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Adultery मेरी गरीब किस्मत की अमीर कामुक दास्तान
Update - 10






अब अन्दर कमरे में अब्दुल ने थोड़ी देर के लिए लण्ड बाहर निकाल लिया और उसके मुँह के आगे खड़ा कर दिया तो नेहा बोली- ऊह ऊहं ! बस अब बहुत हो गया इसको निकालो ! मुझको घुटन हो रही है ! पर वो सांड अब्दुल को फिर उस सबीना ने कोई इशारा किया और अब्दुल ने फिर आगे बढ़कर नेहा के मुँह में लण्ड डाल लिया।

मैंने देखा कि सबीना दूर से नेहा की चुदती गाण्ड और लण्ड चुसाई का मज़ा ले रही थी। सबीना बोली- अब्दुल मिया, इसने लण्ड चूस तो बहुत लिया अब इसके मुँह में प्यार से लण्ड ठोक दो, बेचारी चूस चूस कर थक थक गई होगी।



अब्दुल ने नेहा के बाल पकड़े और धीरे धीरे उसके मुँह में लण्ड पेलना शुरू कर दिया। इधर यूसुफ भी प्यार से धीरे धीरे नेहा की गाण्ड ठोके जा रहा था। बीच में यूसुफ बोला- सबीना मज़ा आ गया।

बेचारी नेहा की गाण्ड और मुँह दोनों में चुदाई चल रही थी ! उम.......आह.........उम.........आह..........!


फिर अचानक क्या हुआ कि सबीना ने अब्दुल की काली गाण्ड में ऊँगली की, तुरंत अब्दुल ने लण्ड बाहर निकाल लिया। सबीना पगला रही थी, बोली- और जोर से करो अब्दुल मिया, मत निकालो इसके मुँह से! लो लो मारो ! लगता है अब इसको दो लण्ड से बहुत मज़ा आ रहा है।

वेसे सबीना सही बोल रही थी भले ही नेहा ज्यादा दिखा नहीं रही थी पर नेहा को देख मुझको भी लग रहा था कि उसको इस हवस के खेल में मजा बहुत आ रहा है.

सबीना ने यूसुफ से कहा- अब साली की फाड़ दो ! पूरी गरम है ! सबीना ने अब यूसुफ को ट्रिगर कर दिया था, यूसुफ ने सबीना के इशारे पर लण्ड पूरी ताकत से नेहा की गाण्ड में ठोंक दिया नेहा बुरी तरह दर्द से चिल्ला रही थी- ऊह, आह ! मर गई ! फट गई मेरी ! एस होल फक ! निकालो निकालो प्लीज यूसुफ जी ! लेकिन गाण्ड नेहा की यूसुफ ने चोदनी जारी रखी। नेहा दर्द से झपटते हुए पलंग पर से फिसल गई पर यूसुफ उसकी कमर कस के पकड़ा हुआ था उसने नेहा की गाण्ड मारने की स्पीड तेज कर दी।

नेहा चिल्लाए जा रही थी- छोड़ो मर गई ! अब नहीं ! फट गई ! एस होलो ! निकालो कोई इस हथोड़े जैसे ब्लैक पेनिस को ओह ! मम्मी आह बचाओ ! कोई है मैं मर जाऊँगी।


सबीना खुश होते हुए बोली- अब कुतिया की सही मायने में गाण्ड गुदी और चुदी है ! यूसुफ की नेहा की गाण्ड पर चोट जारी थीं, कुछ देर बाद सबीना ने यूसुफ से कहा- यूसुफ जी। प्यार से ! अब यूसुफ भी धीरे हो गया था, नेहा के बाल सहलाते हुए सबीना ने कहा- नेहा, तुम एक बार फिर हमारे अब्दुल मिया का लण्ड चूसो ! यह सुनते ही उस अब्दुल ने नेहा के मुँह में लण्ड घुसा दिया।


उधर यूसुफ नेहा की गाण्ड चोद रहा था और नेहा अब्दुल का लौड़ा लोलीपोप की तरह चूस रही थी। दो मिनट बाद यूसुफ ने अपने वीर्य की पिचकारी नेहा की गाण्ड में छोड़ दी और अपना लण्ड कुछ ही देर बाद बाहर निकाल लिया। नेहा बेचारी सिर्फ ना ना ही बोलती रह गयी यूसुफ ने पिचकारी मार ही दी. नेहा की गोरी गाण्ड लण्ड से फट चुकी थी।


यह सब देखकर मैं पूरा उत्तेजित हो गया था, अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था. मुझको कमरे में जाने का बहुत मन हो रहा था. पर अन्दर कैसे जाऊँ.........?जाऊँ या नहीं मैं यही सब सोचते हुए वापस अन्दर कमरे में देखने लगा.







अब अब्दुल ने भी अपनी पिचकारी नेहा के मुँह में छोड़ दी, नेहा का पूरा मुँह सफेद वीर्य से भर गया I नेहा ने सारा वीर्य जमीन पर थूक दिया और सीधी होकर पलंग पर बेसुध होकर लेट गई। यूसुफ भी अब बेसुध हो रहा था, अब्दुल का लण्ड खाली हो गया था लेकिन उसको लग रहा था कि उसे अभी ओर नेहा की चिकनी चुत और गोरी गाँड चोदनी चाहिए. ताकि वो सबीना की आँखों में यूसुफ से उपर आ जाये. और सबीना खुश होकर उसको सीधे रुचि अग्रवाल के पास ले जाये. सबीना के लिये अब्दुल आज के खेल का विजेता बनना चाहता था. वेसे भी अब्दुल अपने हाथ आयी नेहा को आसानी से जाने नहीं देना चाहता था.



अब अब्दुल का मूसल काला नौ इंच का लण्ड बेचारी चुदी हुई नेहा को देखकर दुबारा खड़ा हो रहा था।

सबीना बोली- नेहा और अब्दुल मिया, आप आराम करिए मैं और यूसुफ जी आपके लिए दूध लाते हैं। यूसुफ और सबीना कमरे के कोने में बनी छोटी सी रसोई में दूध लेने चले गए। सबीना और यूसुफ नंगे थे !

सबीना ने रसोई में आते ही मादरजात यूसुफ का मूसल लण्ड मुँह में ले लिया और चूसते हुए बोली- पहले तुम मुझे चोद दो ! तुम्हारी और नेहा की चूत चुदाई देख देख कर बहुत खुजली हो रही है। किचन के टूटे पत्थर पर टाँगे चौड़ी करके सबीना इस तरह झुक गई कि उसकी चूत में आराम से घुसाया जा सकता था।


यूसुफ सबीना की बालों भरी काली चुत को देख कर बोला कि - मुझको चोदने की बहुत जोर से इच्छा तो अभी नेहा की थी पर सबीना तुझको मैं नाराज नहीं कर सकता । यूसुफ ने अपना आठ इंची लण्ड सबीना की चूत में डाल दिया और सबीना को चोदने लगा। चुदते चुदते सबीना दूध में पाउडर डाल का गरम करने लगी। सबीना को पता था कि कैसे चुदा जाता है। किसी भी मर्द को इस तरह चुदाई की उस्ताद औरत को चोदने में मज़ा खुफ देती है।


मुझे भी अब यहां बाहर खडे खडे सबीना की काली बालों भरी चुत को चोदने की इच्छा हो गयी थी.

और वहां अन्दर यूसुफ को मस्त मज़ा आ रहा था. दूध तैयार होने के पाँच मिनट बाद यूसुफ का लण्ड सबीना की चूत में खाली हो गया। फिर सबीना ने बैठ कर यूसुफ का मूसल लण्ड अपने मुँह में लिया और अच्छे से चाट चाट कर साफ किया. सबीना यूसुफ के लण्ड पर लगा सारा वीर्य चाट कर अपने अन्दर निगल गयी. फिर सबीना और यूसुफ चार ग्लास दूध बना कर कमरे में आ गए। अब कमरे में सब नंगे थे, शर्म सबकी छूट गई थी, शायद नेहा में थोड़ी शर्म अभी भी बची थी. फिर नेहा को छोड़ कर सबने साथ साथ दूध पिया। नेहा ने इस बार फिर दूध या ड्रिंक पीने से मना कर दिया.


सबीना ने उठकर नेहा को बाँहों में भरा और बोली- नेहा, सच बता तुझको बहुत मज़ा आया या नहीं.....!

नेहा बोली - मैंने आजतक ऐसा सेक्स नहीं किया था. अगर आज आप नहीं होतीं तो यह ऑर्गेजम से भरा दर्द कभी नहीं मिलता. सच आज सेक्स का अलग अनुभव मिला जब यूसुफ जी ने मेरी ऐस (गाण्ड) में अपना पेनिस दौड़ाया तो मुझे ऐसा लगा कि ऐस (गाण्ड) मरवाते मरवाते मर ही न जाऊँ !

तभी सबीना अपना मुँह बिगाड़ कर बोली - इसका मतलब तुझको मजा नहीं आया. तूने यह सब अपनी मर्जी के बिना करा.

तभी बेचारी नेहा सबीना और यूसुफ के गुस्से भरे काले चेहरे को देख थोड़ा हडबडाते हुए बोली - नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है मैं सच बता नहीं सकती कि कितना मज़ा आया पर दर्द भी बहुत हो रहा है।

सबीना बोली - नेहा तेरे होने से मुझको भी बहुत मजा मिला है ! फिर सबीना ने नेहा के गुलाबी होठों अपने काले होंठ रख कर चुंबन या किस कर दी. किस करने के बाद नेहा के गुलाबी होठों को अपनी जुबान से चाटते हुए और सबीना नेहा की चूचियाँ सहलाती हुई बोली- अरे रानी, सेक्स में बहुत मज़ा है ऐसे डरा मत कर तू, अभी तो तुने दो ***** लण्डों का स्वाद थोड़ा सा ही चखा है। जब साथ साथ चूत और गाण्ड में घुसेंगे, तब देखना कितना मज़ा आएगा। अभी तो और मज़े करवाऊँगी बस तू रण्डी बन कर मज़े ले।

तभी नेहा थोड़ी ऊँची आवाज करके बोली - नहीं सबीना जी नहीं, अब नहीं हो पायेगा मुझसे. अब मैं इससे ज्यादा सहन नहीं कर पाऊँगी. सॉरी पर अब मुझको जाना होगा.

तभी सबीना बोली - अभी कहा मेरी रानी अभी तो बहुत समय बचा हुआ है. और सेक्स का मजा तो दर्द के साथ ही लिया जाता है नेहा ! जितना दर्द उतना ज्यादा मजा !

तभी यूसुफ बोला- सबीना देख मेरा लण्ड तो इसकी गाण्ड में जब घुस घुस कर चोट खा रहा था और दे रहा था, देख अब पूरा लाल और मस्त हो गया है। सबीना ने एक पप्पी यूसुफ के ** लण्ड के सूपडे या सुपारे पर ली और बोली- राजा, मज़े भी तो खूब लिए हैं। थोड़ी चोट लग भी गई है तो क्या हुआ। अभी तो इसके साथ बहुत देर तक बैटिंग करनी है। कुछ दिनों तक नेहा जब भी चलेंगी तो इसकी गाण्ड दुखेगी. हमारी प्यारी नेहा गुप्ता को भी तो याद रहना चाहिये कि उसकी चुदाई दो सच्चे ***** लण्ड से हुई थी.


अब जट से नेहा के गोरे बूब्स के निप्पल को नोचते हुए सबीना बोली- अब्दुल मिया का लण्ड गाण्ड में ओर डलवा लेना फिर कभी गाण्ड फटवाने में दर्द नहीं होगा।

नेहा बोली- नहीं बाबा नहीं ! अब्दुल जी का लण्ड अगर घुस गया तो मैं तो मर जाऊँगी।

सबीना हँसते हुए बोली- लण्ड से औरतें मरने लगतीं तो दुनिया कब की खत्म हो गई होती, मेरी नाजुक रानी ! चलो अब जल्दी से तैयार हो जाओ !

मैं साला बाहर खड़े खड़े यही सोचता रहा कि ये नेहा गुप्ता तो एक नंबर की माल निकली यार. काश मैंने इसको कभी दबोच लिया होता तो ये आज वो चुतिये चौकीदार अब्दुल की बाहों में नहीं मेरी बाहों में होती.....हट बहनचोद.... पर मैं मेरी गलती सुधारुगा..... आज तो नेहा गुप्ता तो मेरी बाहों में होगी ही................चाहे कुछ भी हो जाये..........!






To Be Continued............
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RE: मेरी गरीब किस्मत की अमीर कामुक दास्तान - by Dani Daniels - 08-05-2021, 11:47 PM



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