04-05-2021, 09:04 PM
(This post was last modified: 04-05-2021, 09:05 PM by usaiha2. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
धीरे-धीरे करके सुधा का बदन वस्त्र विहीन होने लगा वह अपने हाथों से अपनी साड़ी के पल्लू को कंधों से गिरा कर कमर में बंधी अपनी साड़ी को खोलने लगी,, और वहं अपनी साड़ी को वही नीचे रखदी,,, उसके खूबसूरत बदन पर से साड़ी के हटते ही उसकी बड़ी बड़ी गोलाकार चूचियां ब्लाउज के ऊपर से ही उभरी हुई नजर आने लगी जिसे देख कर अंदाजा लगाया जा सकता था कि सुधा की चूचियां बेहद शानदार और जानदार है। सुधा अपने हाथों से अपने ब्लाउज के बटन खोलने लगी जो की बड़ी मुश्किल से बंद की गई थी क्योंकि सुधा की चुचियों का आकार कुछ ज्यादा ही था जो कि उसकी ब्लाउज में ठीक से समा नहीं पाते थे, और इसी वजह से दोनों चुचियों के आपस में रगड़ खाने की वजह से बीच की लकीर कुछ ज्यादा ही लंबी और गहरी नजर आती थी जिस पर किसी का भी नजर पड़ने पर उसके बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ जाती थी। अगले ही पल सुधा एक एक करके अपने ब्लाउज के सारे बटन खोल चुकी थी और उसे अपने वहां से निकाल कर उसे भी लेकर जमीन पर रख दी थी लाल रंग की ब्रा के अंदर सुधा की बड़ी-बड़ी चूचियां बिल्कुल भी छुप नहीं पा रही थी। आधी से ज्यादा चूचियां ब्रा के बाहर नजर आती थी। सुधा अपने हाथों को नीचे की तरफ ले जाकर अपने पेटीकोट की डोरी को खोलने लगी,,, और देखते ही देखते उसके कदमों में गिर गई अब उसके बदन पर मात्र ब्रा और पेंटी की बची थी जोंकि इस समय उसके गोरे बदन को और भी ज्यादा खूबसूरत बना रही थी। सुधा को अपनी सहेली सीला से मिलने की कुछ ज्यादा ही ऊतावल थी, इसलिए जल्दी से अपनी पैंटी को उतारने के लिए वह अपनी उंगलियों में अपनी पेंटि के दोनों छोर को फंसाई ही थी कि उसकी नजर पेंटी के
उस फटे हुए हिस्से पर गई जहां से उसकी बुर के घुंघराले बाल नजर आ रहे थे। सुधा कुछ सेकंड का कुछ हिस्से को पकड़ कर उसे देखती रही और मन ही मन दुखी हो रही थी क्योंकि बहुत दिनों से वह अपने लिए नई पेंटी खरीदना चाहती थी लेकिन खरीद नहीं पा रही थी। इसलिए इस तरह की फटी पेंटी पहनना उसके लिए मजबूरी बन चुकी थी। दुखी मन से वहां अपनी पैंटी को उतारने लगी और अगले ही पल वह अपनी मोटी चीकनी जांघों से होती हुई अपनी पेंटी को अपने पैरों से बाहर निकाल दी,,, बदन से पेंटीके दूर होते ही उसका खूबसूरत बदन चमकने लगा,, ना चाहते हुए भी औपचारिकता वस सुधा का हाथ ऊसकी जांघों के बीच पहुंच गया, और सुधा अपनी नाजुक उंगलियों से अपने झांटो की झुरमुटो को सहलाने लगी,,, जो कि इस समय काफी बड़े हो चुके थे,,, सुधा के बड़े हो चुके घुंघराले झांटो की वजह से सुधा की खूबसूरत बुर की खूबसूरती और भी ज्यादा शोभायमान हो जा रही थी।
झाटों की झुरमुटों के बीच की पतली दरार बेशक इस समय बिल्कुल भी नजर नहीं आ रही थी। देखते ही देखते सुधा ठंडी आह भरते हुए अपनी हथेली का दबाव अपनी बुर पर बढ़ा दी जिसकी वजह से उसके मुख से हल्की सेी आह निकल गई,,, और सुधा तुरंत उस संवेदनशील जगह से अपने हाथ को हटा ली। वह अपनी शारीरिक जरूरत को अपनी कमजोरी नहीं बनाना चाहती थी। इसलिए वहां जल्दी जल्दी अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ लाकर अपनी ब्रा के हुक को खोल दी,,
सुधा इस तरह से नंगी होकर नहा रही थी ।
सुधा नहा कर तैयार हो चुकी थी और नाश्ता करके अपनी सहेली शीला के घर चल दी।
उस फटे हुए हिस्से पर गई जहां से उसकी बुर के घुंघराले बाल नजर आ रहे थे। सुधा कुछ सेकंड का कुछ हिस्से को पकड़ कर उसे देखती रही और मन ही मन दुखी हो रही थी क्योंकि बहुत दिनों से वह अपने लिए नई पेंटी खरीदना चाहती थी लेकिन खरीद नहीं पा रही थी। इसलिए इस तरह की फटी पेंटी पहनना उसके लिए मजबूरी बन चुकी थी। दुखी मन से वहां अपनी पैंटी को उतारने लगी और अगले ही पल वह अपनी मोटी चीकनी जांघों से होती हुई अपनी पेंटी को अपने पैरों से बाहर निकाल दी,,, बदन से पेंटीके दूर होते ही उसका खूबसूरत बदन चमकने लगा,, ना चाहते हुए भी औपचारिकता वस सुधा का हाथ ऊसकी जांघों के बीच पहुंच गया, और सुधा अपनी नाजुक उंगलियों से अपने झांटो की झुरमुटो को सहलाने लगी,,, जो कि इस समय काफी बड़े हो चुके थे,,, सुधा के बड़े हो चुके घुंघराले झांटो की वजह से सुधा की खूबसूरत बुर की खूबसूरती और भी ज्यादा शोभायमान हो जा रही थी।
झाटों की झुरमुटों के बीच की पतली दरार बेशक इस समय बिल्कुल भी नजर नहीं आ रही थी। देखते ही देखते सुधा ठंडी आह भरते हुए अपनी हथेली का दबाव अपनी बुर पर बढ़ा दी जिसकी वजह से उसके मुख से हल्की सेी आह निकल गई,,, और सुधा तुरंत उस संवेदनशील जगह से अपने हाथ को हटा ली। वह अपनी शारीरिक जरूरत को अपनी कमजोरी नहीं बनाना चाहती थी। इसलिए वहां जल्दी जल्दी अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ लाकर अपनी ब्रा के हुक को खोल दी,,
सुधा इस तरह से नंगी होकर नहा रही थी ।
सुधा नहा कर तैयार हो चुकी थी और नाश्ता करके अपनी सहेली शीला के घर चल दी।