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Adultery मेरी गरीब किस्मत की अमीर कामुक दास्तान
Update - 11





अब अन्दर कमरे में अब्दुल वापस नेहा के पास आता है और अपना मूसल लण्ड नेहा और सबीना के सामने हिलाने लगता है. यह देख सबीना खुश हो जाती है और बोलती है - क्या बात है अब्दुल मिया, आप तो अभी भी जोश में हो. सही मे असली मर्द कभी नहीं थकता ! वाह अब्दुल मिया वाह !

यह सब सुन कर अब्दुल भी बड़ा खुश होता और अन्दर ही अन्दर सोचता है कि सबीना को लग रहा है कि अब मुझको औरतों की दबा के चूत चोदना और पेल पेल कर गाण्ड मारना अच्छे से आ गया है. अब मैं किसी भी औरत को चोद सकता हूं.


इसके बाद सबीना कहतीं है - अब्दुल मिया, आपका लौड़ा बहुत बड़ा और मोटा हो गया है, इसे नेहा की चूत में घुसाए रखो ! सच में आपको और नेहा को बड़ा मज़ा आने वाला है।

तभी नेहा तुरन्त बोलती है - ना सबीना जी ना ! अब मैं बहुत थक गयी हु. मुझसे अब नहीं हो पायेगा.

इधर उस चुतिये चौकीदार अब्दुल का लण्ड पहले से ही नेहा की चूत फाड़े हुए था। मैं यही सोच रहा था कि अभी तो यह अब्दुल ने इतनी चुदम पट्टी मचायी है और कितना सेक्स करेगा ! साला मैं होता तो अभी तक इतना सेक्स करने के बाद सौ गया होता नेहा की बाहों में.


अब अन्दर अब्दुल 'ना ना' बोलती नेहा की चूत में धक्के मारने शुरू करता है । नेहा भी आगे पीछे होकर ना ना और आह आह बोल कर चुदने का मज़ा ले रही थी. मुझको लग रहा था कि अन्दर एक शांत चुदाई सी चल रही थी। थोड़ी देर बाद सबीना बोली- अब्दुल मिया, पीछे से अपने लण्ड को तेजी से इसकी चूत में घुसा दो और इसे चोद दो !


यह सेक्स की चुदमपट्टी वापस शुरू होते देख अब मुझे भी रहा नहीं जा रहा था ! मैं भी मेरे लण्ड को तेजी से मसल रहा था. पर अपने लण्ड को यह सब देख कर हाथों से हिलाने के बजाए, मैं इधर बाहर कुछ कर भी नहीं सकता था.



अब अब्दुल ने नेहा को घुमा के तिरछा किया और दोनों हाथों से उसकी गोरी चूचियाँ दबा ली और चूत में पीछे से लण्ड घुसा दिया। अब्दुल का लण्ड उसकी चूत में घुस गया था। धीरे-धीरे से नेहा के निप्पल दबाते हुए उसकी चूत चोद रहा था। कामुकता से भरपूर उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थी।


अब्दुल ने नेहा की चूची दबाते हुए तेज धक्कों से उसे चोदना शुरू कर दिया। इधर पास में बेठी सबीना भी बहुत गरम हो रही थी. सबीना ने अपनी बीच वाली उँगली अपनी चूत में डाल दी. फिर सबीना दूसरे हाथ से नेहा के सर और बलों पर हाथ रख कर सहलाने लगी.



इसके बाद अब्दुल ने नेहा को उल्टा किया और उसकी गोरी भारी हुई गाण्ड से लण्ड छुआते हुए लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया और जोर के धक्कों के साथ उसकी चुदाई शुरू कर दी। अब मुझको लग रहा था कि नेहा भी पूरे मज़े लेते हुए अब्दुल के मूसल लण्ड से चुद रही है। अब अब्दुल के धक्के ओर भी तेज होते जा रहे थे। बेचारी नेहा तो अब्दुल के धक्को से जोर से जोर से हिल रही थी। नेहा को ऐसा पेलते हुए देख मेरा भी लण्ड मेरे कंट्रोल से बाहर हो गया था। उधर पास में बैठा यूसुफ भी अपना मूसल लण्ड हिला रहा था। जोर जोर के अब्दुल के धक्को से सबीना समझ गयी थी कि अब्दुल झड़ने या अपना वीर्य निकालने वाला है।

अब सबीना तुरन्त अपनी उँगली में से चूत निकालती है और नेहा के पास जाती है। और अब्दुल को एक इशारा करती है और रुकने का बोलती है। अब अब्दुल अपनी स्पीड कम कर देता है और अपना लण्ड धीमे धीमे धक्को के साथ नेहा की चूत में से निकाल देता है।

इधर यूसुफ पूछता है - क्या हुआ सबीना ! तूने अब्दुल मिया को रोका क्यों ? देख अभी बस वो झड़ने वाला है।

सबीना बोलती है - हाँ मुझको पता है पर हमेशा ये नेहा आपके और अब्दुल मिया के माल यानी वीर्य को हमेशा थूक देती है और अपने अंदर भी नहीं लेती। इसको सिखाना पड़ेगा कैसे ***** आदमी के लण्ड से निकले असली माल या वीर्य को बरबाद नहीं करते। इसको अपने अन्दर लेते है या मुँह में भर लेते है।

यह सुनते ही नेहा ना बोलती है और दर्द से भरे शब्दों में बोलती है सबीना जी प्लीज यह मत कीजिये मुझको स्पर्म पसंद नहीं है। स्पर्म (वीर्य) बहुत बदबूदार और बेकार होता है। मैंने आज तक अपने पति का भी नहीं लिया। प्लीज।

सबीना - तभी तो तुझको बताना है कि इसका भी क्या मजा आता है। तु तो मेरी रानी है तुझको कैसे सूखा सूखा छोड़ दूँ।

फिर सबीना अपना हाथ आगे बढ़ा कर नेहा के गोरे हाथों को पकड़ती है और अपनी ओर खींच लेती हैं। और जैसे सबीना घुटनों के बल आधी बैठी हुई थी वेसे नेहा को भी बैठा देती है।

अब सबीना अपने सख्त काले हाथों से नेहा की गोरी कमर पर हाथ घुमाने लगती है। फिर सबीना अपनी एक उँगली नेहा की चूत में डाल देती है। सबीना अपनी उँगली को नेहा की चूत में जैसे ही अंदर बाहर करने के साथ-साथ घुमाने लगती है वेसे ही नेहा आहे भरने लगती है। फिर सबीना अपने सूखे होठों को नेहा के गुलाबी होठों पर रख देती है और एक जोर से किस या चुम्मा करती है। फिर सबीना अपनी उँगली को नेहा की चूत में तेज करते हुए नेहा को अपनी तरफ खींच कर अपनी बाहों में भर लेती है।

अब कमरे का नज़ारा इतना कामुक और सेक्सी हो गया था कि एक तरफ काली मोटी सबीना और दूसरी तरफ सेक्सी गोरी नेहा। दोनों औरते मादरजात क्या चिपकी हुई थी। सबीना ने नेहा को कस कर दोनों हाथों से पकड़ कर अपने आप से चिपका रखा था। सबीना नेहा के होठों पर किस करने के साथ-साथ नेहा के गालों और गले को चाट भी रही थी। नेहा भी सबीना को ज्यादा रोक नहीं रही थी और सबीना का साथ दे रही थी। एक तरफ काला सबीना का काला बदन दूसरी तरफ नेहा का गौरा बदन। नेहा और सबीना के बड़े बूब्स या निप्पल आपस में चिपक और छू रहे थे। ये नज़ारा इतना सेक्सी दिख रहा था कि मेरा और यूसुफ का तो लण्ड तोप की तरह खडा हो गया था जो किसी भी टाइम् अपना माल निकाल सकता था। और उधर अब्दुल भी तैयार था अपने लण्ड को चलाने के लिये और अपनी तोप से वीर्य का भरा गोला छोड़ने को।

अब सबीना नेहा को अपनी बाहों में भरे हुए, अब्दुल की तरफ देखती है। नेहा भी अब्दुल सबीना के साथ अब्दुल को देखती है। अब्दुल तुरन्त अपना नौ इंच का मोटा काला लण्ड सबीना और नेहा के मुँह के पास ले आया।

अब अब्दुल सबीना और नेहा के मुँह को देखते हुए अपना लण्ड अपने हाथों से तेजी से हिलाने लगा। लण्ड हिलाते हिलाते अब्दुल चिल्लाते हुए अपना मूठ या वीर्य की पिचकारी सीधा नेहा के मुँह और चेहरे पर मारता है। सबीना और नेहा का चेहरा साथ में होने की वज़ह से थोड़ी पिचकारी सबीना के चेहरे पर भी गिरती है।

अब अब्दुल जोर से चिल्लाते हुए अपने हाथ से नेहा के बाल पकड़ता है और नेहा के चेहरे को अपने लण्ड के पास लाता है और सीधा अपना लण्ड का टोपा नेहा के होठों पर रख कर अन्दर घुसा देता है। बेचारी नेहा के तो गले के अन्दर तक अब्दुल का लण्ड घुस जाता है। नेहा की आँखों से पानी निकल जाता है।

अब्दुल को देख कर लग रहा था कि इस मिल के मामूली वॉचमैन के अन्दर का जानवर जाग गया है।

अब्दुल चिल्ला कर बोलता है नेहा को - चाट रंडी चाट ! साली कुतिया ! ले पूरा चूस ले लण्ड मेरा ! तेरी जैसी शादी शुदा और संस्कारी *** *र्म की खूबसूरत औरत को तो चोदने में मुझे मजा ही आ गया।


फिर अब्दुल चार - पांच बार नेहा के मुँह में लण्ड को अन्दर बाहर करता है और अपना लण्ड बाहर निकाल लेता है। नेहा को अब थोड़ी राहत मिलती है। अब्दुल के लण्ड के गले के अन्दर तक जाने से नेहा को बहुत घुटन हो रही थी। अब्दुल वापस नेहा की और देख कर अपने लण्ड की तरफ इशारा करता है फिर नेहा अब्दुल के मूसल लण्ड को चाट चाट कर साफ़ करती है। फिर अब्दुल नेहा के मुँह से लण्ड निकाल कर यूसुफ के पास जाकर बैठ जाता है।

अब सबीना नेहा के पास आती है वापस नेहा को पकड़ लेती है। सबीना अपनी काली हथेलियों से नेहा की हथेलियों को पकड़ लेती है फिर नेहा के चेहरे पर लगे अब्दुल के वीर्य को चाटने लगती है। सबीना नेहा के चेहरे को ऐसे चाट रही थी मानो कोई बच्चा लॉलीपॉप को चाटता है।

अब सबीना नेहा के चेहरे पर लगे सारे वीर्य को अपनी जुबान से चाट चाट कर अपने मुँह में भर लेती है। अब सबीना नेहा के चेहरे के पास जाकर वापस नेहा के होठों को अपने होठों से मिला कर किस करना शुरू कर देती है और किस करते करते अपने मुँह में भरा सारा सफेद गाढ़ा वीर्य नेहा के मुँह में डाल देती है। जैसे ही नेहा को पता लगता है कि उसके मुँह में वीर्य है वो थूकने जाती है वेसे ही सबीना नेहा को इशारा करती है कि वापस मेरे मुँह में डाल दे इसको। फिर नेहा भी अब बेशर्मी से सबीना के चेहरे पर अपना चेहरा रख कर सबीना के मुँह में सारा वीर्य थूक देती है। अब सबीना वापस नेहा को पकड़ लेती और अपनी बाहों में भर कर। फिर सबीना नेहा के चेहरे के ऊपर अपना चेहरा रखती है और नेहा के होठों को खोल कर उसके मुँह में सारा वीर्य थूक देती है।

और फिर तुरंत सबीना नेहा का गला दबा कर बोलती है - अब साली अगर तूने ये माल थूक दिया या अपने अपने गले के अन्दर नहीं उतारा तो में तुझको पकड़ कर ले जाऊँगी और अपने मोहल्ले के सभी ***** आदमियों से चूदवाउगी।

नेहा बेचारी डर के सारा गाढ़ा वीर्य अपने पेट में उतार लेती है। यह देख खुश होकर सबीना नेहा को एक किस कर देती है और बोलती है - यूसुफ जी क्यों मैंने कहा था ना कि नेहा को भी में परफेक्ट बना दूँगी।

यूसुफ - वो तो है सबीना बिलकुल सही।

सबीना - चलो यूसुफ जी जल्दी से अपना बचा कुचा माल या वीर्य खाली करदो इस नेहा के गरम सेक्सी मुँह में।

बेचारी नेहा क्या ही बोलती यह सुन कर ! अब तो नेहा को भी आदत सी पड़ गयी थी।

फिर यूसुफ आगे बढ़ता है और नेहा के कामुक मुँह में अपना 8 इंच का काला लण्ड डाल देता है और सात आठ झटकों के बाद नेहा के मुँह में ही झड़ जाता है। और नेहा सबीना को देखते हुए सारा वीर्य चुप चाप अपने पेट में उतार लेती है और शान्त होकर आराम से बैठ जाती है।

नेहा को देख कर लग रहा था कि यह सब उसके लिये नया है। नेहा के चेहरे पर दर्द के साथ एक भयानक और असली कामवासना सेक्स की संतुष्टि भी दिख रही थी।

इधर मेरा भी हाल खराब था। कमरे में भी सब शान्त होकर बैठ गये थे। अब देखना था कि ये तीनों क्या करते है ? कैसे अब सब कुछ अब नॉर्मल होता है ?







To Be Continued ________________________
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RE: मेरी गरीब किस्मत की अमीर कामुक दास्तान - by Dani Daniels - 20-05-2021, 11:41 PM



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