07-04-2019, 08:27 PM
गुड्डो , हाईकॉलेज वाली पर लाइन ... नन्दोई जी
और गुड्डो , आज जो मैंने उसका सेक्सी लुक वाला मेकअप किया था ,
जिस तरह से चुन्नी उसके गले से चिपका कर , और उसके छोटे छोटे सोलह साल के बूब्स को हल्का सा पाउडर डाल के हाइलाइट किया था , ... एकदम मस्त लग रही थी ,
सारे लड़कों की निगाहें उसके कच्चे टिकोरों पर ही चिपकी ,
हम लोगों की ओर उसे आते देख कर , नन्दोई जी के मुंह से बेसाख्ता निकल गया ,
" ये स्साली तो आज आग लगा रही है ,... "
" तो सबसे पहले इसी का नंबर लगा दीजिये , आग बुझाने की मशीन तो आपके पास है ही। "
मैं हँसते हुए नन्दोई जी से सटी उनके कान में बोली।
गुड्डो की चुन्नी उसके गले से चिपकी , दोनों चूजे , उसके टाइट कुर्ते को फाड़ते , यहाँ तक की उसकी दोनों 'चोंचे ' भी साफ़ साफ़ झलक रही थीं ,
दोनों हाथों में गोलगप्पे की दो प्लेटें , ...
पर ननदोइ जी की आँखे कुर्ते से सर उठाये , दोनों चूजों पर ,...
" लीजिये न , ... " बड़ी शोख अदा में वो शोख हम दोनों से बोली।
" देखिये ये बेचारी इत्ते प्यार से आप से कह रही है , लीजिये न और आप ले नहीं रहे हो। देने वाली तैयार और लेने वाला ही पीछे "
मैंने गुड्डो और नन्दोई जी को साथ साथ छेड़ा।
" एकदम नहीं कोई ससुराल वाली दे , और मैं लेने से मना कर दूँ , ये हो नहीं सकता ,... "
और ये कहते हुए नन्दोई जी ने गोलगप्पा उठा लिया पर उसे गुड्डो को खिलाने की कोशिश करने लगे , पर षोडसी न न करती रही ,
मैं क्यों पीछे रहती , मैंने झट्ट से उस किशोरी के दोनों गाल दबा दिए कस के ,
और चट्ट से गौरेया की तरह उसने मुंह खोल दिया ,पट्ट से ,
" डाल दीजिये न इत्ते प्यार से इत्ता बड़ा सा खोला है , इसने "
मैं बोली और ननदोई जी ने पट्ट से गोलगप्पा उस गोरी के मुंह में डाल दिया ,
अब गुड्डो की चिढ़ाने की मेरी बारी थी , उसके गोरे गोरे गालों पास कस के चिकोटी काटते मैं बोली ,
" देख ना ना करते , एक बार में घोंट लिया न पूरा , सटासट ,... घबड़ा मत वैसे वो भी ,...
' बेचारी क्या बोलती , उसके मुंह में तो गोलगप्पा भरा था।
लेकिन अब मेरी बारी थी , नन्दोई जी ने और मैने साथ साथ एक गोलगप्पा उठाया , और एक दूसरे के मुंह में,...
मैंने खूब बड़ा सा मुंह खोला था।
पर गुड्डो से बोला ,
देख ऐसा कोई डालने वाला हो न तो पूरा बड़ा सा ही खोलना पड़ता है , तभी डालने वाले को भी मजा और डलवाने वाली को भी ,...
नन्दोई जी लेकिन बहुत ही बदमाश थे ,
" हे देख न थोड़ा सा पानी , तेरे ,... "
और उसको सुखाने के नाम पर पहले तो रुमाल से मेरी चोली पर , फिर सीधे अपनी उँगलियों से ही मेरे कसे कसे बड़े गदराये उभार को मसलने लगे ,
मैं भी बिना मना किये मसलवाती रही।
" नन्दोई जी , एक बार में थोड़ी इसका मन भरेगा , एक बार और डालिये , '
और अबकी गुड्डो ने खुद मुंह खोल दिया , और झट्ट से नन्दोई जी ने पूरा डाल दिया
लेकिन अबकी उस लड़की ने भी अपने हाथ से एक नन्दोई जी के मुंह में ,...
" देखिये नन्दोई जी , आपने इस बेचारी के भी कुर्ते पर गिरा दिया ,
अरे अंदर गिराना चाहिए , न बाहर थोड़े ही ,... "
मैं भी अब डबल मीनिंग डायलॉग बोलने में मास्टर हो गयी थी।
उसी समय लाइट भी चली गई , जेनरेटर से बस हलकी कहीं लाइट , और हम तीनों वैसे भी छत के कोने में और मेरी और गुड्डो की पीठ थी ,
इसलिए हम दोनों के अगवाड़े क्या हो रहा था , कोई नहीं देख सकता था।
नन्दोई जी को तो मौका चाहिए , दसवीं में पढ़ने वाली किशोरी , मस्त कच्चे टिकोरे , ... और उकसाने वाली मैं ,
उन्होंने हलके से हाथ लगाया पर मैं थी न आग में घी डालने वाली , .... हलके से बोली ,
' अरे इत्ते धीरे धीरे दबाएंगे तो न इसे मजा आएगा , न आपको। "
फिर तो नन्दोई जो एकदम खुल के , गुड्डो न बोल के मना कर सकती थी ,
उसके मुंह में गोलगप्पा भरा था , न हाथ से रोक सकती थी , दोनों हाथों में अभी भी गोलगप्पे की प्लेटें
और नन्दोई जी खुल के नए नए आये जोबन का रस ले रहे थे। यहाँ तक की चूजे की चोंच भी अपने अंगूठे और तर्जनी के बीच में दबा दे , सच में कोई खेली खायी भी गीली हो जाये , ... ये तो कच्ची बछेड़ी थी , नयी नवेली , षोडशी ,...
" अरे सारी ताकत आप सिर्फ बाएं वाले पर खर्च कर दे रहे हैं , और दाएं वाले के साथ कुछ भी नहीं , सख्त नाइंसाफी है , नन्दोई जी ,... "
और थोड़ी देर में गुड्डो के दोनों जोबन मले , मीजे जा रहे थे , वो मलवा , मिजवा रही थी।
तबतक जेठानी जी की आवाज आयी मेरे लिए और मैं गुड्डो के हाथ से प्लेटें लेकर , जेठानी जी की ओर और ,.. नन्दोई जी और वो टीनेजर अकेले थे।
मैंने एक बार हलके से पीछे मुड़ कर कनखियों से देखा , वो छोरी खिलखिला रही थी , एकदम सटी , चिपकी।
नन्दोई जी का एक हाथ उसके कंधे पर और दूसरा , उसके पिछवाड़े हलके हलके सहला रहा था ,
मैं समझ गयी , अब जो ये सट गयी है , पट गयी है,...
नन्दोई जी जैसे रसिया हैं , बहुत जल्दी उसकी फ़ट भी जायेगी।
उफ़ , मैं भी न शाम की बातें अभी से आपको बताने बैठ गयी ,...
हाँ तो मैं कह रही थी , मेरे नन्दोई जी बड़े ही रसीले , मस्त , ... एकदम खुल कर ,... और मुझसे बोले ,
तुम्हे मेरे नाम का मतलब मालूम है ,...
और गुड्डो , आज जो मैंने उसका सेक्सी लुक वाला मेकअप किया था ,
जिस तरह से चुन्नी उसके गले से चिपका कर , और उसके छोटे छोटे सोलह साल के बूब्स को हल्का सा पाउडर डाल के हाइलाइट किया था , ... एकदम मस्त लग रही थी ,
सारे लड़कों की निगाहें उसके कच्चे टिकोरों पर ही चिपकी ,
हम लोगों की ओर उसे आते देख कर , नन्दोई जी के मुंह से बेसाख्ता निकल गया ,
" ये स्साली तो आज आग लगा रही है ,... "
" तो सबसे पहले इसी का नंबर लगा दीजिये , आग बुझाने की मशीन तो आपके पास है ही। "
मैं हँसते हुए नन्दोई जी से सटी उनके कान में बोली।
गुड्डो की चुन्नी उसके गले से चिपकी , दोनों चूजे , उसके टाइट कुर्ते को फाड़ते , यहाँ तक की उसकी दोनों 'चोंचे ' भी साफ़ साफ़ झलक रही थीं ,
दोनों हाथों में गोलगप्पे की दो प्लेटें , ...
पर ननदोइ जी की आँखे कुर्ते से सर उठाये , दोनों चूजों पर ,...
" लीजिये न , ... " बड़ी शोख अदा में वो शोख हम दोनों से बोली।
" देखिये ये बेचारी इत्ते प्यार से आप से कह रही है , लीजिये न और आप ले नहीं रहे हो। देने वाली तैयार और लेने वाला ही पीछे "
मैंने गुड्डो और नन्दोई जी को साथ साथ छेड़ा।
" एकदम नहीं कोई ससुराल वाली दे , और मैं लेने से मना कर दूँ , ये हो नहीं सकता ,... "
और ये कहते हुए नन्दोई जी ने गोलगप्पा उठा लिया पर उसे गुड्डो को खिलाने की कोशिश करने लगे , पर षोडसी न न करती रही ,
मैं क्यों पीछे रहती , मैंने झट्ट से उस किशोरी के दोनों गाल दबा दिए कस के ,
और चट्ट से गौरेया की तरह उसने मुंह खोल दिया ,पट्ट से ,
" डाल दीजिये न इत्ते प्यार से इत्ता बड़ा सा खोला है , इसने "
मैं बोली और ननदोई जी ने पट्ट से गोलगप्पा उस गोरी के मुंह में डाल दिया ,
अब गुड्डो की चिढ़ाने की मेरी बारी थी , उसके गोरे गोरे गालों पास कस के चिकोटी काटते मैं बोली ,
" देख ना ना करते , एक बार में घोंट लिया न पूरा , सटासट ,... घबड़ा मत वैसे वो भी ,...
' बेचारी क्या बोलती , उसके मुंह में तो गोलगप्पा भरा था।
लेकिन अब मेरी बारी थी , नन्दोई जी ने और मैने साथ साथ एक गोलगप्पा उठाया , और एक दूसरे के मुंह में,...
मैंने खूब बड़ा सा मुंह खोला था।
पर गुड्डो से बोला ,
देख ऐसा कोई डालने वाला हो न तो पूरा बड़ा सा ही खोलना पड़ता है , तभी डालने वाले को भी मजा और डलवाने वाली को भी ,...
नन्दोई जी लेकिन बहुत ही बदमाश थे ,
" हे देख न थोड़ा सा पानी , तेरे ,... "
और उसको सुखाने के नाम पर पहले तो रुमाल से मेरी चोली पर , फिर सीधे अपनी उँगलियों से ही मेरे कसे कसे बड़े गदराये उभार को मसलने लगे ,
मैं भी बिना मना किये मसलवाती रही।
" नन्दोई जी , एक बार में थोड़ी इसका मन भरेगा , एक बार और डालिये , '
और अबकी गुड्डो ने खुद मुंह खोल दिया , और झट्ट से नन्दोई जी ने पूरा डाल दिया
लेकिन अबकी उस लड़की ने भी अपने हाथ से एक नन्दोई जी के मुंह में ,...
" देखिये नन्दोई जी , आपने इस बेचारी के भी कुर्ते पर गिरा दिया ,
अरे अंदर गिराना चाहिए , न बाहर थोड़े ही ,... "
मैं भी अब डबल मीनिंग डायलॉग बोलने में मास्टर हो गयी थी।
उसी समय लाइट भी चली गई , जेनरेटर से बस हलकी कहीं लाइट , और हम तीनों वैसे भी छत के कोने में और मेरी और गुड्डो की पीठ थी ,
इसलिए हम दोनों के अगवाड़े क्या हो रहा था , कोई नहीं देख सकता था।
नन्दोई जी को तो मौका चाहिए , दसवीं में पढ़ने वाली किशोरी , मस्त कच्चे टिकोरे , ... और उकसाने वाली मैं ,
उन्होंने हलके से हाथ लगाया पर मैं थी न आग में घी डालने वाली , .... हलके से बोली ,
' अरे इत्ते धीरे धीरे दबाएंगे तो न इसे मजा आएगा , न आपको। "
फिर तो नन्दोई जो एकदम खुल के , गुड्डो न बोल के मना कर सकती थी ,
उसके मुंह में गोलगप्पा भरा था , न हाथ से रोक सकती थी , दोनों हाथों में अभी भी गोलगप्पे की प्लेटें
और नन्दोई जी खुल के नए नए आये जोबन का रस ले रहे थे। यहाँ तक की चूजे की चोंच भी अपने अंगूठे और तर्जनी के बीच में दबा दे , सच में कोई खेली खायी भी गीली हो जाये , ... ये तो कच्ची बछेड़ी थी , नयी नवेली , षोडशी ,...
" अरे सारी ताकत आप सिर्फ बाएं वाले पर खर्च कर दे रहे हैं , और दाएं वाले के साथ कुछ भी नहीं , सख्त नाइंसाफी है , नन्दोई जी ,... "
और थोड़ी देर में गुड्डो के दोनों जोबन मले , मीजे जा रहे थे , वो मलवा , मिजवा रही थी।
तबतक जेठानी जी की आवाज आयी मेरे लिए और मैं गुड्डो के हाथ से प्लेटें लेकर , जेठानी जी की ओर और ,.. नन्दोई जी और वो टीनेजर अकेले थे।
मैंने एक बार हलके से पीछे मुड़ कर कनखियों से देखा , वो छोरी खिलखिला रही थी , एकदम सटी , चिपकी।
नन्दोई जी का एक हाथ उसके कंधे पर और दूसरा , उसके पिछवाड़े हलके हलके सहला रहा था ,
मैं समझ गयी , अब जो ये सट गयी है , पट गयी है,...
नन्दोई जी जैसे रसिया हैं , बहुत जल्दी उसकी फ़ट भी जायेगी।
उफ़ , मैं भी न शाम की बातें अभी से आपको बताने बैठ गयी ,...
हाँ तो मैं कह रही थी , मेरे नन्दोई जी बड़े ही रसीले , मस्त , ... एकदम खुल कर ,... और मुझसे बोले ,
तुम्हे मेरे नाम का मतलब मालूम है ,...