तरफ नहीं था..
अचानक उसके मोबाइल से...आ आ अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ.. !.. की आवाजें आने लगी..
जाहिर है वह कोई ब्लू फिल्म देख रहा था अपने मोबाइल पर.. और मुस्कुरा रहा था.. उसकी लूंगी में टेंट बना हुआ था... तभी मेरा ध्यान उसके मोबाइल में सिसक रही औरत की तरफ गया... मुझे लगा कि यह आवाज तो कोई जानी पहचानी सी है...
सुना है तेरी रूपाली दीदी अपने ससुराल से वापस आई है.. राजू बता रहा था कि तेरी दीदी मां भी बन चुकी है.. तेरा जीजा भी आया है क्या... ढोलू ने कुटिल मुस्कान के साथ देखते हुए मुझसे पूछा..
ढोलू की आंखें लाल हो चुकी थी.. उसकी आंखों में वासना थी.. उसकी नजरें कभी अपने मोबाइल में चल रहे वीडियो पर .. कभी मेरे चेहरे की तरह होती .. मेरी तो हवाइयां उड़ी हुई थी.. थोड़ा बहुत मेरी भी समझ में आने लगा था... मेरी समझ में यह बात तो आ चुकी थी कि मोबाइल में ढोलू जिस औरत का वीडियो देख रहा है.. और अपना लूंगी में टेंट बनाया हुआ लोड़ा अपने एक हाथ से सहला रहा है, वह और कोई नहीं बल्कि मेरी रूपाली दीदी है..
मैंने अपनी घबराहट को छुपाते हुए... जी भैया, मेरी रूपाली दीदी पहली बार अपने ससुराल से वापस आई है..
फिर तो बहुत मजा आने वाला है... कसम से अंशुल... तुझे पता है.. मेरी बीवी मुझे हमेशा हमेशा के लिए छोड़ कर जा चुकी है.. अब वह लौट के नहीं आना चाहती..
ढोलू घूंट पर घुट दारु पिए जा रहा था.. और नशे की हालत में न जाने क्या क्या बड़बड़ा रहा था.. मेरी तो पहले से ही गांड फटी हुई थी.. मैं बेहद डरा हुआ था... मेरी हिम्मत बिल्कुल नहीं हो रही थी कि मैं ढोलू को कुछ भी बोलूं..
बड़ी हिम्मत करके मैंने कहा: ढोलू भैया प्लीज मुझे घर जाना है मैं फिर बाद में आ जाऊंगा राजू से मिलने..
मेरी बात सुनकर ढोलू पहले तो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराया.. फिर उसने बड़े ही कठोर अंदाज में मुझसे कहा: चुपचाप यहीं बैठा रह साले बहन के लोड़े.. बहन चोद... अभी मेरी बात पूरी नहीं हुई है.. तुझे एक वीडियो दिखाता हूं... यह देख...
मेरी आंखों के सामने अपने मोबाइल की स्क्रीन रख ढोलू मेरी तरफ देखकर कुटिलता से मुस्काने लगा..
उस वीडियो में मेरी रूपाली दीदी की चुदाई हो रही थी मेरे ही घर की छत पर.. मेरी रूपाली दीदी हमारे घर की छत पर पूर्ण नग्न अवस्था में घोड़ी बनी हुई थी.. पीछे से उनके बाल पकड़कर रवि उनकी गांड मार रहा था और आगे से दिनेश अपना लौड़ा मेरी बहन के मुंह में ठूंस के मजे ले रहा था... जैसा कि आपको पता है दोस्तों यह घटना तो मेरी आंखों के सामने ही हुई थी.. और जब यह सब कुछ देखते हुए मैं खड़ा-खड़ा मुट्ठ मार रहा था... उसी वक्त राजू ने पूरी घटना का वीडियो बना लिया था अपने मोबाइल में... पूरी बात मेरी समझ में आ चुकी थी... राजू के मोबाइल से वह वीडियो ढोलू के पास कैसे पहुंची इस बात का तो मुझे कोई अंदाजा नहीं था.. पर एक बात तो तय हो चुकी थी कि अब मैं और मेरी रूपाली दीदी एक दूसरी मुसीबत में फंस चुके हैं.. क्या ढोलू भी मेरी रूपाली दीदी को परेशान करेगा... मैं इन्हीं बातों में खोया हुआ था..
यह तेरी रुपाली दीदी ही है ना... ढोलू ने बड़े कामुक अंदाज में मुझसे पूछा... मुझे काटो तो खून नहीं... मेरा चेहरा काला पड़ गया.. मैं कुछ भी बोलने की अवस्था में नहीं था..
बोल ना बहन चोद... मुंह में दही जम गया है क्या मां के लोड़े.. साले.. भड़वे... वीडियो को आगे फॉरवर्ड करके मुझे दिखाते हुए ढोलू ने मुझसे कहा... यह देख बहन के लोड़े.. तू अपनी बहन को ही अपनी सती सावित्री बहन चुदते हुए देख मुट्ठ मार रहा है कुत्ते...
सारा दृश्य मेरी आंखों के सामने था... मेरी गांड फट के चबूतरा हो चुकी थी... मेरी हालत रोने जैसी हो गई थी... बड़ी हिम्मत करके मैंने कहा:
ढोलू भैया आप क्या चाहते हो.. आपको यह वीडियो कहां से मिली.
प्लीज भैया अगर यह बात किसी को भी पता चल गया तो मैं मर जाऊंगा आत्महत्या करके... आप मुझसे क्या चाहते हो..
... मैं लगभग रोने लगा था..
मेरी हालत देखकर ढोलू के चेहरे पर एक कामुक और कुटिल मुस्कान सजी हुई थी... उसने अपनी लूंगी हटाकर अपना मुसल लण्ड मेरी आंखों के सामने प्रदर्शित कर दिया.. उसका काला भयंकर मुसल लण्ड देख कर मैं मेरा गला सूखने लगा... तकरीबन 10 इंच, असलम के बराबर, मगर मोटाई में तो इसका कोई जवाब नहीं था.. मेरे एक हाथ की मुट्ठी की गोलाई में भी नहीं समा पाता, ढोलू का लोड़ा अपनी पूरी लंबाई में तन कर खड़ा था.. बेहद भयंकर लौड़ा मेरी आंखों के सामने था...
मेरी रूपाली दीदी के गोरे गुलाबी जिस्म के बारे में सोच सोच कर अपना लौड़ा सहलाने लगा अपने हाथ से ढोलू.. मेरी तरफ देखता हुआ.
अरे अंशुल तुम.. आओ आओ अंदर आओ.. कैसे हो तुम.. और घर में बाकी सब लोग कैसे हैं... ढोलू ने मुझसे पूछा..
जी भैया घर में सब ठीक है... आप कब ...( जेल से कब रिहा हुए).. मैं पूछना चाहता था पर बोल नहीं पाया..
राजू है क्या घर में भैया.. मैंने पूछा.
नहीं , राजू को मैंने बाहर भेजा है कुछ काम से.. आ जाएगा थोड़ी देर में.. तुम अंदर आओ.. ढोलू कहा और मेरा हाथ पकड़ कर घर के अंदर ले गया मुझे..मुझे ढोलू को देखकर बहुत डर लग रहा था.. उसका व्यक्तित्व ही कुछ ऐसा था.. कम से कम 6 फुट 2 इंच लंबा.. बलिष्ठ शरीर.. काला रंग, ऊपर से उसने शर्ट भी नहीं पहनी हुई थी.. उसकी बातों से लगा कि वह अकेला घर में बैठा दारू पी रहा है और खूब नशे में है..
उसके कमरे में जाते ही वहां का नजारा देख कर मुझे अजीब सा लगा.. टेबल पर बियर की 2-3 खाली बोतल पड़ी हुई थी.. और एक शराब की बोतल और ग्लास.. बोतल वैसे आधी खाली हो चुकी थी... पूरा कमरा धुए से भरा हुआ था.. बुझी हुई चिलम उसके बगल में ही पड़ी हुई थी..
ढोलू ने मेरा हाथ पकड़ कर सोफे पर बिठा दिया मुझे, और मेरे सामने ही बैठ गया... उसने फिर से दारु पीना चालू कर दिया और अपना चिलम सुलगा के मेरी तरफ बढ़ाया..
नहीं भैया मैं चिलम नहीं पीता हूं.. मैंने मना किया..
ढोलू ने जबरदस्ती नहीं की मेरे साथ और खुद चिलम पीने लगा..
मुझे बहुत ही अजीब लग रहा था.. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं उसके साथ क्या बात करूं..
भैया मुझे जाना है मैं फिर बाद में आ जाऊंगा.. मैंने कहा..
अरे सुन तो अंशुल.. मुझे तुझसे कुछ जरूरी बात करनी है.. कहां जा रहा है, अभी थोड़ी देर में राजू आने ही वाला है.. ढोलू ने मुझसे कहा.
मैं चुपचाप शांति से वहीं पर बैठ गया.. वैसे भी मुझ में हिम्मत नहीं थी ढोलू की बात को मना कर सकूं..
ढोलू की नजर अपने मोबाइल पर टिकी हुई थी.. वह उसमें कोई वीडियो देख रहा था... मेरा ध्यान उसकी तरफ नहीं था..
अचानक उसके मोबाइल से...आ आ अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! अहह.. ! आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ.. !.. की आवाजें आने लगी..
जाहिर है वह कोई ब्लू फिल्म देख रहा था अपने मोबाइल पर.. और मुस्कुरा रहा था.. उसकी लूंगी में टेंट बना हुआ था... तभी मेरा ध्यान उसके मोबाइल में सिसक रही औरत की तरफ गया... मुझे लगा कि यह आवाज तो कोई जानी पहचानी सी है...
सुना है तेरी रूपाली दीदी अपने ससुराल से वापस आई है.. राजू बता रहा था कि तेरी दीदी मां भी बन चुकी है.. तेरा जीजा भी आया है क्या... ढोलू ने कुटिल मुस्कान के साथ देखते हुए मुझसे पूछा..
ढोलू की आंखें लाल हो चुकी थी.. उसकी आंखों में वासना थी.. उसकी नजरें कभी अपने मोबाइल में चल रहे वीडियो पर .. कभी मेरे चेहरे की तरह होती .. मेरी तो हवाइयां उड़ी हुई थी.. थोड़ा बहुत मेरी भी समझ में आने लगा था... मेरी समझ में यह बात तो आ चुकी थी कि मोबाइल में ढोलू जिस औरत का वीडियो देख रहा है.. और अपना लूंगी में टेंट बनाया हुआ लोड़ा अपने एक हाथ से सहला रहा है, वह और कोई नहीं बल्कि मेरी रूपाली दीदी है..
मैंने अपनी घबराहट को छुपाते हुए... जी भैया, मेरी रूपाली दीदी पहली बार अपने ससुराल से वापस आई है..
फिर तो बहुत मजा आने वाला है... कसम से अंशुल... तुझे पता है.. मेरी बीवी मुझे हमेशा हमेशा के लिए छोड़ कर जा चुकी है.. अब वह लौट के नहीं आना चाहती..
ढोलू घूंट पर घुट दारु पिए जा रहा था.. और नशे की हालत में न जाने क्या क्या बड़बड़ा रहा था.. मेरी तो पहले से ही गांड फटी हुई थी.. मैं बेहद डरा हुआ था... मेरी हिम्मत बिल्कुल नहीं हो रही थी कि मैं ढोलू को कुछ भी बोलूं..
बड़ी हिम्मत करके मैंने कहा: ढोलू भैया प्लीज मुझे घर जाना है मैं फिर बाद में आ जाऊंगा राजू से मिलने..
मेरी बात सुनकर ढोलू पहले तो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराया.. फिर उसने बड़े ही कठोर अंदाज में मुझसे कहा: चुपचाप यहीं बैठा रह साले बहन के लोड़े.. बहन चोद... अभी मेरी बात पूरी नहीं हुई है.. तुझे एक वीडियो दिखाता हूं... यह देख...
मेरी आंखों के सामने अपने मोबाइल की स्क्रीन रख ढोलू मेरी तरफ देखकर कुटिलता से मुस्काने लगा..
उस वीडियो में मेरी रूपाली दीदी की चुदाई हो रही थी मेरे ही घर की छत पर.. मेरी रूपाली दीदी हमारे घर की छत पर पूर्ण नग्न अवस्था में घोड़ी बनी हुई थी.. पीछे से उनके बाल पकड़कर रवि उनकी गांड मार रहा था और आगे से दिनेश अपना लौड़ा मेरी बहन के मुंह में ठूंस के मजे ले रहा था... जैसा कि आपको पता है दोस्तों यह घटना तो मेरी आंखों के सामने ही हुई थी.. और जब यह सब कुछ देखते हुए मैं खड़ा-खड़ा मुट्ठ मार रहा था... उसी वक्त राजू ने पूरी घटना का वीडियो बना लिया था अपने मोबाइल में... पूरी बात मेरी समझ में आ चुकी थी... राजू के मोबाइल से वह वीडियो ढोलू के पास कैसे पहुंची इस बात का तो मुझे कोई अंदाजा नहीं था.. पर एक बात तो तय हो चुकी थी कि अब मैं और मेरी रूपाली दीदी एक दूसरी मुसीबत में फंस चुके हैं.. क्या ढोलू भी मेरी रूपाली दीदी को परेशान करेगा... मैं इन्हीं बातों में खोया हुआ था..
यह तेरी रुपाली दीदी ही है ना... ढोलू ने बड़े कामुक अंदाज में मुझसे पूछा... मुझे काटो तो खून नहीं... मेरा चेहरा काला पड़ गया.. मैं कुछ भी बोलने की अवस्था में नहीं था..
बोल ना बहन चोद... मुंह में दही जम गया है क्या मां के लोड़े.. साले.. भड़वे... वीडियो को आगे फॉरवर्ड करके मुझे दिखाते हुए ढोलू ने मुझसे कहा... यह देख बहन के लोड़े.. तू अपनी बहन को ही अपनी सती सावित्री बहन चुदते हुए देख मुट्ठ मार रहा है कुत्ते...
सारा दृश्य मेरी आंखों के सामने था... मेरी गांड फट के चबूतरा हो चुकी थी... मेरी हालत रोने जैसी हो गई थी... बड़ी हिम्मत करके मैंने कहा:
ढोलू भैया आप क्या चाहते हो.. आपको यह वीडियो कहां से मिली.
प्लीज भैया अगर यह बात किसी को भी पता चल गया तो मैं मर जाऊंगा आत्महत्या करके... आप मुझसे क्या चाहते हो..
... मैं लगभग रोने लगा था..
मेरी हालत देखकर ढोलू के चेहरे पर एक कामुक और कुटिल मुस्कान सजी हुई थी... उसने अपनी लूंगी हटाकर अपना मुसल लण्ड मेरी आंखों के सामने प्रदर्शित कर दिया.. उसका काला भयंकर मुसल लण्ड देख कर मैं मेरा गला सूखने लगा... तकरीबन 10 इंच, असलम के बराबर, मगर मोटाई में तो इसका कोई जवाब नहीं था.. मेरे एक हाथ की मुट्ठी की गोलाई में भी नहीं समा पाता, ढोलू का लोड़ा अपनी पूरी लंबाई में तन कर खड़ा था.. बेहद भयंकर लौड़ा मेरी आंखों के सामने था...
मेरी रूपाली दीदी के गोरे गुलाबी जिस्म के बारे में सोच सोच कर अपना लौड़ा सहलाने लगा अपने हाथ से ढोलू.. मेरी तरफ देखता हुआ.