08-05-2021, 02:29 PM
तरुण के खड़े लंड से बने हुए तम्बू देख कर यह भली भाँती अंदाजा लगाया जा सकता था की तरुण का लण्ड काफी लंबा और मोटा होगा। दीपा कुछ देर तक भौंचक्की सी तरुण के पतलून में लम्बे लण्ड से बने हुए तम्बू को देखती रही। मैं अपनी साँसे रोक कर यह इंतजार करता रहा की मेरी भोली बीबी क्या करती है। दीपा तरुण के लण्ड को छूती है या नहीं?
कुछ देर सोचने के बाद दीपा ने शायद यह फैसला किया की जो काम उसे दिया गया है उसे पूरा तो करना ही पडेगा। मेरी बीबी ने कुछ सहमे हुए कुछ झिझकते हुए जहां तरुण के मोटे और लम्बे लण्ड ने तम्बू बनाया हुआ था वहाँ अपनी उंगलियां रखीं और काफी झिझक के साथ घबड़ाते हुए, दीपा ने तरुण के मोटे, लम्बे और छड़ के समान खड़े हुए लण्ड को सफाई का कपड़ा बिच में रखते हुए उसे अपनी हथेली में पकड़ा।
दीपा की उँगलियों को जैसे ही तरुण ने अपने लण्ड पर महसूस किया की एकदम तरुण के पुरे बदन में एक तेज सिहरन फ़ैल गयी और वह खड़े खड़े मचलने लगा। मैं यह देख कर हैरान रह गया की दीपा कुछ देर तक स्तब्ध सी बैठी हुए अपने हाथोंमें तरुण का तगड़ा लण्ड पकड़ कर खोयी सी कुछ सोचते हुए उसे अपनी हथेली में सहलाती रही। फिर जब अचानक उसे यह समझ आया की उसे तरुण का लण्ड पकडे हुए सहलाते हुए कुछ देर हो चुकी थी तब चौंक कर दीपा ने ऊपर देखा तो पाया की तरुण आँखें मूंदे खड़ा था। धीरे से दीपा ने तरुण के लण्ड को पकड़ रख कर उस के कारण बने हुए तम्बू के आसपास कपडे से सफाई की।
सफाई खतम हुई की अचानक दीपा चौंक गयी जब तरुण ने एक झटके में अपनी पतलून की ज़िप खोल दी और अपना पतलून अपनी टांगों के निचे उतार दिया। तरुण ने पतलून के निचे सफ़ेद सूती की पतले कपडे वाली छोटी निक्कर पहन रखी थी। तरुण की निक्कर में तरुण का लण्ड एकदम खड़ा छड़ की तरह जैसे झंडा फहराता हो ऐसे खम्भे के समान खड़ा साफ़ साफ़ दिख रहा था। जहां तरुण के लण्ड ने तम्बू बना रखा था वहाँ काफी गीलापन था और तरुण के लण्ड से निकली हुई चिकनाहट साफ़ साफ़ दिख रही थी। तरुण का लण्ड काफी लंबा और मोटा और तगड़ा होना चाहिए क्यों की निक्कर के अंदर से वह कम से कम सात आठ इंच बाहर निकला हुआ था। दीपा को तरुण का लण्ड उसकी पतली गीली निक्कर के अंदर चिकनाहट में लोथपोथ होने के कारण साफ़ दिखाई दे रहा था।
कुछ देर सोचने के बाद दीपा ने शायद यह फैसला किया की जो काम उसे दिया गया है उसे पूरा तो करना ही पडेगा। मेरी बीबी ने कुछ सहमे हुए कुछ झिझकते हुए जहां तरुण के मोटे और लम्बे लण्ड ने तम्बू बनाया हुआ था वहाँ अपनी उंगलियां रखीं और काफी झिझक के साथ घबड़ाते हुए, दीपा ने तरुण के मोटे, लम्बे और छड़ के समान खड़े हुए लण्ड को सफाई का कपड़ा बिच में रखते हुए उसे अपनी हथेली में पकड़ा।
दीपा की उँगलियों को जैसे ही तरुण ने अपने लण्ड पर महसूस किया की एकदम तरुण के पुरे बदन में एक तेज सिहरन फ़ैल गयी और वह खड़े खड़े मचलने लगा। मैं यह देख कर हैरान रह गया की दीपा कुछ देर तक स्तब्ध सी बैठी हुए अपने हाथोंमें तरुण का तगड़ा लण्ड पकड़ कर खोयी सी कुछ सोचते हुए उसे अपनी हथेली में सहलाती रही। फिर जब अचानक उसे यह समझ आया की उसे तरुण का लण्ड पकडे हुए सहलाते हुए कुछ देर हो चुकी थी तब चौंक कर दीपा ने ऊपर देखा तो पाया की तरुण आँखें मूंदे खड़ा था। धीरे से दीपा ने तरुण के लण्ड को पकड़ रख कर उस के कारण बने हुए तम्बू के आसपास कपडे से सफाई की।
सफाई खतम हुई की अचानक दीपा चौंक गयी जब तरुण ने एक झटके में अपनी पतलून की ज़िप खोल दी और अपना पतलून अपनी टांगों के निचे उतार दिया। तरुण ने पतलून के निचे सफ़ेद सूती की पतले कपडे वाली छोटी निक्कर पहन रखी थी। तरुण की निक्कर में तरुण का लण्ड एकदम खड़ा छड़ की तरह जैसे झंडा फहराता हो ऐसे खम्भे के समान खड़ा साफ़ साफ़ दिख रहा था। जहां तरुण के लण्ड ने तम्बू बना रखा था वहाँ काफी गीलापन था और तरुण के लण्ड से निकली हुई चिकनाहट साफ़ साफ़ दिख रही थी। तरुण का लण्ड काफी लंबा और मोटा और तगड़ा होना चाहिए क्यों की निक्कर के अंदर से वह कम से कम सात आठ इंच बाहर निकला हुआ था। दीपा को तरुण का लण्ड उसकी पतली गीली निक्कर के अंदर चिकनाहट में लोथपोथ होने के कारण साफ़ दिखाई दे रहा था।